WiFi क्या है और वाई फाई कनेक्शन कैसे करे?

ऐसे कंडीशन में हम वाई फाई का नाम जरूर लेते है  तो यहाँ पर बात ये आती है की क्या आपने कभी भी ये जानने की कोशिश की है की वाईफाई क्या है (What is WiFi in Hindi).

Wifi एक वायरलेस तकनीक है जिसका उपयोग कंप्यूटर, स्मार्टफोन, टेबलेट और दूसरे यंत्रों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए किया जाता है. यह रेडियो सिग्नल को राऊटर से यंत्र तक भेजता है जो सिग्नल को देखने को पढ़ने और देखने लायक डाटा कन्वर्ट में करती है.

भाई जरा मुझे वाई फाई दे दो मेरा आज डाटा ख़तम हो गया है!

ये आप अक्सर अपने दोस्तों के मुंह से सुनते ही होंगे या फिर कभी कभी आपको भी एक्स्ट्रा डाटा की जरुरत पड़ती होगी और आपने भी दूसरे दोस्तों से इंस्टरनेट का इस्तेमाल किया होगा.

कई  लोगों को ये जानने की इच्छा होती है की वाईफाई की रेंज कितनी होती है क्यूंकि कई बार घर से बाहर निकलते है और अपने रूम के आसपास भी इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं.

जो लोग इसके बारे में जानते हैं और इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं वो ये भी पता लगते हैं की वाईफाई कैसे लगवाएं? इसके अलावा ये भी जान जायेंगे की इसका फुल फॉर्म क्या है और ये कैसे काम करता है.

अगर आपको नहीं पता की इंटरनेट को केबल से होते हुए wireless तक पहुँचने में कितना सफर तय करना पड़ा तो आपको इस पोस्ट में मैं बताऊंगा.

क्या आपने पहले कभी ये जानने की कोशिश की है जब मोबाइल नेटवर्क नहीं थे और लोग सिर्फ टेलीफोन के जरिये एक दूसरे से बात किया करते थे उस वक़्त लोग इंटरनेट कैसे चलाते थे.

तो मैं आपको बता दूँ की उस समय इंटरनेट का कनेक्शन केबल के द्वारा लिया जाता था और इंटरनेट कनेक्ट करने में भी dial किया जाता था, इसमें काफी समय लगता था.

पुराने वक़्त में इंटरनेट का इस्तेमाल करना सबके लिए मुमकिन नहीं था. लोगो को इंटरनेट कैफ़े जाना पड़ता था लेकिन आज इंटरनेट सबके हाथों तक पहुँच चूका है.

वो भी बहुत fast काम करता है और किसी cable  की जरुरत भी नहीं है. 

हम अपने लैपटॉप में इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए वाई-फाई का इस्तेमाल करते हैं तो आखिर ये WiFi क्या होता है (What is WiFi in Hindi) हम आगे जानेंगे.

अगर ये न होता तो सोच लीजिये की आज भी हम अपने लैपटॉप और कंप्यूटर में केबल का कनेक्शन कर के चलाते इस पोस्ट के माध्यम से हम ये भी जानेंगे की इसका इतिहास क्या है.

WiFi क्या है – What is WiFi in Hindi?

wifi kya hai hindi- what is wifi in hindi

WiFi को हम Wi-Fi इस नाम से भी बोलते हैं. यह एक local area wireless टेक्नोलॉजी है.

ये एक ऐसी तकनीक है जिसमे वाई-फाई ISM radio bands का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से डाटा ट्रांसफर करने और इंटरनेट से कनेक्ट करने में मदद करता है.

ये टेक्नोलॉजी लोकल एरिया नेटवर्क के अंतर्गत आता है इसका मतलब है की इसका range कम एरिया तक ही होता है.

WiFi कंप्यूटर और दूसरे devices को wireless network की मदद से communicate करने में मदद करता है.

हम इस तकनीक के जरिये एक सिमित क्षेत्र में ही मोबाइल स्मार्टफोन, टैब, डेस्कटॉप with wifi dongle और लैपटॉप को इंटरनेट से कनेक्ट कर पाते हैं.

इस तरह से न हमे किसी internet broadband की जरुरत पड़ती है और न ही किसी cable connectivity वाले इंटरनेट कनेक्शन की.

वाईफाई का फुल फॉर्म क्या है – Full form of Wifi in Hindi

WiFi Alliance ने एक ट्रेडमार्क के रूप में इसे एक नाम दिया है जिसे हम अक्सर वाई-फाई के फुल फॉर्म Wireless Fidelity के रूप में जानते हैं.

क्या आपने कभी इस सेवा का इस्तेमाल किया है? 

आपका जवाब होगा  —  हाँ

जब कभी आपके मोबाइल का डाटा ख़तम हो जाता होगा तब भी आप पाने दोस्त को बोलते होंगे भाई थोड़ी देर के लिए डाटा दे दे.

तो उस वक़्त आपका दोस्त अपने फोन में hotspot ON करता होगा और आप अपने मोबाइल फोन में WiFi On कर के इंटरनेट कनेक्शन कर लेते होंगे. अब आप मेरे सवाल का जवाब दें.

क्या WiFi की सुविधा आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई या नहीं?

आपका जवाब भी यही होगा की हाँ ये बहुत काम की टेक्नोलॉजी है. क्यूंकि लैपटॉप और डेस्कटॉप में भी इंटरनेट चलने के लिए modem और cable इंटरनेट की जरुरत नहीं है.

WiFi का इस्तेमाल बहुत सारे डिवाइस में करते हैं जैसे PC, video game console, smartphones इत्यादि.

WiFi का इस्तेमाल करने के लिए हम खुद भी hotspot बनाते हैं जिसकी range 20 metres (66 feet)होती है. WiFi के components IEEE के द्वारा develop किये गए 802.11 standards पर आधारित होता है.

ये wireless network से connect करने के लिए standard तरीका प्रदान करता है. चलिए जानते हैं आखिर इस में प्रयोग होने वाले और standards क्या क्या हैं.

WiFi standards in chronological order

  • 802.11a
  • 802.11b
  • 802.11g
  • 802.11n
  • 802.11ac

अगर कोई wireless access point 802.11b या 802.11g  हो तो इनकी range indoor यानि घर के अंदर 120 feet और outdoor खुले जगह में 300 feet होती है.

आपने भले ही ध्यान नहीं दिया होगा लेकिन हमारे स्मार्टफोन, प्रिंटर और लैपटॉप में एक wifi chip लगी हुई होती है.

इसी के माध्यम से हमारा device wireless router से connect हो के हमें इंटरनेट चलाने की सुविधा देती है. हम आज wireless network के द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल हर जगह कर लेते हैं चाहे बैठे हो या फिर बाहर घूम रहे हों.

लेकिन ये कैसे काम करता है ये भी एक अहम् सवाल है तो चलिए इसे भी हम जान लेते हैं की ये Wi-Fi काम कैसे करता है ?

WiFi कैसे काम करता है?

अगर आप कभी एयरपोर्ट, कॉफ़ी शॉप, रेलवे स्टेशन जाते होंगे तो पक्का आप उस वक़्त wifi zone के अंदर में होते हैं.

कई ऐसे शहर हैं जहाँ सरकार ने wifi जोन बना रखा है जहाँ लोग जाकर इंटरनेट फ्री में इस्तेमाल कर सके लेकिन क्या हमने जानने की कोशिश की है आखिर ये टेक्नोलॉजी काम कैसे करती है.

कोई भी Wireless network radio waves का इस्तेमाल करते हैं जैसा की मोबाइल, टेलीविज़न और रेडियो करते हैं. ऐसा समझ लीजिये की जब भी wireless communication होता है ये हमेशा two-way radio communication होता है.

चलिए अब इसे देख लेते हैं ये कैसे होता है.

  1. हमारे लैपटॉप का wireless adapter जो होता है वो डाटा को radio waves में बदल देता है और इसे antenna के प्रयोग से transmit करता है.
  2. Wireless router signal को receive करता है और इसे decode कर देता है. Router information को physical wired ethernet connection के माध्यम से इंटरनेट में भेजता है.

यही प्रोसेस ठीक इसके उलटे में भी काम करता है जिसमे router internet से information receive करता है.

फिर इसे radio signal में बदल देता है और लैपटॉप के wireless adapter को भेज देता है. इसके network में radio waves बिलकुल उसी तरह से काम करते हैं जैसे radio waves walki-talkie और cell phone में काम करते हैं.

हमारे मोबाइल और दूसरे डिवाइस का Wifi chip radio waves को transmit और receive कर सकते हैं. और ये chip radio waves को 1 और 0 में convert कर सकते हैं  फिर 1 और 0 को वापस radio waves में भी बदल सकते हैं.

दोस्तों अभी तक तो आप समझ ही गए होंगे की इसका working प्रोसेस क्या है चलिए इसे मैं अब एक practical example से  समझाता हूँ.

मैंने एक broadband connection लिया था तो मुझे एक cable दिया गया था जिसे मैं अपने लैपटॉप में LAN केबल के रूप में लगा कर इस्तेमाल करता था.

लेकिन फिर मैंने अपने D-Link के router में लगा दिया और अब मेरे रूम के अंदर wifi का नेटवर्क बन गया इस तरह अब मैं बिना wire और केबल के रूम के किसी भी हिस्से या फिर रूम से बाहर बैठ कर इंटरनेट access कर पाता हूँ.

तो यहाँ आपने देखा की router से wireless network बनाने के लिए एक ethernet cable की जरुरत पड़ी जो इंटरनेट की कनेक्टिविटी देता है बाकि router हमारे लिए wireless नेटवर्क के रूप में wifi zone हमे बनाकर देता है.

अगर हम इसे सरल भाषा में बात करें तो मान लीजिये जब आप अपने मोबाइल का hotspot on करते हैं तो आपके मोबाइल के अंदर एक adapter लगा होता है वो डाटा को radio waves में बदल कर एक wifi zone बना देता है.

ये एक तरह से  WLAN (Wireless local Area Network) बन जाता है, जिसके अंदर आने वाला कोई भी मोबाइल, कंप्यूटर,लैपटॉप उसमे कनेक्ट कर सकता है.

इसका radio signal strong नहीं होता इसीलिए कम दूरी तक ही इसका सिग्नल जाता है (15-20 मीटर).

अब जब आप अपने लैपटॉप या दूसरे डिवाइस को इस wifi network से कनेक्ट करते हैं तो ये उस डिवाइस से इंटरनेट कनेक्शन establish कर देता है.

इस तरह हमने जिस डिवाइस को hotspot बनाया है वो इंटरनेट से भी कनेक्टेड होता है और router की तरह काम करता है.

जिससे जुड़े सभी डिवाइस के डाटा information को radio waves में बदलता रहता है और transmit करता है और फिर radio waves को डाटा में भी बदलता है.

यानि ये router और transmitter दोनों का काम करता है. अब आप को आईडिया हो गया होगा की wifi कैसे काम करता है.

आजकल लगभग हर डिवाइस जैसे मोबाइल, टेबलेट, Ipad, लैपटॉप में inbuilt wifi adapter होता है जिससे इंटरनेट access आसानी से कर लेते हैं.

लेकिन desktop कंप्यूटर में inbuilt adapter नहीं होता लेकिन हम अलग से USB port के माध्यम से adapter लगा कर इस्तेमाल कर सकते हैं.

WiFi का इतिहास – History of Wi-Fi in Hindi

वैसे तो Wi Fi को आम जनता के लिए 1985 में शुरू किया गया था लेकिन इसकी शुरुआत इसकी नींव 14 साल पहले ही रख दी गयी थी.

इसकी शुरुआत तब हुई जब 1971 में University of Hawaii ने पहले बार लोगों के सामने wireless packet data network, ALOHAnet का demo के रूप में presentation दिया, जो की UHF (Ultra High Frequency) radio waves के ऊपर आधारित था.

फिर जाकर 1985 में America के Federal Communications Commission (FCC) ने ये एलान किया की wireless  spectrum को कोई भी  बिना Government license के communication करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है.

इसमें release की गयी frequency 900MHz, 2.4 GHz और 5 .8 GHz थी. 1985 में ही IBM ने TOKEN Ring LAN की शुरुआत की जिसकी स्पीड 4 Mbps थी.

CR और AT &T Corporation ने मिलकर WaveLAN को शुरू करने का प्रस्ताव रखा जो की Ethernet और Token Ring सिस्टम के जगह ले लेता.

ये 900MHz या 2.4 GHz प्र काम करता और इसकी speed 1 से 2 Mbps थी.

इसके बाद इस  1989 में WaveLAN design को Institute of Electrical and Electronics Engineers 802 standard committee को जमा कर दिया गया.

वाईफाई के जनक – Father of WiFi 

1990 में IEEE 802.11 wireless LAN working group का निर्माण किया गया जिसके चेयरमैन Vic Hayes थे और जिन्हे Father of WiFi भी बोला जाता है.

San Francisco में हो रहे conference में Henrik Sjodin ने एक प्रस्ताव रखा जिसके अनुसार एक ऐसा public acceess  local area network का निर्माण जिसे ऍम आदमी इस्तेमाल कर सके.

वैसे उस वक़्त इसका नाम नहीं सोचा गया था लेकिन इसे आज हम “Hotspot” के नाम से जानते हैं.

Carnegie Mellon university में AT&T ने अपना WaveLAN project का largescale installation पूरा किया। इस सिस्टम को टेस्ट करने के लिए ये पहला कदम था जिसे 1993 में पूरा किया गया. 

Carnegie Mellon university के  Dr. Alex Hills ने wireless research की शुरुआत की और campus के 7  building को कवर करने का लक्ष्य रखा. 

इस project का नाम था Wireless Andrew और इस पर National Science Foundation ने पैसे लगाए.

इसके बाद 1997 में 802.11 protocol का पहला version release किया गया और इसमें 2 Mbps speed की क्षमता थी.

इसके एक साल बाद ही इसकी दुनिया में एक नयी क्रांति की शुरुआत हुई जिसकी नींव पहले ही राखी गयी थी लेकिन शुरुआत यहाँ से हुई.

Mark Goode और Greg Jackson की company MOBILESTAR जो की wireless internet service provider कंपनी थी.

यही वो पहले कंपनी थी जिसने “Hotspot” term का नाम दिया और इसकी सेवा भी शुरू की.

Mobilestar दुनिया की पहली कंपनी बानी जिसने एयरपोर्ट,होटल और कॉफ़ी शॉप में hotspot के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा प्रदान की और इसके लिए American Airlines, Hilton hotels, और Starbucks के साथ contract भी sign किया.

WiFi Alliance का गठन 1999 में किया गया जो की एक nonprofitable trade association थी.

इसने यूजर experience देने के लिए Wifi ट्रेडमार्क का जिम्मा लिया और सभी products को भी verify करने का काम शुरू कर दिया। इसी साल Apple ने अपने iBooks में WiFi slots की शुरुआत की जिसका नाम रखा गया “Airport”.

इसी के बाद 802.11b standard approve किया गया जिसकी frequency 2.4 GHz और स्पीड 11 Mbps थी.

इसके एक महीने बाद ही 802.11 A standard भी approve कर दिया गया. इसकी स्पीड काफी ज्यादा थी. ये 5 GHz की frequency में 54 Mbps की स्पीड थी. इसके बाद

  • 1999 – 802.11b
  • 2000 – 802.11a
  • 2003 – 802.11g
  • 2004 – 802.11i
  • 2005 – 802.11e
  • 2009 – 802.11n
  • 2009 – 802.16 WiMax Protocol

इसके बाद 2010 पूरी दुनिया में  WiFi hotspots की संख्या 1Million हो चुकी थी फिर president Barack Obama ने 500 MHz frequency को wireless indusry के लिए फ्री करने के लिए memorandum पर sign किया.

2014 – 802.1ac standard approve किया गया जिसकी गज़ब की स्पीड थी 1733 Mbps और इसके लिए 5 GHz की frequency का इस्तेमाल किया गया.

2015 में पूरी दुनिया में WiFi hotspots की संख्या 70 Million हो गई. तो दोस्तों अब तो आप जान चुके हैं की wireless network  का इतिहास कितना पुराना है और ये काफी लम्बे सफर के बाद हम तक पहुंचा है.

WiFi के बेस्ट Features

हर कोई चाहता है की  उसका इसकी गति fast और सुरक्षित हो इसके अलावा इसमें अच्छे features का होना जरुरी है.

तो चलिए जानते हैं की वो कौन से features हैं जो की आपके वाईफ़ाई  में जरूर होना चाहिये.

High Capacity Load Balancing

शुरू में wireless network का निर्माण सिर्फ coverage को ध्यान में रख कर किया गया था.

लेकिन आ जा ऐसा दौर आ चूका है जब हर किसी के बहुत सारे devices हैं और वो इंटरनेट की connectivity के लिए एक साथ बहुत से devices का इस्तेमाल करते हैं.

इसीलिए आजकल के इसमें load capacity को balance करने की क्षमता का होना बहुत जरुरी है. ताकि अपनी मर्ज़ी के अनुसार कई सारे devices को अच्छी स्पीड के साथ हम प्रयोग कर सके.

Indoor and Outdoor Coverage Option

वैसे तो आपको लगता होगा की ये सिर्फ रूम या घर के अंदर ही प्रयोग करने के लिए चाहिए.

लेकिन आप अभी जब बाहर देखते ही होंगे की रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टेशन में भी इसका zone बना रहता है. अगर आप कभी  router लेने जाएँ तो ये भी जरूर ध्यान रखें की इस में हम outdoor coverage की capability हो.

Scalability

नए wireless devices की popularity हमेशा बढ़ती जाती है. आपके wireless system में ये capacity होनी चाहिए आप उसे अपनी जरुरत के अनुसार छोटे और बड़े दोनों पैमाने यानी आवशयकता के अनुसार capacity और coverage घटा बढ़ा के काम के सके.

Speed

क्या आपने कभी रेलवे स्टेशन की wifi को इस्तेमाल किया है. अगर इस्तेमाल किया होगा तो जरूर पता  होगा की speed कैसी होती है.

मोबाइल में इंटरनेट जब उसे करते हैं तो इसकी speed wifi की तुलना में काम ही होती है.

हम जब कोई movie को डाउनलोड करने के लिए wireless network का इस्तेमाल करते हैं तो ये mobile की तुलना में बहुत जल्दी download होता है.

वही अगर Live streaming की बात करें तो mobile internet में video load होने में time लगता है लेकिन wifi में वीडियो अच्छी quality के साथ बिना buffer किये हुए चलता है.

Mobile Device Management

अब आप एक बार सोचे की आपके wireless network में कितने mobile access कर रहे होंगे.

अब इतने सारे मोबाइल devices जब एक network से जुड़ेंगे तो हज़ारों एप्लीकेशन भी उस में run किये जायेंगे.

अब आप उसमे इन सभी को मैनेज कैसे करेंगे जब एक device आएगा फिर दूसरा device आकर कनेक्ट होगा.

Mobile Device Management की मदद से आप इन सभी application को अपनी मर्ज़ी से control कर सकते हैं.

आप इस नेटवर्क से remotely उस device को remove कर सकते हैं जो device खो गया हो या फिर चोरी हो गया हो.

Efficiency

क्या आपने कभी गौर किया है की आप जब नार्मल जीवन में मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं और जब train में सफर करते हुए इस्तेमाल करते हैं तो की समय आपके मोबाइल की बैटरी जल्दी ख़तम होती है.

जी हाँ actually जब हम सफर में होते हैं तो बार बार network change होता रहता है.

इसकी वजह से battery बहुत जल्दी जल्दी ख़तम हो जाता है. वहीँ अगर हम बात करे इस सेवा की तो ये radio waves का इस्तेमाल करते हैं.

जिसकी वजह से मोबाइल की बैटरी जल्दी ख़त्म नहीं होती.

Affordable

दोस्तों मोबाइल में जब हम किसी नेटवर्क का इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं तो इसमें एक limitation दी जाती है की आप इतना ही data का उपयोग कर सकते हैं.

अगर आप इसका यूज़  करेंगे तो उसमे unlimited plan भी होता है और speed  भी constant होता है.

आपके लिए data use करने का कोई limitation नहीं रहेगा . आप अपनी मर्ज़ी से जितनी चाहो डौन्लोडिंग कर सकते हैं.

अगर आप डाटा का भी हिसाब लगाएंगे तो आपको बहुत ही सस्ता लगेगा मोबाइल के प्लान की तुलना में.

Wifi के फायदे – Advantages of WiFi in Hindi

  1. Access Points से बने इसके नेटवर्क में clients को जोड़ना और remove करना बहुत आसान है.
  2. इसका installation करना आसान है और बहुत ही जल्दी हो जाता है. इसके लिए technical knowledge का होना भी जरुरी नहीं है.
  3.  इसके network में access करने के लिए दूसरे डिवाइस को सिर्फ पासवर्ड की जरूरी पड़ती है. इसीलिए इसमें कनेक्टिविटी के लिए ज्यादा कुछ करने की जरुरत भी नहीं होती.
  4. WiFi enable USB Dongle मार्केट में बहुत काम दाम में उपलब्ध है.और आप बहुत सस्ते दाम में TP-Link, D-Link और Tenda का USB dongle खरीद सकते हैं.
  5. सबसे latest standards version 11n और 11ac है जो बहुत faster speed में डाटा deliver करते हैं जिसकी स्पीड 300Mbps और उससे भी ज्यादा है.
  6. Mobile devices में इसके function को integrate करना काफी आसान है.लाखों करोड़ों लोग आज smartphones का इस्तेमाल करते हैं जिसमे wifi की सुविधा inbuilt दी जाती है.

Disadvantages of WiFi in Hindi

  1. जब एक ही network  में devices की संख्या बढ़ती जाती है तो data transfer rate काम होता जाता है.
  2. इस सिस्टम के wireless होने की वजह से इसमें full security देना बहुत मुश्किल है. इसके लिए proper security authentication protocols और configuration की जरुरत पड़ती है.
  3. Access Point और अच्छे signal strength वाले range में ऐसी devices पूरी functionality के साथ काम करते हैं. WiFi access करने का सबसे अच्छा range 30 से 100 तक होता है. इससे बाहर जाने पर इसकी strength कम हो जाती है.
  4. अगर कभी ये सेवा काम नहीं करता तो उसके troubleshoot की जरुरत पड़ती है. इसके लिए device की basic knowledge का होना जरुरी है.

वाईफाई कैसे लगवाएं?

अगर आप इस सेवा का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको तो पहले ये पता लगाना होगा की आपके एरिया में कौन कौन से नेटवर्क उपलब्ध हैं जो इस सेवा को दे रहे हैं.

Tikona, Spectranet, ACT ब्रॉडबैंड, Airtel  ब्रॉडबैंड सेवा अगर आपके क्षेत्र में इनमे से कोई सेवा उपलब्ध है तो उनसे संपर्क करें और उनके प्लान के बारे में पूछें.

इसके अलावा बीएसएनएल भारत के हर हिस्से में उपलब्ध होती है और बहुत जल्द जिओ फाइबर भी आपके घर तक पहुँच जायेगा. अगर आपके एरिया में Tikona उपलब्ध है तो उस की सेवा ;लें लें क्यूंकि ये काफी सस्ता और अच्छा प्लान देते हैं.

इन में किसी की भी सेवा को चुने और प्लान चुन ले. इसके बाद अपने घर में वाईफाई नेटवर्क बनाने के लिए आपको एक राऊटर की जरुरत होगी.

इसमें आप ब्रॉडबैंड नेटवर्क के Ethernet cable को कनेक्ट करे और राऊटर को access कर के यूजर आईडी पासवर्ड सेट करे. इस तरह आप अपना वाईफाई नेटवर्क तैयार हो जायेगा.

वाईफाई की रेंज कितनी होती है?

सामान्य तौर पर ये नेटवर्क traditionally 2.4 GHz band की जो राऊटर होती है उसकी range 150 फ़ीट यानि की 46 मीटर indoor में होती है.

अगर outdoor की बात करें तो इसकी range 300 फ़ीट यानि की 92 मीटर होती है. इसकी तुलना में जो पुराने राऊटर 802.11a के होते थे उनकी band 5 GHz की होती थी और इसका रेंज इससे 3 गुना कम होता था.

संक्षेप में

जरा एक बार सोच के देखिये की आज के वक़्त में भी वाई फाई न होता तो हम कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल में जो इंटरनेट का इस्तेमाल कर लेते हैं वो कैसे करते? इसके आने के बाद से आप लैपटॉप को हाथ में लेकर कहीं भी जाकर इंटरनेट का इस्तेमाल कर लेते हैं. यहाँ तक की मोबाइल में जब डाटा ख़तम हो जाता है तो दोस्त का इंटरनेट भी इसकी मदद से इस्तेमाल कर लेते हैं.

आज आपने जाना की वाईफाई क्या है (What is WiFi in Hindi) और वाईफाई कैसे लगवाए. इसके अलावा आप ये भी जान चुके हैं की इसका फुल फॉर्म क्या है, और ये कैसे काम करता है.

हम कभी कभी इसका इस्तेमाल जरूर करते हैं भले ही अपने दोस्त के मोबाइल फोन से या फिर रेलवे स्टेशन नेटवर्क का हो. इसका इतिहास काफी पुराना है और इसके बारे में भी हमने इस पोस्ट में बात किया की इसका इतिहास क्या है और ये हम तक कैसे पहुंचा.

इसके बहुत advantages हमे पहले से मालूम है लेकिन इसके कुछ disadvantages भी हमने यहाँ जाना. तो दोस्तों आपको ये पोस्ट कैसा लगा कमेंट करके हमे जरूर बताएं. अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे  साथ जरूर शेयर करें. ताकि उन्हें भी इस के बारे में जानकारी मिल सके.

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

10 thoughts on “WiFi क्या है और वाई फाई कनेक्शन कैसे करे?”

  1. Wow nice article wasim akram sir.very helpful article.But i have a doubt.Sir please help me.Can u tell me which is best paid tool for long tail keyword researching. Plz help…

    Reply
  2. Bahut accha article. aap ki jaankari mujhe bahut acchi lagi. wifi use karte the lekin ye nahi pta tha ye kaam kaise karta tha sach mein aap ki article ki information bahut acchi thi.

    Reply

Leave a Comment