सुपर कंप्यूटर को हिंदी में महासंगणक भी कहा जाता जो की एक ऐसा कंप्यूटर होता है जिसकी गति और मेमोरी एक आम कंप्यूटर की तुलना में बहुत ज्यादा होती है. इस प्रकार का कंप्यूटर अपनी जनरेशन के किसी भी कंप्यूटर की अपेक्षा बहुत ही तेज़ गति यानि की हज़ारो गुना तेज़ गति से कार्य करता है.
कंप्यूटर के बारे में तो दुनिया लगभग हर व्यक्ति जानता है लेकिन आज हम कंप्यूटर की बात नही करेंगे हम बात करने वाले हैं सुपर कंप्यूटर के बारे में इस के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं और हो सकता है आप भी उन में से हो जिन्होंने इसका कभी नाम भी नही सुना.
यह भी एक कंप्यूटर ही होता है लेकिन इसे हम कंप्यूटर का अपग्रेड सिस्टम भी कह सकते हैं. क्योंकि यह नार्मल कंप्यूटर से बहुत अलग होता है.
यह बाकी कंप्यूटर की तुलना में बहुत अच्छे और तेज़ चलते हैं इसकी प्रोसेस स्पीड नार्मल कंप्यूटर से बहुत कई गुना फ़ास्ट होती है. पहले के समय में कंप्यूटर बहुत बड़े आकार के होते थे लेकिन जैसे जैसे तकनीक में सुधार आया तो कंप्यूटर का साइज छोटा होता चला गया और आज के कंप्यूटर छोटे साइज के होते हैं.
वही अगर इस कंप्यूटर की बात करे तो यह नार्मल कंप्यूटर से आकार में थोड़ा बड़ा होता है लेकिन पहले के जमाने वाले कंप्यूटर के मुकाबले इसका साइज छोटा ही होता है. आज के इस आर्टिकल में हम सुपर कंप्यूटर क्या है और इस से जुड़ी अन्य सभी विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.
सुपर कंप्यूटर की परिभाषा
सुपर कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर है जो एक साधारण कंप्यूटर से हज़ार गुना तेज़ गति से काम करता है. इसे वैज्ञानिक कार्यों के अलावा कई विशेष कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है. सुपर कंप्यूटर क्या है यह जानने से पहले हमें कंप्यूटर के बारे में जानना होगा जिस से इसे समझने में आसानी होगी.
एक कंप्यूटर के बारे में आप यह जानते हो कि यह किसी फ़ाइल बनाने के लिए या कोई आफिस वर्क के लिए काम मे आता है लेकिन इसकी डेफिनेशन कुछ इस प्रकार है एक नार्मल कंप्यूटर हार्डवेयर जैसे कीबोर्ड, माउस के माध्यम से इनपुट लेता है.
फिर उसे प्रोसेस करता है हार्डवेयर की मदद से इनपुट लेकर कार्य को पूरा करता है और उसका आउटपुट आपको देता है. उदहारण के तौर पर जैसे कोई मालिक अपने नोकर को कार्य करने के लिए बोलता है तो वह कार्य करके अपने मालिक को देता है.
वैसे ही एक नॉर्मल कंप्यूटर काम करता है. जिसको हम कार्य के लिए हार्डवेयर की मदद से इनपुट देते हैं और बदले में कंप्यूटर हमे उस डेटा का आउटपुट देता है हर एक नार्मल कंप्यूटर इसी तरह से काम करता है.
लेकिन एक सुपरकंप्यूटर इस से कई हजार गुना तेज़ काम करने की क्षमता रखता है. यह एक सेकंड में एक अरब गणना कर सकता है.
सुपर कंप्यूटर की गति को मेगा फ्लॉप में मापा जाता है. “फ्लोटिंग पॉइंट ऑपरेशंस प्रति सेकंड” सुपर कंप्यूटर की क्षमता को मापने का आधुनिक पैमाना है.
शुरुआत में सुपर कंप्यूटर की गति को मेगा फ्लॉप में मापा गया था. और बाद में गिगा फ्लॉप्स और टेरा फ्लॉप्स में मापा गया और अब सुपर कंप्यूटर की क्षमता और गति को पीटा फ्लॉप में मापा जाता है.
सुपर कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग द्वारा एप्पलीकेशन और बड़े कार्यों के लिए करते है. जिसमें बहुत सारे डेटाबेस गणना कार्य शामिल हैं. यह अन्य कंप्यूटरों की तुलना में बहुत महंगे हैं. जिनका उपयोग किसी विशेष एप्लिकेशन के लिए किया जाता है.
इस कंप्यूटर का आकार इस पर निर्भर करता है कि वह कंप्यूटर कितने कंप्यूटर से मिल कर बना है एक सुपरकंप्यूटर 10,100, और हजार कंप्यूटर से मिलकर बना हो सकता है.
सुपर कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम:
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग नए युग के सुपर कंप्यूटरों में किया जाता है, हालांकि निर्माता अपनी आवश्यकताओं के अनुसार ऑपरेटिंग सिस्टम को भी बदलते हैं.
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है और इसकी विशेषताएं? ये भी जरूर पढ़ें.
लिनक्स के अलावा, बुलक्स एससीएस, एसयूएसई सेंटोस और क्रे लिनक्स जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम भी उपयोग किए जाते हैं.
इसमे वह ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल भी होता है जो हमारे सामान्य कंप्यूटर में होते हैं बस उन में थोड़ा बदलाव किया जाता है.
सुपर कंप्यूटर कैसे काम करता है?
सुपर कंप्यूटर बहुत तेज़ और शक्तिशाली हैं, उनका उपयोग केवल वहीं किया जाता है जहाँ बहुत बड़ी और तेज़ गणना की आवश्यकता होती है.
इसके अलावा इसका उपयोग किसी विशेष कार्य या विशेष ऑपरेशन के लिए किया जाता है क्योंकि ऑपरेशन के समय बहुत तेज़ काम किया जाता है और बहुत सारा काम समय पर करना पड़ता है.
यही नहीं इस सुपर कपूर की मदद से वैज्ञानिक मौसम का पूर्वानुमान लगते हैं और बताते हैं की आने वाले कल का मौसम कैसा रहेगा.
सुपर कंप्यूटर बहुत महंगे हैं. जिनका उपयोग केवल बहुत बड़े कार्यों के लिए किया जाता है. तो चलिए आगे बताते हैं कि सुपर कंप्यूटर को कौन से कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है.
सुपर कंप्यूटर के उपयोग?
जलवायु अनुसंधान- इसके द्वारा यह पहले से ही पता लगा लिया जाता है कि जलवायु में कैसे कैसे परिवर्तन आने की संभावना है.
मौसम की भविष्यवाणी- आज हम पहले से ही आने वाले मौसम का अनुमान लगा लेते हैं हम इंटरनेट पर देख कर जान जाते हैं कि आने वाले दिनों में मौसम में क्या परिवर्तन आएगा यह सब इस कंप्यूटर के द्वारा सम्भव हो पाता है.
शरीरिक सिमुलेशन- शरीर में होने वाले परिवर्तनों और गतिविधियों का पता लगाया जा सकता है. इनके इलावा कुछ अन्य कार्यों की सूची इस प्रकार है:
● परमाणु ऊर्जा अनुसंधान
● कोड ब्रेकिंग
● क्वांटम यांत्रिकी
● तेल और गैस की खोज
● जेनेटिक एनालिसिस
● आणविक मॉडलिंग
● तरल गतिशील करना
विश्व का सुपर कंप्यूटर
अगर विश्व के सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर की बात करे तो यहाँ पहले नंबर पर आते हैं अमेरिका के दो सुपर कंप्यूटर जिनको दुनिया के सबसे तेज़ कंप्यूटर माना जाता है. इन दोनों कंप्यूटर का नाम समिट और सिएरा है.
समिट नाम के सुपर कंप्यूटर को 2018 में एक गणना को सबसे तेज़ करने पर सबसे तेज़ घोषित किया गया था. अगर बात की जाए दुनिया के सबसे तेज़ दस सुपर कंप्यूटर की तो इनमें भारत, चीन, अमेरिका, और जापान के सुपर कंप्यूटर शामिल हैं.
भारत का सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर
डॉ हर्षवर्धन ने 8 जनवरी 2018 को पुणे में भारत का पहला सबसे तेज़ और मल्टीप्लेक्स सुपरकंप्यूटर समर्पित किया.
इस सुपरकंप्यूटर का नाम सूर्य के नाम पर प्रत्यूष रखा गया है. इसे भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे में स्थापित किया गया है, जो पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सटीक मौसम और जलवायु पूर्वानुमान में और सुधार करेगा.
वास्तव में, ‘प्रत्यूष’ कई कंप्यूटरों की एक संयुक्त कड़ी है, जो अधिकतम 6.8 पेटाफ्लॉप्स तक की गणना करने में सक्षम हैं. भारत के सुपरकंप्यूटर का स्थान दुनिया के सबसे तेज़ कंप्यूटर में चौथे नंबर पर आता है.
सुपरकंप्यूटर की कीमत कितनी होती है?
अब अगर इस कंप्यूटर की कीमत की बात करे तो इस कंप्यूटर की कीमत निर्भर करती है उसके गणना करने की स्पीड पर और उसके आकार पर जितना तेज़ और बड़ा यह कंप्यूटर होगा उसकी कीमत उतनी ही ज्यादा होगी.
लेकिन अगर फिर भी कीमत की बात की जाए तो एक इस कंप्यूटर की कीमत 20000 डॉलर से 300 मिलियन डॉलर तक हो सकती है. अगर भविष्य में इस से भी तेज सुपरकंप्यूटर का निर्माण होता है तो उसकी कीमत ज्यादा होने की भी संभावना है.
भारत के पांच सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर
यह कंप्यूटर आज दुनिया भर में काफी उपयोग किये जाते है कही न कही इनका उपयोग अवश्य मिल जाता है. इन कंप्यूटर के भी कुछ प्रकार है जिनके बारे।में आप नीचे पड़ सकते है:
- प्रत्यूष – करे एक्स सी 40
- मिहिर – करे एक्स सी 40
- InC1 – लेनोवो सी 1040
- SERC – करे एक्स सी 40
- iDataPlex DX360M4
दुनिया का पहला सुपरकंप्यूटर कब और किसने बनाया?
अगर कंप्यूटर के निर्माण का इतिहास देखा जाए तो आपको पता चलेगा कि यह किसी एक व्यक्ति द्वारा नही बनाया गया है इसमे बहुत लोगों का अलग अलग योगदान रहा है जिसके चलते आज हम कंप्यूटर और सुपरकंप्यूटर जैसी मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
अगर फिर भी किसी एक व्यक्ति की अगर बात की जाए कि इस कंप्यूटर को किसने बनाया है तो हमारे साहमने नाम आता है “सिमौर करे” का जिस का बहुत बड़ा योगदान है इस कंप्यूटर के निर्माण में सबसे पहला सुपरकंप्यूटर सन 1976 में अमेरिका में बनाया गया था.
सुपर कंप्यूटर के फायदे
कंप्यूटर आज मानव जीवन के लिए कितना जरूरी बन चुका है यह लगभग आज सभी लोग अच्छी तरह से जानते है आज किसी भी व्यक्ति के लिए कंप्यूटर के बिना काम करना हद तक मुश्किल होता है जा रहा है.
कंप्यूटर जैसी टेक्नॉलजी के कारण ही आज इस दुनिया को कंप्यूटर का युग कहाँ जाने लगा है. जिस प्रकार इस एक नार्मल कंप्यूटर ने मानव के जीवन को बदल कर रख दिया है वैसे ही इस सुपर कंप्यूटर के मानव जीवन के लिए अनेक फायदे है जिनके बारे में आप नीचे विस्तृर रूप से जान सकते है:
- आज कई क्षेत्रों में सुपर कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है. आईबीएम और पेपल जैसी ऑनलाइन कंपनियां भी आज इसका उपयोग कर रही हैं. इसकी मदद से ऑनलाइन फ्रॉड से बचा जा सकता है.
- सुपर कंप्यूटर न केवल सामान्य कंप्यूटर की तुलना में अधिक गति देता है, बल्कि इसका उपयोग करके हम इंटरनेट पर धोखाधड़ी से भी बच सकते हैं.
- आज कई ऑनलाइन कंपनियों द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा है. हमारे दैनिक जीवन में, एक सामान्य कंप्यूटर से बहुत सारे काम आसानी से किए जा सकते हैं, लेकिन आज भी वैज्ञानिकों के लिए, कई चीजें हैं जो एक सामान्य कंप्यूटर द्वारा की जाएं तो इसको पूरा होने में कई साल लग सकते हैं. ऐसा करने के लिए सुपर कंप्यूटर की आवश्यकता होती है.
- इस सुपर कंप्यूटर के चलते ही हम आज बहुत सारी ऐसी गतिविधियां हैं जिन का पता हम उनके होने से पहले ही लगा सकते हैं जैसे मौसम के बारे में और आने वाले भूकंप के बारे में.
सामान्य कंप्यूटर और सुपर कंप्यूटर की तुलना
अगर हम अपने होम कंप्यूटर से इसकी तुलना करें तो, जहाँ पर्सनल कंप्यूटर और लैपटॉप की सुविधा का ध्यान रखा जाता है की अधिक से अधिक लोग इसका उपयोग कर सकें. जबकि सुपर कंप्यूटर में गति बढ़ाना सबसे बड़ा उद्देश्य है क्योंकि ये कंप्यूटर हम जैसे लोग उपयोग ही नही करते यह सिर्फ विशेषज्ञ लोग इस्तेमाल करते हैं.
पर्सनल कंप्यूटर के क्षेत्र में, सॉफ्टवेयर ऐसा है कि कंप्यूटर अधिक से अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल हो जाते हैं. लेकिन सुपर-कंप्यूटर में ऐसा कोई प्रयास नहीं किया जाता है. क्योंकि जो लोग इसका उपयोग करते हैं वे कंप्यूटर के अनुकूल हैं.
उनके संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञ हैं और एक सुपर कंप्यूटर का उपयोग करने के लिए, एक या दो व्यक्ति नहो पूरी टीमों की आवश्यकता होती है.
निष्कर्ष
सुपर कॉम्प्यूटर एक ऐसी टेक्नोलॉजी जिसके बारे में लोग आज नार्मल कंप्यूटर की अपेक्षा कम जानते है क्योकि इसका मानव जीवन मे नार्मल कंप्यूटर की अपेक्षा कम उपयोग किया जाता है.
यही कारण है को आज इस टेक्नोलॉजी के बारे में अधिक जानकारी के बारे में नही जानते है. लेकिन अब दुनिया मे दिन प्रतिदिन टेक्नोलॉजी का आविष्कार किया जा रहे है इसलिये इन सबके बारे में उपडेट रहना सभी के लिए बहुत जरूरी है.
बस इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हमने आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से इस अच्छी टेक्नोलॉजी के बारे में अवगत कराया जिसके बारे में सभी को पता होना आज के इस युग मे बहुत जरूरी है.
आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमने सुपर कंप्यूटर क्या है, सबसे बड़ा सुपर कंप्यूटर कौन सा है, इसका इतिहास क्या है, और इसके क्या क्या फायदे है इसके बारे में जाना.
आशा करता हूँ कि आपको हमारे इस आर्टिकल में सुपर कंप्यूटर के बारे में उचित और सम्पूर्ण जानकारी मिल गयी होगी
दोस्तों आपको दी गयी जानकारी कैसी लगी हमने कमेंट करके जरूर बताये साथ ही इस पोस्ट को शेयर करना न भूले.
Bhai bahut sahi information hai