हर एक विद्यार्थी अपनी जिंदगी में खुद के सपनों को पूरा करना चाहते हैं और बच्चे अपना लक्ष्य बचपन से ही सोच कर रखे होते हैं जिन को पूरा करना उनकी जिम्मेदारी होती है. लेकिन अगर आप एक अभिभावक हैं या फि एक शिक्षक हैं तो आपको ये जानना जरुरी है की स्टूडेंट को मोटिवेट कैसे करें?
बच्चों का सपना सिर्फ उनकी सपना ही नहीं होती बल्कि पूरे परिवार का सपना होता है जिसे बच्चों को बड़े होकर तय किए गए लक्ष्य को हासिल करने के लिए बहुत ही कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है.
इसके साथ साथ सबसे महत्वपूर्ण बात मोटिवेशन की जरूरत भी होती है जिससे विद्यार्थी अपने सही मार्ग से भटकने से वंचित रह जाता है और समय के अनुसार अपना सपना भी पूरा करने में सक्षम होता है.
हम इस आर्टिकल के माध्यम से बच्चों को मोटिवेट करने के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण बातों को बताने जा रहे हैं.
विद्यार्थियों को मोटिवेट करने का तरीका
विद्यार्थियों की अच्छी जीवन के लिए उनको मोटिवेट करना बहुत ही जरूरी है क्योंकि मोटिवेशन उस बीमारी का दवा है जो विद्यार्थियों को उनके लक्ष्य से भटकने नहीं देता.
बहुत से विद्यार्थियों के जिंदगी में ऐसा पल भी आता है जिस समय उनको मोटिवेशन की बहुत ही आवश्यकता होती है क्योंकि जब किसी बच्चे की लाइफ में दुख या परेशानी होती है उस समय वे अपने तय किए गए लक्ष्य से दूर होते चले जाते हैं और यही वह कठिन समय होता है जिसमें उनको एक अच्छी प्रेरणा और मोटिवेशन की जरूरत होती है.
यदि उन विद्यार्थियों को उनके दुख के समय में अच्छे विचार और महत्वपूर्ण मोटिवेशन बातों को बताया जाए तो वह अपने लक्ष्य से परे नहीं होते बल्कि अपने सपनों को पूरा करने के रास्ते में चल पड़ते हैं इसलिए विद्यार्थियों के जीवन में मोटिवेट विचार बहुत ही जरूरी है.
स्टूडेंट लाइफ जीवन के हर एक जिंदगी से बेहतर मानी जाती है क्योंकि इस जिंदगी में विद्यार्थी बिल्कुल स्वतंत्र रूप से जीवन को जीते हैं और इस समय विद्यार्थियों की एबिलिटी कार्यों को करने के प्रति बहुत ही ज्यादा होती है.
इसके साथ साथ इस लाइफ में विद्यार्थी अपने आप को बहुत ही एक्टिव रखता है जिससे वे किसी भी कठिन प्रश्न या लंबे उत्तर को आसानी पूर्वक समझ सकता है क्योंकि यह उम्र बहुत ही चंचल माना जाता है.
1. प्रत्येक दिन देखें कि आप अपने टारगेट से कितना दूर है?
पढ़ाई कर रहे हर एक विद्यार्थियों की सपना बड़े होकर कुछ बनने का होता है जैसे कुछ विद्यार्थियों की सपना आईएएस ऑफिसर बनने की होती है तो कुछ बैंक मैनेजर बनना चाहते हैं.
कुछ विद्यार्थी इंजीनियर बनने की चाहत रखते हैं तथा जो स्टूडेंट बायोलॉजी में ज्यादा इंटरेस्ट दिखाते हैं उन्हें डॉक्टर बनने की चाहत होती है. इस प्रकार हर एक विद्यार्थी का अपना एक लक्ष्य होता है जिसे वे पूरा करने के लिए कठिन से कठिन परिश्रम करते हैं.
अपने तय किए गए लक्ष्य को पाने के लिए वे टारगेट बनाते हैं और उस टारगेट के प्रति सकारात्मक सोच रखकर अपने टारगेट को पूरा करने के लिए प्रत्येक दिन कठिन परिश्रम के साथ-साथ इमानदारी पूर्वक पढ़ाई को करते हैं.
यदि आप भी अपने जीवन में कुछ लक्ष्य निर्धारित किए हैं जिसे आप पाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए टारगेट बनाने की आवश्यकता है तभी आप अपने लक्ष्य को पाने में सक्षम हो पाएंगे.
टारगेट बनाने के साथ-साथ आपको उसके प्रति किए जाने वाले हर एक कार्य को इमानदारी पूर्वक करें और जब भी आपका आत्मविश्वास कम होता चला जाएगा तो उस समय आप अपने टारगेट को याद करें ताकि आपका आत्मविश्वास अपने लक्ष्य के प्रति बढ़ेगी और आप अपने लक्ष्य के रास्ते में धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ चल पाएंगे.
2. आप अपने पसंदीदा खिलाड़ी, सक्सेसफुल बिजनेसमैन या पॉलीटिशियन की सक्सेस स्टोरी पढ़ें:-
यदि आप अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको परिश्रम के साथ-साथ प्रेरणा की भी जरूरत होती है जिससे आप अपने तय किए गए लक्ष्य को हासिल करने में अपने अंदर जोश और उत्साह ला सकें.
बिना जिज्ञासा के किसी भी लक्ष्य को हासिल कर पाना मुश्किल है.
आपके अंदर जोश उत्साह और जिज्ञासा आपके पसंदीदा महत्वपूर्ण व्यक्तियों के सक्सेस जिंदगी से मिलेगी.
जब आप अपने फेवरेट खिलाड़ी या नेता या फिर फेवरेट बिजनेसमैन की सक्सेस स्टोरी पड़ेंगे तो उसमें आपको पता चलेगा कि उनलोगों किन मुसीबतों को झेल कर अपने सक्सेस को अचीव किया हैं.
इससे आपके अंदर भी अपने लक्ष्य के प्रति जोश और जिज्ञासा बढ़ेगी और आप अपने सपनों के प्रति उत्साह पूर्वक मेहनत कर पाएंगे.
3. मोटिवेशनल फिल्में देखें या ऐसी संगीत सुनें जिससे आपके अंदर नई उर्जा भर जाए:-
स्टूडेंट्स को मोटिवेशनल फिल्में देखनी चाहिए क्योंकि जिंदगी में बहुत से ऐसे पल आते हैं जिसमें हमें कई प्रकार की परेशानियों को झेलना पड़ता है और कभी कभी कई ऐसे लोग होते हैं.
जिनकी आत्मविश्वास परेशानियों को देखकर घटने लगती है उस समय उन लोगों को मोटिवेशनल फिल्में देखनी चाहिए क्योंकि फिल्म कभी कभी हम लोगों को बहुत ही अच्छी सीख देती है.
जिससे हमारे अंदर उत्साह और जिज्ञासा के साथ-साथ हमारे आत्मविश्वास भी बढ़ती है और हम उन परेशानियों को झेलने में अपने आप को सक्षम बना पाते हैं.
बहुत से ऐसे संगीत है जिसे सुनने के बाद मन शांत महसूस करता है और लोगों के मन में अपने कार्य के प्रति उत्सुकता और जिज्ञासा बढ़ती है. इसलिए जब भी मन उदास हो तो आप इस प्रकार के संगीत सुनें जिससे आपका मन खुश होते क्योंकि मन का खुश होना.
हमारे कार्यों के लिए बहुत ही लाभदायक साबित होता है, अगर लोगों का मन प्रसन्न रहता है तो वह किसी भी कार्य को रुचि पूर्वक करते हैं इसलिए लोगों को मन प्रसन्न रखना चाहिए.
4. फेसबुक में जाकर अपने जीवन की सबसे बड़ी सफलता के बारे में सोचे:-
जब आप किसी चीज में असफल होते हो और आप अपने असफल होने के कारण ढूंढ कर खुद को गिल्टी फील कराते हो तो यह आपके लिए उचित नहीं है क्योंकि असफल होने से लोग बहुत कुछ सीखते हैं और यही सीख उन्हें सफलता प्रदान करती है.
असफल लोग हर एक कदम में नई नई चीजों को सीखते हैं जिससे उनकी सफलता में आए परेशानी को झेलने में वह अपने आप को सक्षम बना पाते हैं.
कुछ विद्यार्थी सिर्फ अपनी लक्ष्य के बारे में सोचते हैं और बस उसके के लिए कड़ी मेहनत और परिश्रम लगातार करते हैं लेकिन इस दौरान वे असफलता के प्लान नहीं सोचे रहते जिससे उन्हें सफल होने में बहुत समय लगता है.
वहीं दूसरी और कुछ ऐसे विद्यार्थी होते हैं जो अपनी सफलता के लिए मेहनत तो करते हैं लेकिन असफलता के लिए कुछ प्लानिंग करके भी रखते हैं जिससे वे अपने लक्ष्य को पाने में सफल हो पाते हैं.
जब आप असफल होते हो या आपके जिंदगी में कुछ परेशानियां मंडराने लगती है उस दौरान आप अपने पीछे की जिंदगी को याद करके यह सोचे कि आपने कितने सफल कार्यों को किया है और उसे करने में अपने कितने मेहनत किए हैं.
इससे आपके अंदर फिर से उस चीज को पाने के लिए नई ऊर्जा घर जाएगी और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा इस प्रकार आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए फिर से अपने आप को तैयार कर सकते हैं.
5. अपनी तुलना अपने अतीत से करें और देखें कि आप कितना आगे पहुंचे हैं:-
आप जिस सपना को पूरा करना चाहते हैं और उसके लिए कड़ी मेहनत के साथ साथ इमानदारी पूर्वक पढ़ाई कर रहे हो उसी दौरान अगर आपके जीवन में घटना घटित हो जाए .
जब आपको ऐसा लगे कि आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी हो रही है तो उस समय आप अपने अतीत जीवन के बारे में सोचना शुरू करें और ध्यान में लाएं कि आपने कितने कठिन कार्यों को करके यहां तक पहुंचे हैं, मुश्किल से मुश्किल पढ़ाई को मेहनत पूर्वक करके आप इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं.
इन सभी को जब आप अपने माइंड में याद करोगे तो इससे आपके अंदर एक नई ऊर्जा भर आएगी और आपका मन लक्ष्य को पूरा करने के लिए उत्साहित हो उठेगा.
जिससे आप अपने लक्ष्य से भटकने के बजाय उनको पूरा करने के लिए हर एक कदम में तैयार रहेंगे. इस प्रकार कभी-कभी हम अपने अतीत में किए गए कार्यों को याद करके खुद को मोटिवेट कर सकते हैं.
6. विद्यार्थियों के जीवन के प्रति कुछ मोटिवेशनल विचार:-
हर एक विद्यार्थियों को अपने पढ़ाई के प्रति रुचि रखनी चाहिए क्योंकि जब तक आप अपने विषयों के प्रति रुचि नहीं रखेंगे तब तक आप उस विषय को अच्छे से नहीं पढ़ पाएंगे इसलिए पढ़ाई के प्रति विद्यार्थियों को इंटरेस्ट रखना चाहिए.
विद्यार्थियों को अपने अंदर अपनी पढ़ाई के प्रति सकारात्मक सोच रखनी चाहिए इससे उनकी पढ़ाई बहुत ही अच्छी तरीके से होती है. जब कोई बच्चा किसी कक्षा में फेल होता है तो वह निराश हो जाता है.
लेकिन उन्हें निराश नहीं होनी चाहिए बल्कि यह सोचना चाहिए जीवन में कोई परीक्षा अंतिम परीक्षा नहीं होती और यह सोच कर फिर से उसकी तैयारी करनी चाहिए.
विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई बोझ के रूप में ना लेकर मनोरंजन के रूप में पढ़नी चाहिए इससे वे पढ़ाई के क्षेत्र में अव्वल आ सकेंगे.
हर एक विद्यार्थी में कंपटीशन की भावना का होना बहुत जरूरी है क्योंकि कंपटीशन से पढ़ाई करने के बाद विद्यार्थियों को सफलता मिलने में समय नहीं लगता. हालांकि विद्यार्थियों को कंपटीशन की भावना रखनी चाहिए लेकिन किसी छात्र को पीछे करने की मंशा नहीं रखनी चाहिए बल्कि खुद को उससे आगे करने का प्रयास करना चाहिए.
हर एक स्टूडेंट को एक चिड़िया के जैसा स्वतंत्र छोड़ देना चाहिए क्योंकि बच्चों को जितना दबा कर रखा जाता है उनका जीवन उतना में ही सीमित हो जाता है इसलिए बच्चों को स्वतंत्र रूप में रखना चाहिए.
कई मां-बाप बच्चों को पढ़ाई के प्रति फोर्स करते रहते हैं जिनसे उनका बच्चा अपने मन के अनुसार कार्य नहीं कर पाता और इससे वे स्टडी में बोर फील करता है इसलिए बच्चों को पढ़ाई के प्रति दबाव ना डालकर उसके मन के अनुसार कार्यों को करने दे.
शिक्षक को कभी विद्यार्थियों के बीच में भेदभाव नहीं करनी चाहिए . यदि शिक्षक विद्यार्थियों के बीच में भेदभाव करना शुरू करते हैं तो इससे स्टूडेंट का मन छोटा हो जाता है और उसकी पढ़ाई में बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है.
शिक्षक एक कुम्हार के जैसा होता है और विद्यार्थी मिट्टी के समान होता है जिसका जीवन शिक्षकों के हाथ में होता है कि वह किस प्रकार बच्चों को जीवन सजाएं.
कुम्हार मिट्टी को जिस आकार में बदलना चाहता है उसको उसी आकार में बदलता है ठीक उसी प्रकार शिक्षक भी विद्यार्थियों को उनके लक्ष्य के प्रति उन्हें जागरूक करने का काम करते हैं.
बच्चों को निश्चित सीमा तक ही लाड प्यार दे ज्यादा प्यार देने से बच्चे बिगड़ जाते हैं इसलिए जहां तक संभव हो अपने बच्चों को मोटिवेट करने का प्रयास करना चाहिए.
निष्कर्ष:-
बच्चों की जिंदगी में मोटिवेशन की बहुत ही आवश्यकता होती है जब विद्यार्थी मोटिवेट होने के दौरान अपने कार्य को करते हैं उसमें अपना हंड्रेड परसेंट देते हैं जिससे वह कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण होती है.
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से स्टूडेंट को मोटिवेट कैसे करें इससे संबंधित बहुत से टिप्स बताया हैं.
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