हर दिन नए नए सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जा रहा है लेकिन इसके पीछे काफी मेहनत लगती है जिसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बहुत ही कड़ी मेहनत से बनाते हैं. यह फील्ड भी बहुत कॉम्पिटिटिव हैं क्यों बहुत सारे युवा हर साल इस कोर्स को करते हैं तो अगर आप भी इंजीनियर बनना चाहते हैं और जानना चाहते हैं की Software Engineer कैसे बने? तो यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ें .
क्या कभी आपने ऐसा सोचा था कि आप बोलेंगे और आपका मोबाइल सुनकर उसे लिख देगा. यह सभी हैरान कर देने वाली टेक्नोलॉजी है जो हमारे सामने अभी इस्तेमाल में हो रही है.
लेकिन यह सच्चाई है और इस सच्चाई को कोई झुठला नहीं सकता और यही कारण है कि हमारे देश के युवा भी इस पर काफी इंटरेस्ट लेने लगे हैं. लेकिन उनके मन में बहुत तरह के सवाल होते हैं जैसे कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए कौन सा कोर्स करें? जब तक उन्हें सही जानकारी नहीं मिल जाती तब तक वह सही रास्ते पर बढ़ के अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते.
इसीलिए आज के पोस्ट में हमने सोचा कि आप सभी को बताया जाए कि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कैसे करें और सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए क्या करना होता है. तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी कितनी होती हैं?
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग क्या है – What is software engineer in Hindi?
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की एक ऐसी शाखा होती है जिसमें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल करके ऐप्लिकेशन और सॉफ्टवेयर डिवेलप की जाती है. जिसे हम एप्लीकेशन या डेवलपर के नाम से भी जानते हैं.
इस फील्ड में प्रोडक्ट बनाने के लिए साइंटिफिक प्रिंसिपल, मेथड और प्रोसीजर का इस्तेमाल किया जाता है. S/W इंजीनियरिंग का रिजल्ट एक एफिशिएंट और रिलायबल S/W प्रोडक्ट होता है.
आज हम जो कंप्यूटर में काम कहते हैं तो इसके चलने के पीछे एक सॉफ्टवेयर ही होता है. अब जो विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम चलाते हैं यह एक प्रोग्राम ही है जिसे सिस्टम सॉफ्टवेयर कहा जाता है.
उसके अलावा ना वैसे सॉफ्टवेयर जिस पर हम काम करते हैं जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, माइक्रोसॉफ्ट पावरप्वाइंट, एक्सेल, इत्यादि इन सभी को एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर बोला जाता है.
ये शाखा आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण है. इन प्रोग्राम की वजह से ही हम कंप्यूटर और अपने मोबाइल में काम कर पाते हैं. तो वैसे ही इंजीनियरिंग जिसके अंतर्गत इन सब इस सॉफ्टवेयर को बनाने का तरीका पढ़ाया जाता है. प्रोग्राम लिखने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है जैसे जावा, ओरेकल, C++ इत्यादि.
Software Engineer कैसे बने?
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए सबसे पहले तो आपको साइंस के साथ 12th पास करना है. उसके बाद इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जैसे IIT, AIEEE पास करना है. इसके बाद आपको इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिलेगा. वहां से B.Tech या B.E की डिग्री हासिल करनी होगी.
इसके अलावा BCA, Bsc. IT करके भी आप डिग्री हासिल कर सकते हैं. उसके बाद ही आपको इंजीनियर के पद पर काम करने के लिए डेजिग्नेशन हासिल होता है. चलिए अब स्टेप बाय स्टेप जानते हैं इस शाखा के बारे में.
हर कोई चाहता है कि पढ़ाई करके उसे अच्छी नौकरी मिले और साथ ही अच्छी सैलरी भी मिले. इसीलिए बहुत सारे बच्चों का यह सवाल होता है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलेरी कितनी होती है.
इस तरह के कई सवाल आपके दिमाग में घूम रहे होंगे कि 12th के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने? कौन सा कोर्स करें कहां से करें इत्यादि से जुड़े हर सवालों का जवाब आपको मिल जाएगा.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए क्या करना होता है?
चलिए अब जान लेते हैं की सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने क्र लिए किसी स्टूडेंट को क्या क्या करना पड़ता है.
1. सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स चुने
एक सफल सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए सबसे पहले तो आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनी पड़ेगी. इसके लिए आपको एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेना पड़ेगा.
वहां पर आपको बहुत सारे ब्रांच मिलेंगे पढ़ाई करने के लिए जिसमें से कि आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, BSc. IT इत्यादि चुन लेना है.
अधिकतर जो S/W इंजीनियर होते हैं वह इससे जुड़े कोर्स में डिग्री हासिल किए हुए ही होते हैं. BCA में डिग्री हासिल किए हुए लोगों को भी इसी तरह का काम करने का मौका मिलता है.
2. सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स
- B.Tech/ B.E – (CS,S/W Engg./ IT )
- BSc. IT
- Polytechnic Diploma in Computer and Software (Junior Software Engineer)
- BCA (Bachelor of Computer Application)
3. प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखे और प्रोग्रामिंग करना शुरू कर दें
जिसे भी एक अच्छे इंजीनियर बनने की ख्वाहिश है उनकी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में पकड़ काफी मजबूत होनी चाहिए. इस शाखा में सबसे बेसिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का नॉलेज कब होना जरूरी है.
इसका मतलब यह नहीं होता कि सिर्फ कोडिंग पर ही बेस्ट होता है लेकिन फिर भी लैंग्वेज का नॉलेज होना बहुत जरूरी है.
ऐसा कुछ भी नहीं है कि आपको सारे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज आते ही हो. लेकिन अगर आपको बेसिक पता है तो आपके लिए हर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना आसान हो जाता है.
- Python
- Ruby
- JavaScript
- C#
- C++
- C Language
- Java
- Oracle
- PHP
आपको यह समझना होगा कि कुछ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज प्रॉब्लम सॉल्व करने वाले होते हैं और यह एक दूसरे से थोड़े अलग होते हैं.
अगर आप से एक लैंग्वेज के ऊपर निर्भर रहेंगे तो फिर यह आपके लिए सही नहीं होगा इसलिए एक से ज्यादा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का नॉलेज होना जरूरी है. इसके लिए आपको एक्सपेरिमेंट करते रहना पड़ेगा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखता रहना पड़ेगा.
सबसे पहले तो आपको बेसिक सीखना होगा किसी भी प्रोग्राम का जब आप एक लैंग्वेज के साथ कंफर्टेबल हो जाते हैं तो दूसरे के साथ ही प्रयोग करना शुरू कर दें. अपनी पसंद की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को चुने और उस पर एक एक्सपोर्ट बन जाए.
वैसे तो जब आप इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेते हैं तो आपको इसमें बेसिक प्रोग्रामिंग सिखाई जाती है. लेकिन आपको बताया जाए प्रोग्राम की लिस्ट में से अपनी पसंद के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को चुनकर उसमें महारथी बनना है.
4. अपने आपको डाटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम में मजबूत बनाएं
“Algorithm” साधारण रूप से कहें तो एक फार्मूला या फिर एक ऐसा प्रोसेस जिसे प्रॉब्लम को सॉल्व करते हैं. उदाहरण के लिए कहा जाए तो जब हम 1 पॉइंट से दूसरे पॉइंट के दिए सबसे छोटे डिस्टेंस का पता लगाना होता है तो एल्गोरिथ्म का प्रयोग करते हैं.
दूसरा उदाहरण कहे तो जब एक डांटा सेट बहुत बड़ा हो उसमें से एक आइटम के बारे में पता करना हो तो उसके लिए डाटा को हम कुछ ऑर्डर में लगाकर अरेंज करते हैं.
Data Structure एक ऐसा तरीका होता है जिसमें डाटा को ऑर्गेनाइज करके रखते हैं जिससे की प्रॉब्लम को सॉल्व करने में आसानी होती है. इसके अलावा एक अच्छा कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिए Logic के मामले में आप को मजबूत बनना पड़ेगा. प्रोग्रामिंग करते वक्त कई बार लॉजिक का इस्तेमाल करना होता है.
5. अपनी पढ़ाई को सप्लीमेंट करें
एजुकेशनल सिस्टम अक्सर पुरानी हो जाती है. इंजीनियरिंग कॉलेज या फिर इंस्टिट्यूशन में जो पढ़ाई आपको पढ़ाई जाती है वह भी आउट डेटेड प्रोग्राम की मदद से पढ़ाई जाती है.
जो प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की शिक्षा दी जाती है वह भी ट्रेडीशनली एक ही होता है कुछ नया इस्तेमाल नहीं किया जाता. एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन आपको Theoretical concepts देते हैं और साथ ही सोचने का तरीका भी बताते हैं जो आपके सफलता की कुंजी होती है.
इसीलिए आपको एक बैलेंस बनाकर कॉलेज की पढ़ाई करने के साथ साथ समय के साथ होने वाले बदलाव को भी अपनाना है.
जब आप इंटरनेट पर सर्फिंग करेंगे तो आपको बहुत सारे लेटेस्ट वर्जन सॉफ्टवेयर और प्रोग्रामिंग में भी बदलाव देखने को मिलेगा. अगर आप ऑनलाइन अपने फोन से जुड़े मटेरियल की खोजबीन करते हैं तो आपको बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है.
जो आपके पढ़ाई में काफी मददगार साबित हो सकती है. आप करंट में चल रहे एप्लीकेशन के बारे में पता कर सकते हैं कि किस में प्रोग्रामिंग पर काम की जा रही है.
अगर किसी नए शॉप या फिर शॉपिंग मॉल में जाते होंगे तुम्हारा पर आपको कंप्यूटर में उनकी दुकान का प्रोग्राम मिलता होगा. आप उस तरह के प्रोग्राम को डिवेलप करने की कोशिश करें तो आप मार्केट में चल रहे S/W और प्रोडक्ट के बारे में भी अच्छी पकड़ बनाए रखेंगे.
एक वेबसाइट है StackOverflow इसके वेबसाइट को ब्राउज़ करें. यह वेबसाइट डेवलपर्स के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें जाकर कोई भी सवाल जवाब पूछ सकता है.
आप जिस भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, टेक्नोलॉजी सुधार करना चाहते हैं उसे इस वेबसाइट में जाकर खोज सकते हैं. दूसरों के द्वारा पहले ही पूछे गए सवालों के बारे में पढ़कर उनके जवाबों से आप सलूशन प्राप्त कर सकते हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो यह वेबसाइट डेवलपर के लिए काफी फायदेमंद है.
कोडिंग के लिए प्रैक्टिस साइटों का उपयोग करें. CodeWars और CodinGame जैसी साइटें आपके लिए अपने skills को टेस्ट करने के लिए हजारों problems प्रोवाइड करती हैं.
6. खुद से सॉफ्टवेयर बनाएं
अपने स्किल को इंप्रूव करने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें उपयोग करना होता है. चाहे प्रोजेक्ट पर्सनल हो या फिर प्रोफेशनल जब आप कोडिंग करके प्रोग्राम को डिजाइन करते हैं तो आपको बहुत कुछ सीखने को मिलता है.
अधिकतर कंपनियां नौकरी के लिए जब लड़का ढूंढते हैं तो उनकी एकेडमिक मार्क्स से ज्यादा उनके प्रोग्रामिंग स्किल को चेक करते हैं. आप अपने द्वारा बनाए गए प्रोग्राम को मोनेटाइज करने के लिए इसे ऑनलाइन पब्लिश करें.
जो एंपलॉयर होते हैं उन्हें अपने ऑनलाइन प्रोजेक्ट को देखने की अनुमति दें और अपने कोडिंग पावर को भी बताएं. यह आपके स्कूल को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए रिएक्शन पाने का एक शानदार तरीका है.
7. इंटर्नशिप की तलाश करें
कई छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के दौरान इंटर्न के रूप में काम करते हैं. क्षेत्र पर काम कर रहे हैं कंपनियों में जाकर इंटर्नशिप के रूप में काम करने से सीखने को बहुत कुछ मिलता है.
नौकरी पोस्टिंग वेबसाइट से इंटर्नशिप के मौकों की तलाश करें.जब आप इंटर्नशिप करते हैं तो आपको पहले से काम कर रहे हैं इंजीनियर के साथ में किसी प्रोग्राम को डिवेलप करने में काम करने का मौका मिलता है.
इससे आपको आपके प्रोग्रम्मिंग में काफी इंप्रूवमेंट दिखाई देता है और भविष्य में आपके लिए कोडन करने का एक अच्छा आईडिया मिल जाता है. यह आपको एक तरह से बाहरी दुनिया में एक्सप्लोर होने का मौका देता है.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने में कितना पैसा लगता है?
इंजीनियरिंग फील्ड में पढ़ाई करने के लिए वह सारे कॉलेज हैं और सरकारी एवं प्राइवेट कॉलेजों के बीच में शीश का अंतर भी काफी अधिक देखा जाता है / फिर भी अगर सामान्य तौर पर देखे तो आज के समय में इंजीनियरिंग करने के लिए. काफी पैसे लग जाते हैं
सालाना तौर पर कॉलेजों की फीस ₹150000 से लेकर ₹250000 रुपए तक होती है.यह कोर्स 4 साल का होता है. इस प्रकार सिर्फ फीस की बात करें तो एक छात्र को पढ़ने में 6 से 10 लाख रुपए तक खर्च हो जाते हैं.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए कौन सा कोर्स करें?
- BSc. IT
- B.Tech/ B.E – (CS,S/W Engg./ IT )
- Diploma in Computer and Software
- BCA
Software Engineering Colleges
यहां पर हम आपको भारत में स्थित कुछ बेहतरीन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कॉलेज के बारे में बता रहे हैं. जहां पर पढ़ाई करके विद्यार्थी एक अच्छा इंजीनियर बन कर निकल सकता है.
इसके अलावा भी बहुत सारे इंजीनियरिंग कॉलेज है जिस में एडमिशन पाने के लिए 12वीं के के बाद विद्यार्थियों को AIEEE, IIT JEE, NIT, BIT इत्यादि एंट्रेंस एग्जाम पास करके पढ़ाई कर सकते हैं.
- Lovely Professional University, Phagwara
- RV College of Engineering, Bangalore
- PSG College of Technology, Coimbatore
- Delhi Technological University, Delhi,
- SRM Institute of Science and Technology, Chennai
- BMS College of Engineering, Bangalore
- Vellore Institute of Technology, Vellore
- Indian Institute of Engineering Science and Technology Shibpur
- Indian Institute of Technology Delhi
- Jadavpur University, Kolkata
- Bangalore Institute of Technology, Bangalore
- Birla Institute of Technology, Mesra
- Manipal University, Jaipur
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलेरी
वैसे तो देखा जाए अगर किसी सॉफ्टवेयर इंजीनियर को जब नौकरी मिलती है तो उस वक्त उसे शुरुआती दौर में ₹15000 से लेकर ₹25000 के बीच में सैलरी दी जाती है. लेकिन यह भी कंपनी के ऊपर निर्भर करता है.
लेकिन जब इंजीनियर की एक्सपीरियंस बढ़ती चली जाती है तो फिर उसकी तैयारी में भी बढ़ोतरी होती है. इस तरह एक रेपुटेड कंपनी में जब एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करता है तो उसे 70000 से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक के बीच में सैलरी दी जाती है.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर के कार्य
- प्रोग्राम की डिजाइनिंग, रिसर्चिंग, इंप्लीमेंटिंग, और मैनेजिंग करना.
- नए प्रोग्राम का टेस्टर इवोल्यूशन करना.
- पहले से बनाए गए प्रोग्राम में सुधार की गुंजाइश तलाश करना और उसके बाद उनमें मॉडिफिकेशन करना.
- प्रोग्रामिंग कोड को लिखना और इंप्लीमेंट करना
- क्वालिटी एश्योरेंस प्रोसीजर को डेवलप करना
- सॉफ्टवेयर टूल्स, प्रोसेस और मैट्रिक्स को डिप्लॉय करना
- सिस्टम को अपग्रेड और मेंटेन करना
- यूजर्स को ट्रेनिंग देना
- दूसरे डेवलपर्स के साथ मिलकर काम करना.
संक्षेप में
हमारे देश के बच्चे किसी से कम नहीं वह अगर ठान ले तो कुछ भी कर सकते हैं. तो फिर गए इंजीनियरिंग क्या चीज है. हर बच्चा बड़ा होकर कुछ बनना चाहता है और अगर वह इंजीनियर बनना चाहता है वह भी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में तो मैं आपको बता दूं कि यह भी कोई मुश्किल काम नहीं है बस जरूरत है लगन की.
हम उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट के माध्यम से समझ ही गए होंगे कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी कितनी होती है और उसे क्या काम करने पड़ते हैं.
आज के युवा इस इंजीनियरिंग को लेकर काफी उत्साहित होते हैं और बहुत सारे ऐसे बच्चे होते हैं जो स्कूल के समय से ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का सपना अपनी आंखों में संजोए हुए रखते हैं.
इसलिए आज के पोस्ट में हमने आपको बताया कि Software engineer kaise bane (सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का तरीका) इसके अलावा जिन बच्चों को इसकी पढ़ाई करनी होती है उनके मन में बहुत सारे जो सवाल होते हैं जैसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए कौन सा कोर्स करें या फिर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने में कितना पैसा लगता है. इन सभी सवालों का जवाब हमने इस पोस्ट के माध्यम से दी है.
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