Ration Card Latest Rules Update: सरकारी राशन के नियमों में बड़ा बदलाव, अब गेहूं के बदले मिलेगा…

जैसा कि हम सभी को पता है कि हमारे देश में गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज राशन कार्ड है। इस राशन कार्ड के जरिए हमारे देश की गरीब जनता बाजार में उपलब्ध मूल्य के तुलना में बहुत कम राशि में राशन खरीद सकती है।

देश कि इतनी तरक्की होने के बाद भी आज भी ऐसे बहुत से क्षेत्र है जहां पर लोगों को मजबूरन दूषित खाना खाना पड़ता है। जिसका प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है।

राशन कार्ड गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। जिससे उनके जीवन में परेशानियां कम होती है। अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने इस बात का ऐलान कर दिया है कि राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य है।

राशन कार्ड किन के लिए:-

राशन कार्ड दस्तावेज बहुत ही जरूरी दस्तावेजों में से एक है। इसके प्रयोग से कार्डधारक बहुत से कम मूल्य में हर महीने राशन प्राप्त कर सकते हैं।

इस मासिक राशन में चावल गेहूं केरोसिन तेल और नमक शामिल है।आपको बता दें कि राशन कार्ड के जरिए लोग ₹1 से ₹2 के मूल्य से प्रतिदर अनाज खरीदते हैं। जहां एक इस राशन कार्ड से इतनी सारी सुविधाएं उपलब्ध हो रही है वही इनके प्रयोग कर्ताओं की भी संख्या सुनिश्चित करने की तैयारी सरकार कर रही है।

आपको बता दें कि देश के केवल पिछड़े वर्ग के लोग ही राशन कार्ड योजना से जुड़ सकते हैं। जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं या गरीबी रेखा के ऊपर जीवन यापन करते हैं।

यदि आप भी एक राशन कार्ड धारक है तो आपको बता दें कि आर्टिकल आपके लिए बड़ी ही काम की साबित हो सकती है। इसका कारण हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे।

जानिए नया बदलाव राशन कार्ड में:-

सभी राशन कार्ड धारकों को यह बात पता होनी चाहिए

अभी हाल फिलहाल में ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत सभी राशन कार्ड धारकों को 3 किलो गेहूं का और वही 2 किलो चावल का दिया जाता है।

लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि संभवत अब लाभार्थियों को गेहूं से वंचित रहना पड़ेगा। आइए जानते हैं पूरी खबर को विस्तार से।

राशन कार्ड धारकों को सरकार की ओर से एक बहुत बड़ा झटका लगा है। जिन लोगों को यह बात नहीं पता है उन्हें हम बता दें कि हमारी सरकार ने फ्री राशन को लेकर बहुत बड़ा फैसला किया है। जिसके तहत गेहूं के वितरण के जगह पर चावल का वितरण किया जाएगा। अर्थात कुल 5 केजी चावल प्रदान किए जाएंगे। ऐसे बात यह है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 19 से 30 जून तक फ्री राशन वितरण में सभी लाभार्थियों को गेहूं की जगह कुल 5 किलो चावल दिया गया था।

सूत्रों के अनुसार यह बात पता चल रही है कि सरकार इस बार भी इसी फिराक में है कि लोगों के बीच गेहूं का वितरण ना करके चावल का वितरण किया जाए। इससे पूर्व ही इस मामले के संबंध में खाद्य व रसद विभाग के आयुक्त ने आदेश दे दिया है।

अभी तक ऐसा हो रहा था कि 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल राशन कार्ड धारकों के मध्य वितरित किया जा रहा था। लेकिन इस चीज में परिवर्तन किया गया।

हमारे देश के खाद्य व रसद विभाग के आयुक्त आओ की तरफ से एक आदेश जनता के समक्ष जारी किया गया है जिसके तहत इस बार गेहूं की जगह पर लाभार्थियों को सिर्फ 5 किलो चावल ही प्रदान किए जाएंगे।

हमारे देश के उत्तर प्रदेश राज्य के साथ हमारे देश की सरकार ने कई राज्य में गेहूं के कोटे को कम करने का निर्णय लिया है। और आगे भी सरकार गेहूं की जगह पर चावल का ही वितरण कर सकती है।

गेहूं की कमी के कारण लिए गए फैसले:-

यह बात ध्यान देने लायक है कि गेहूं कि कम खरीद होने के कारण से सरकार ने राशन के कोटे में गेहूं प्रदान करने की मात्रा में कटौती करना प्रारंभ कर दिया है।

इससे पहले भी ऐसा हो चुका है कि हमारी भारतीय सरकार ने फ्री राशन कार्ड में गेहूं की जगह चावल को लोगों को प्रदान किया है।

यह संशोधन सिर्फ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के वास्ते किया जाता रहा है। इस बात पर गौर करना चाहिए कि इससे पूर्व भी सरकार ने गेहूं के स्थान पर करीब करीब 5500000 मीट्रिक टन चावल का अतिरेक वितरण किया।

कैसे प्राप्त करें राशन:-

यदि आप भी एक राशन कार्ड धारक है तो आपको भी सरकार की ओर से इस योजना का लाभ मिलेगा। तो इसके लिए आप पोर्टबिलिटी चालन के माध्यम से चावल ले सकते हैं।

ध्यान दें कि 30 जून तक आधार प्रमाणीकरण के द्वारा से खजाना प्राप्त करने वाले पात्र लाभार्थियों को मोबाइल ओटीपी वेरिफिकेशन के द्वारा से ही चावल का वितरण प्रदान किया जाएगा। वितरण के वक्त पारदर्शिता के वास्ते प्रत्येक दुकान पर जिलाधिकारी के माध्यम से नामित नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

गेहूं की भरमार होने पर भी ऐसी स्थिति:-

यदि आप जियो पॉलिटिक्स में रुचि रखते हैं तो आपको भी यह बात बहुत ही बेहतरीन तरीके से पता हो गई कि इन दिनों भारत के गेहूं की मांग प्रत्येक देश में है।

केवल मांग ही नहीं है लाखों करोड़ों के डील्स भी गेहूं के आयात निर्यात पर साइन किए जा रहे हैं। लेकिन यह बात ध्यान देने योग्य है कि हमारे देश में ऐसी स्थिति क्यों?

जो देश स्वयं पूरे संसार को गेहूं बेचने की क्षमता रखता है वह अपने देश के नागरिकों को गेहूं के वितरण से वंचित भला क्यों रखे रहा है?वैसे इसका जवाब अलग अलग तरीके से ढूंढने जा सकते हैं। लेकिन आप सभी पाठक इस पर अपनी राय हमें दे सकते हैं।

हमें बहुत ही अच्छा लगेगा यदि आप इस विषय पर अपनी राय हमें कमेंट के जरिए बताते हैं तो। आपकी जो भी राय है आप उसे हमसे साझा करें।

निष्कर्ष:-

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको राशन कार्ड से लाभान्वित होने वाले लोगों को गेहूं से वंचित रखने और उसके बदले चावल देने के नए मुद्दे को आपके समक्ष रखा है।

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि कोई प्रश्न अथवा सुझाव आपका हमारे वास्ते है तो आप उसे भी सरलता पूर्वक हमसे पूछ सकते हैं।

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Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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