RAM Full Form – RAM का पूरा नाम क्या है?

अगर आप कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं तो ये जरूर मालूम होगा की RAM का फुल फॉर्म क्या है (RAM Full Form). यह कंप्यूटर में उसकी काम करने के लिए प्रयोग किया जाने वाल एक प्रमुख पार्ट है. अगर इस पार्ट को कंप्यूटर से निकाल दिया जाए तो कंप्यूटर चालु भी नहीं होगा.

इसीलिए आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इससे जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं और बताने वाले हैं की इस शब्द का हिंदी में पूरा नाम क्या है और इसका क्या अर्थ है.

RAM का फुल फॉर्म क्या है – What is the full form of RAM in Hindi?

RAM का फुल फॉर्म “Random Access Memory” होता है.

इसे हिंदी में “रेंडम एक्सेस मेमोरी”कहते हैं. इसे“Direct Access Memory” के नाम से भी जाना जाता है.

RAM कंप्यूटर एवं मोबाइल दोनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मेमोरी होता है.

कंप्यूटर में रैम के कार्य:-

जब कभी भी कंप्यूटर में कीबोर्ड द्वारा या किसी अन्य दूसरे इनपुट डिवाइस के द्वारा डाटा को संग्रहित किया जाता है तो वह डाटा प्रक्रिया से पहले रैम में संग्रहित हो जाता है. उसके बाद आवश्यकतानुसार सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU)द्वारा उसमें से प्राप्त किया जा सकता है.

यह डाटा या प्रोग्राम यहां अस्थाई रूप से संग्रहित होते हैं. इसलिए इसे वोलेटाइल या अस्थाई मेमोरी भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब कंप्यूटर चल रहा होता है और अचानक से विद्युत के बाधित हो जाने से कंप्यूटर बंद हो जाता है, ऐसी स्थिति में इसमें जो डाटा संग्रहित होते हैं वह मिट जाते हैं.

एक कंप्यूटर में जितनी अधिक रैम होती है उसके प्रोग्राम उतने ही आसानी से चल पाते हैं. क्योंकि रैम के कम हो जाने पर कंप्यूटर एवं डिवाइस बहुत ही धीमा हो जाते हैं एवं साथ ही कंप्यूटर के हैंग होने की संभावना भी बढ़ जाती है.

मोबाइल में रैम के कार्य:-

रैम कंप्यूटर और मोबाइल में अलग-अलग प्रकार से कार्य करता है. मोबाइल की बात करे तो हम यह देखते हैं की जब भी इसमें किसी एप्लीकेशन को ओपन किया जाता है तो ऐप सबसे पहले रैम में लोड होने के बाद ही एग्जीक्यूट(Execute) होती है.

इस प्रकार हम देखते हैं कि जो भी ऐप हमने अभी रिसेंटली में यूज किया है वह सभी रैम में मौजूद रहती हैं.

RAM प्रायः दो प्रकार के होते हैं:-

  • SRAM( स्टैटिक रैम)
  • DRAM (डायनेमिक रैम)

1. SRAM

SRAM का फुल फॉर्म“Static Random access Memory” होता है. इसमें “Static” का अर्थ स्थिर होता है. इसका मतलब यह हुआ कि इसमें जो भी डाटा रहेगा वह स्थिर रहेगा. इसलिए हमें बार-बार कंप्यूटर को रिफ्रेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है.

इसे “वोलेटाइल मेमोरी”(Volatile Memory) भी कहा जाता है. इसे ऐसे नेचर का इसलिए कहा जाता है क्योंकि पावर ऑन रहने तक डाटा इसमें मौजूद रहते हैं लेकिन जैसे ही पावर ऑफ होता है तो इसमें मौजूद सारे डाटा डिलीट हो जाते हैं. इसलिए इसे प्रायः Cache Memory की तरह इस्तेमाल किया जाता है.

इसके दो प्रकार होते हैं:-

  • .ASRAM
  • .SBRAM

2. DRAM

इसका फुल फॉर्म Dynamic Random Access Memory होता है. इसका नेचर डायनामिक होता है. बार-बार परिवर्तित होते रहने के कारण इसे रिफ्रेश करने की आवश्यकता पड़ती है. ताकि डाटा को इस मेमोरी में संग्रहित किया जा सके. DDR3 RAM इस प्रकार की मेमोरी का सबसे अच्छा उदाहरण है.

इसका इस्तेमाल सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट(CPU) की सबसे प्रमुख मेमोरी के रूप में किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें जो भी डाटा संग्रहित होता है वह आसानी से नियमित अंतराल के बाद प्राप्त हो जाता है और अपने आप नए डाटा इसमें संग्रहित होते रहते हैं. इससे यह होता है कि सीपीयू में कोई रुकावट नहीं आती है और वह तेजी से बिना रुके अपने कार्य को करता रहता है.

यह मुख्यता चार प्रकार के होते हैं:-

  • EDODRAM
  • FPMDRAM
  • BEDODRAM
  • SDRAM

RAM की विशेषताएं:-

  • कंप्यूटर इसके बिना अपना कोई कार्य नहीं कर  सकता है.
  • यह कंप्यूटर की प्राथमिक मेमोरी होती है.
  • यह सीपीयू(CPU) का एक खास हिस्सा होती है.
  • इसमें स्टोरेज अलग से होती है एवं यह काफी महंगी होती है.
  • इसके द्वारा बहुत ही तेजी से डाटा का आदान प्रदान किया जा सकता है.
  • जितने भी डाटा उपलब्ध होते हैं उसे रेंडमली एक्सेस इसकी मदद से कर सकते हैं.

एक CPU द्वारा जितने भी कार्य किए जाते हैं उसके डाटा को संग्रहित करने का कार्य इसके द्वारा किया जाता है.

इस मेमोरी की उपस्थिति के कारण किसी भी कंप्यूटर या फोन को बहुत ही आसानी से चला सकते हैं. क्योंकि यह डिवाइस के हैंग होने जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है. इसलिए मोबाइल या कंप्यूटर खरीदते वक्त उसमें उपस्थित रैम की जांच की जाती है. यह जानना बहुत ही जरूरी होता है कि हम जो मोबाइल या कंप्यूटर खरीद रहे हैं उसमें कितने जीबी का रैम है. क्योंकि कम जीबी का रैम होने से हमारा डिवाइस जल्द ही हैंग हो सकता है या फिर उसमें स्टोरेज फुल होने जैसी समस्या खड़ी हो सकती है.

यह हार्ड डिस्क ड्राइव(HDD), सॉलि़ड स्टेट ड्राइव(SSD) या ऑप्टिकल ड्राइव(OD)जैसे अन्य प्रकार के स्टोरेज से पढ़ने एवं लिखने के लिए बहुत ही तेज कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी में से एक होता है.

यह एक अस्थिर मेमोरी होती है, क्योंक जब तक कंप्यूटर चलता रहता है उस समय तक उसमें डाटा भी रहता है. लेकिन जैसे ही कंप्यूटर बंद होता है यह खो जाता है. कंप्यूटर काे रिबूट करने पर में ओएस एवं अन्य फाइलें रैम में दोबारा एचडीडी या एसएसडी द्वारा लोड हो जाती है.

निष्कर्ष

हमने आपको पहले ही ये बता दिया की रैम एक बहुत ही महत्वपूर्ण पार्ट होता है जिसके बिना कंप्यूटर काम नहीं कर सकता है. इसीलिए इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया की RAM का फुल फॉर्म क्या है (What is the full form of RAM in Hindi)?. इसके अलावा ये भी जानकारी शेयर की यह पार्ट कैसे कार्य करता है और इसके क्या क्या प्रकार हैं.

हम उम्मीद करते हैं की इस आर्टिकल के माध्यम से आपकी जानकारी में इज़ाफ़ा हुआ होगा. अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें.

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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