क्वालिटी कहाँ नहीं होती है हम हर रोज़ जो खाना खाते हैं उसकी क्वालिटी भी अच्छी न हो तो खाने में मज़ा नहीं आता है. यही वजह है की कभी कभी हम बाहर जाकर रेस्टॉरेंट में जाकर मनपसंद खाना खाया करते हैं. मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां हमे हमारी रोज़मर्रा जरुरत की चीज़ें बनाकर देती हैं जिसके लिए वो उनकी गुणवत्ता का ख़ास ख्याल रखते हैं. आज के पोस्ट में हम बात करेंगे की Pareto Chart क्या है (What is Pareto Chart in Hindi). जिसके मदद से क्वालिटी को कण्ट्रोल करने में इस्तेमाल किया जाता है. वैसे तो 7 QC tools में कुल मिलाकर 7 टूल्स हैं लेकिन Pareto Chart का अपना अलग ही रोल है.
दुनिया में बहुत तेज़ी से बदलाव हो रहा है. एक ही प्रोडक्ट को बनाने के लिए अलग अलग कंपनियां हैं. इन के बीच competetion काफी बढ़ चूका है. ऐसे में अगर किसी को मार्किट में अपनी पकड़ बनानी है तो जो सबसे ख़ास बात है की उस प्रोडक्ट की क्वालिटी सबसे अच्छी होनी चाहिए.
कुछ ऐसे भी प्रोडक्ट होते हैं जिनकी क्वालिटी कुछ ख़ास नहीं होती लेकिन वो सिर्फ मार्केटिंग और विज्ञापन की मदद से बाजार में लोकप्रिय हो जाते हैं. लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण होती है वो है क्वालिटी और अगर किसी प्रोडक्ट में यही नहीं हो तो लोग ही उसे खुद नकार देते हैं. यही वजह है की हर कंपनी में एक क्वालिटी डिपार्टमेंट रखा जाता है. जिनका काम होता है प्रोडक्ट की क्वालिटी को बनाये रखना और उसमे जितनी हो सके उतना इम्प्रूवमेंट किया जा सके. क्वालिटी डिपार्टमेंट में 7 QC tools बहुत ही महत्वपूर्ण टूल्स हैं जिनका इस्तेमाल कर के मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां प्रोडक्शन होने वाले materials की क्वालिटी को इम्प्रूव करते हैं. इसी में एक टूल का बहुत ही अहम् रोले होता है जिसेके बारे में हम यहाँ बात करेंगे.
आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे की Pareto चार्ट क्या होता है और इसे कैसे बनाते हैं. Parteo chart का इस्तेमाल क्यों करते है और इससे हमे क्या फायदा है इन सभी बातों को पुरे विस्तार से जानेंगे.
Pareto चार्ट क्या है – What is Pareto chart in Hindi
Pareto को 80-20 rule क्यों बोलते हैं?
Pareto Chart का इस्तेमाल क्यों करते हैं – Why do we use Pareto Chart in Hindi
जब कोई कंपनी किसी प्रोडक्ट का Mass Production करती है तो problems आते ही हैं. Quality Team का काम यही है की mass production के वक़्त process में हो रही गड़बड़ी का पता लगाए और आने वाले issues/defetcs को ख़तम करे. उनके पास problems solve के लिए वैसे तो बहुत से टूल्स होते है लेकिन problems को identify कर के उस पर targetted तोर पर काम करने के लिए Pareto diagram बहुत बढ़िया साबित होता है.
वैसे कौन कौन सी स्थिति है जब pareto chart का इस्तेमाल करना पड़ता है चलिए इसे डिटेल में जान लेते हैं.
- जब किसी प्रोसेस में कोई problem या cause आ रहे होते हैं तो उनकी frequency को जानने के लिए data को analyse करने में इसका प्रयोग करते हैं.
- Mass Production में एक साथ बहुत सारे defetcs/problems आते हैं. ऐसे में number of problems काफी ज्यादा हो तब इतने सभी problems को एक साथ resolve करना मुमकिन नहीं होता है. ऐसे में हमे सिर्फ major cause पर attack करना होता है. ऐसे वक़्त में pareto इन major problems को identify करने में हमारी मदद करते हैं.
- जब अपने डाटा को दूसरों करना हो communication के लिए.
- किसी ख़ास component के broad causes को analyse करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है.
Pareto Chart कैसे बनाये?
Quality control के अंतर्गत प्रोसेस में आ रहे problems को ख़तम करने के लिए पहले हमे डाटा की जरुरत होती है. इस में हम डाटा analysis अलग अलग तरीके से कर सकते हैं. ये material/product के आधार पर कर सकते हैं या फिर अगर बहुत सारे problems हैं तो उन problems के आधार पर भी analysis कर सकते हैं.
चलिए इसे एक उदाहरण के जरिये समझते हैं. यहाँ पर हम पूरी कंपनी में आ रहे सभी defects के आधार पर उन्हें analyse करना सीखेंगे. इसके लिए हम 8 defects को लेंगे और उस पर pareto chart तैयार करेंगे और फिर उन cause का पता लगाएंगे जो 20% हैं.
- यहाँ पर पहले column में हम defect name लेते हैं.
- दूसरे column में defects के अनुसार उनके quantity डालनी है.
- तीसरे column में हमे Quantity को cumulative में लेना होता है.
- आखिरी यानि 4th column में हम उस cumulative quantity का percentage निकाल लेते हैं.
Cumulative Quantity कैसे निकलते हैं?
Cumulative quantity निकालना बहुत ही आसान है इस के लिए हम पहली row की quantity same ही रखते हैं. उसके बाद cumulative quantity वाले column के दूसरे row में हम एक formula लगाते हैं जिससे की हमारा काम हो जाता है. यहाँ पर मैंने quantity लिखा है वैसे यहाँ हमे बस box select करने होते हैं और बीच में + सिग्न रखते हैं. ध्यान रहे की एक्सेल में हर फार्मूला लगाने के पहले = का Sign जरूर इस्तेमाल करें.
Note: अब यहाँ सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात ये है की Quantity को हमेशा Descending Order में रखें तभी आगे का काम करें. अगर आप Quantity को घटते हुए क्रम में नहीं लिखते हैं तो आपकी Pareto Sheet सही नहीं बनेगी.
इस तरह जब हमारी Table बन कर तैयार हो जाये तो उसके बाद फिर हमे Chart बनाना है. इसके लिए हमे जिस डाटा की जरुरत है उसे यहाँ इस table से select करेंगे.
- Pareto Chart बनाने के लिए हम यहाँ Defect, Quantity और Cumulative Percentage % data का इस्तेमाल करेंगे. इसे सबसे पहले आप select कर लें. इसके लिए आप Ctrl button press कर लें.
- उसके बाद Menu bar – Insert – Bars- 2D bar select करें.
- आपका चार्ट बनकर तैयार हो जाएगा.
- इस में हमे कुछ बदलाव करने होंगे.
- Blue Color के bars में Right Click – Change series type – Bar + Line वाले पहले चार्ट को को सेलेक्ट करें.
- जो Cumulative Percentage है उसे हम Line के रूप में लेते हैं.
- उसके बाद Right Click कर के Add Data Labels करने पर हमे data values भी दीखते हैं.
Finally हम इस तरह से अपने Pareto chart को customize कर लें.
- इसमें जो blue line bar है वो हमे Defects की quantity बताता है.
- Orange colorline cumulative percentage show करता है.
Pareto Chart से 20% cause को कैसे पता लगाएं?
जब हम सभी data values का प्रयोग कर के table बनाते हैं और फिर उस टेबल के आधार पर चार्ट तैयार कर लेते हैं तो बारी आती है उस चार्ट की मदद से उन defects का पता लगाना जिस पर हमे काम करना है. इस के लिए हमे ये पता लगाना होगा की वो 20% cause कौन से हैं जो बाकि 80% problems के आधार हैं.
आप तो ये जानते होंगे की किसी tree जिसे हम पेड़ के नाम से जानते हैं उसका बाहरी रूप हरियाली भरा होता है लेकिन ये सिर्फ अपने root यानि जड़ की वजह से ज़िंदा रहता है. अगर हम जड़ काट दें तो पूरा पेड़ खुद ही मर जायेगा. pareto चार्ट भी कुछ उसी तरह से काम करता है. तो आखिर ये पता कैसे लगाए वो भी एक चार्ट के सहारे ?
अब अब आप इस चार्ट को ध्यान से देखें मैं एक red line बनायीं है जिसके बायीं तरफ के defects को मैंने circle के अंदर रखा है ताकि आप समझ सके. Red color line यहाँ ये दर्शाता है की सिर्फ 3 defetcs ने ही करीब 80% problems की जड़ है. यानि की यही वो 20% cause हैं जो 80% issues की जड़ हैं. तो अब हमे पता चल गया है की हमे सभी defetcs पर काम नहीं करना है बस हमे इन 3 defects (Rusty, Bend और Crack) पर काम करना है जिससे की बाकी defects खुद ही नियंत्रण में आ जायेंगे.
संक्षेप में
Quality Control में Pareto chart एक बहुत ही important tool है जिससे हमे अपने quality को इम्प्रूव करने में मदद मिलती है. mass production हो रहे कंपनियों में बहुत सारे defects होते हैं और ये संभव नहीं होता की सभी defects पर काम किया जा सके. इसी के हल को जानने के लिए हम आज जाना की Pareto chart क्या है( What is Pareto chart in Hindi). इससे हमे ये जानने को मिलता है की वो कौन से defetcs हैं जिन पर हमे काम करना है
इस तरह हमने इस पोस्ट के माध्यम से ये जाना की Pareto Chart कैसे बनाये और इसे 80-20 rule क्यों बोलते हैं? दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आपको ये पोस्ट अच्छी लगी होगी. अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक,ट्विटर,इंस्टाग्राम के माध्यम से वैसे लोगों तक भी पहुंचाए जिन्हे इस टॉपिक को जानने में परेशानी होती है.
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thx
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