Open Private School In India: भारत में स्कूल कैसे खोले, स्कूल खोलने की प्रक्रिया एवं नियम

शिक्षा संस्था में सर्वप्रथम विद्यालयों का नाम आता है. लोगों के द्वारा अपने बच्चों को शिक्षित करने हेतु उन्हें स्कूलों में भेजा जाता है. ऐसे में स्कूलों में छात्रों की संख्या बहुत ही ज्यादा होती है.

अगर आप चाहे तो आप ही स्कूल खोल सकते हैं. अगर आपकी इच्छा है स्कूल खोलना तो इससे संबंधित सारी जानकारियां हाजिर है. 

भारत में किस प्रकार से खोला जा सकता है स्कूल?

यदि आप स्कूल खोलना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास सही लीगल इम्फोर्मेशन होना जरूरी है.

स्कूल के लिए आपको पहले बोर्ड निर्धारण करना होगा कि स्कूल राज्य के बोर्ड का होगा या फिर सीबीएसई का. इसके मुताबिक शैक्षणिक कार्यक्रम निर्धारित होंगे. 

स्कूल के रजिस्ट्रेशन के वास्ते अप्लाई करना पड़ेगा. तत्पश्चात एनओसी और अन्य जरूरी अप्रूवल लेने पड़ेंगे. म्युनिसिपल प्राधिकरण एवं शिक्षा विभाग के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग इस काम मे‌ सहायक सिद्ध होंगे.

अप्रूवल के पश्चात आपके पास बेसिक स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर, इंटीरियर और योग्य स्टाफ होना आवश्यक है. 

अगर आप सोच रहे चावल का व्यापार करने के बारे में जिसके लिए आपको शुरुआत में क्या करना होगा, किन मशीनों की आवश्यकता होगी, कितना निवेश करना होगा, कितना प्रॉफिट आएगा आदि की जानकारी जानने के लिए एक अन्य आर्टिकल में बताया है कि चावल मिल का व्यापार करके आप लाखों पैसे कमा सकते है.

सेकेंडरी स्कूल प्रारंभ करने से पहले प्राइमरी स्कूल को ही प्राथमिकता दें. यह कदम बेहद सहायक सिद्ध होगा.

स्कूल प्रारंभ करने के वास्ते जरूरी है कि नॉर्मल तथा गाइडलाइंस की ओर जागरूक हो. यदि ऐसा होता है तो आपको इस केस में अप्रूवल पाने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी.

स्कूल के वास्ते जगह का निर्धारण करना:

स्कूल प्रारंभ करने के लिए सर्वप्रथम कदम होता है कि एक अच्छी जगह की तलाश करें, इसके लिए सावधानी बरतना जरूरी है.

क्योंकि बच्चों की सुरक्षा और शांति के लिए ऐसी जगह खोजना मुश्किल है. स्कूल के वास्ते अच्छे और पर्याप्त जमीन के अतिरिक्त शहर में उसकी लोकेशन और आसपास के माहौल का भी योगदान होता है. 

सेकेंडरी स्कूल खोलने के लिए आपको अपने Marketing की तैयारी करनी होगी. 

सीबीएसई विद्यालय के लिए जो जमीन ली जा रही है उसके विभिन्न मानक निर्धारित है. शहर के भीतर सीबीएसई स्कूल शुरू करने के लिए कम से कम 1 एकड़ जमीन होनी जरूरी है.

वही शहर के बाद बाहर की बात करें तो वहां पर लिमिट 1.5 एकड़ और जमीन भी एक ही जगह होनी बहुत जरूरी है.

जमीन के अलावा और भी बहुत से कारक जरूरी है जैसे कि शहर, वहां की आबादी, लोकेशन जैसी कुछ जरूरी और आवश्यक बातें.

सीबीएसई के नए नियमों के मुताबिक मेट्रो में स्कूल प्रारंभ करने के वास्ते 1600 स्क्वायर मीटर से ज्यादा जमीन होना जरूरी है.

अगर आप भी सोच रहे किसी बिजनेस करने के बारे में जिससे कम निवेश में अच्छा खासा प्रॉफिट तो हम आपके लिए एक पोस्ट लेकर आए हैं.

जिसके द्वारा जानकारी प्राप्त करके आप अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं.

यदि आप कुछ बिज़नेस करने के बारे में सोच रहे है तो आप छोटा मोटा बिज़नेस करना चाहते है तो आप इन बिज़नेस आइडियाज के बारे में जाने और अच्छा ख़ासा मुनाफ़ा कमाए.

प्ले स्कूल किस प्रकार से शुरू करें:

संविधान में आर्टिकल 21a के अंतर्गत 2009 में सरकार के माध्यम से बनाए गए “दी एक्ट टू एजुकेशन” के मुताबिक 6 से लेकर 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए शिक्षा मुफ्त और अनिवार्य कर दी गई है.

अभी बहुत से 6 वर्ष के उम्र के नीचे के बच्चे भी हैं जो मूलभूत अधिकार से पूरी तरह से वंचित है.

ऐसे में प्ले स्कूल को खोलने के वास्ते निर्धारित नियमों का पालन करना जरूरी है.

इस बात का निर्धारण सर्वप्रथम होना चाहिए कि प्ले स्कूल कौन से कैटेगरी का होगा मतलब की डे-केयर, फुल टाइम, या सिर्फ कुछ घंटों के वास्ते चलने वाले प्ले स्कूल.

इसके बजट की बात करें तो इसमें बजट और इन्वेस्टमेंट इसके इंफ्रास्ट्रक्चर आवश्यकता होगी. विज्ञापन तथा आवश्यक उपकरण पर निर्भर करते हैं. सरकार के द्वारा अभी हाल फिलहाल में बहुत सारी योजनाएं प्रारंभ की गई है.

जिनमें महिलाओं को खुद का प्ले स्कूल खोलने के लिए चाइल्ड केयर सेंटर खोलने के वास्ते भारतीय महिला बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में बीएमबी परवरिश लोन उपलब्ध कराया जा रहा है, जो कि 12% ब्याज दर पर उपलब्ध है और इसे 5 साल में वापस करना पड़ेगा. 

यदि आप भी उन लोगों में शामिल है जो नए-नए बिजनेस स्टार्टअप आइडियाज की तलाश में है, जिससे कि आप अच्छा मुनाफा कमा सकें तो आप आराम से सिर्फ विजिटिंग कार्ड का बिज़नेस स्टार्ट करके 1 लाख रुपए तक का महीना की कमाई कर सकते है.

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन गाइडलाइन के मुताबिक टीचर और अन्य स्टाफ को नियुक्त करना पड़ेगा. एक प्रीस्कूल टीचर के पास सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट होना आवश्यक है.

इसके अतिरिक्त उसके समक्ष और प्रीस्कूल टीचर एजुकेशन प्रोग्राम के मुताबिक न्यूनतम 1 साल का डिप्लोमा सर्टिफिकेट होना भी जरूरी है या फिर भी ऐड करना आवश्यक है. 

प्राइमरी स्कूल खोलने के बाद से गाइडलाइन:

भारत में प्राइमरी नॉलेज की बहुत ही ज्यादा जरूरत है. इस वजह से यहां पर छोटे शहरों और गांवों से लेकर के सभी क्षेत्रों में प्राइमरी स्कूल खोलना कहीं से भी अनुचित नहीं है.

यदि आप प्राइमरी स्कूल खोलने के इच्छुक है तो सबसे पहले आपको स्कूल के लिए ट्रस्ट या फिर संस्था होने आवश्यक है इसके लिए कम से कम 3 सदस्य होने चाहिए.

इसके वास्ते इंडिया ट्रस्ट एक्ट या फिर सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट में स्वयं का रजिस्ट्रेशन कराया जाना संभव है. इस सोसाइटी को Non-Profit ऑर्गेनाइजेशन होना चाहिए.

तात्पर्य के स्कूल से मिले प्रॉफिट को शिक्षा के वास्ते प्रयोग में लाना इसके परिणाम स्वरूप किसी भी सदस्य को कोई भी नहीं चाहिए.

लाभ ना प्राप्त हो इसके वास्ते अन्य उन सदस्यों को शामिल करने की सलाह प्रदान की जाती है जिनके पास शिक्षा संबंधित अनुभव होते हैं. 

अगर आपके पास हुनर है और आप चाहते हैं अपना खुद का स्टार्टअप व्यवसाय करना तो आसानी से अच्छा खासा पैसा अर्जित कर सकते हैं उसके लिए आप होम इंस्पेक्टर बनकर महीने का अच्छा पेमेंट उठा सकते है.

सेकेंडरी स्कूल प्रारंभ करने के वास्ते निम्न बातें हैं जरूरी:

अगर आपके पास पहले से ही प्राइमरी स्कूल है तो आप स्कूल में क्लास के एक्सटेंशन मतलब कि आगे बढ़ाने के वास्ते भी अप्लाई कर सकते हैं.

इसके साथ ही एक बार स्कूल खुलने के बाद एक-एक वर्ष करके आगे बढ़ता चला जाता है. 

जैसे ही आप डाक्यूमेंट्स पर कार्य करना प्रारंभ करेंगे आपके पास जरूरी लीगल डाक्यूमेंट्स भी होना जरूरी है. जिसे आपको साथ में ही तैयार करना होगा.

जैसे कि एनओसी और अन्य अप्रूवल के वास्ते आवश्यक दस्तावेज. इसके बाद से अपने लोकल म्युनिसिपल प्राधिकारी, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग से आपको संपर्क करना होगा.

वैसे तो यह टॉपिक बहुत ज्यादा विस्तृत है किंतु हमने इसे संक्षिप्त में बताने का संपूर्ण प्रयास किया है.

निष्कर्ष:

आज के article में हमने आप सभी लोगों के साथ स्कूल खोलने से संबंधित आवश्यक जानकारियां साझा की है.

हमें आशा है कि हमारे प्रयास आपको बहुत ज्यादा पसंद आया होगा. हमारे article को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ जरुर शेयर करें.

Ahmed Ruhul Amin

हिंदी भाषा के माध्यम से सरकारी योजना, परीक्षा, नौकरी, तकनीक और ट्रेंडिंग जानकारी लिखना मुझे बहुत पसंद है.

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