Keyword क्या है और क्यों जरुरी है?

आप सभी का स्वागत है इस नए पोस्ट में आज की पोस्ट में हम बात करेंगे कीवर्ड क्या है (What is Keyword in Hindi). अगर आप एक ब्लॉगर हैं और SEO के बारे में जानकारी चाहते हैं तो आपको ये शब्द अक्सर सुनने को मिलता होगा. तो आपको भी इसके बारे में जानने की इच्छा हो चुकी है.

कीवर्ड का मतलब क्या होता है और Search Engine Optimization के लिए ये क्यों जरुरी है ये सारी बातें हम यहाँ डिटेल से जानेंगे. इसके अलावा आप ये भी जानेंगे की कीवर्ड की परिभाषा क्या होती है (What is the definition of keyword in Hindi).

बस फिर क्या जो टॉपिक मिला उस पर लिख लेता था ये भी नहीं देखता था की उस कीवर्ड को कितने लोग इंटरनेट में सर्च करते हैं. यही वजह थी की मेरा लिखा पोस्ट गूगल पर रैंक तो कर जाता था लेकिन उस पर ट्रैफिक जीरो होती थी.

जब ट्रैफिक नहीं आने लगा तो फिर मैंने ठान लिया की अब ये जान कर ही रहूँगा की ट्रैफिक लाने में इसका क्या रोल है. इस के बाद मैंने बहुत सारी रीसर्च वर्क की जानकारी हासिल की फिर जाकर पता चला की…

अरे मैं तो अँधेरे में तीर चला रहा था, तो निशाना क्या घंटा लगेगा.

फिर मैंने कीवर्ड से जुडी हर जानकारी लेनी शुरू की और इसका इस्तेमाल किसी पोस्ट के अंदर कैसे करते हैं वो भी जानने की कोशिश की और अभी हर रोज़ सिख ही रहा हूँ.

लेकिन कुल मिलाकर एक बात समझ में आ गई की अगर आप विजिटर और visitor को ध्यान में रख कर किसी पोस्ट को लिखते हैं उस के अनुसार कीवर्ड का इस्तेमाल करते हैं तो फिर गूगल आपके पोस्ट को अधिक महत्व  देता है.

हर रोज़ गूगल के नए अपडेट आते रहते हैं. जो लोग गलत रास्ता चुनते हैं उन्हें अपने काम करने के तरीके भी बदलने पड़ जाते हैं.

इसीलिए मेरा मानना ये है की आप writer बन के लिख तो रहे हैं लेकिन एक reader बन कर भी सोचे की आप जब किसी आर्टिकल को पढ़ेंगे तो उससे आप क्या उम्मीद रखते हैं.

आपको आपका जवाब मिल जायेगा. अब आपके दिमाग में ये बात बिलकुल बैठ गई होगी की कभी भी सिर्फ अपनी मर्ज़ी से न लिखे की आप संतुष्ट हों. बल्कि ऐसे लिखनी चाहिए की पढ़ने वाला खुश होकर आपके ब्लॉग का फैन बन जाये और बार बार आये.

आप भी इस का मतलब क्या होता है इसे समझ कर ही यहाँ से जायेंगे लेकिन मैं आपसे कहूंगा की इस पोस्ट से अगर आपको फायदा लगे या फिर कोई सवाल हो तो बेशक और बेझिझक आप कमेंट कर के पूछ सकते हैं. तो चलिए जानते हैं की कीवर्ड क्या है (What is keyword in hindi) और इसकी परिभाषा क्या है.

कीवर्ड क्या है – What is Keyword in Hindi?

जब हम अपनी जानकारी ढूंढने के लिए किसी भी सर्च इंजन में उस जानकारी से जुड़े शब्द या फिर phrase को लिखकर सर्च करते हैं तो उसे कीवर्ड कहा जाता है. यह छोटा भी हो सकता है और लंबा भी हो सकता है.

आप इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं इसका मतलब है आपने कीवर्ड का इस्तेमाल किया है.

कैसे?

मैं बताता हूँ कैसे आप के इस पोस्ट को पढ़ने का मतलब है की आप कीवर्ड के बारे में जानना चाहते हैं. और इसीलिए आपने गूगल में सर्च किया है.  “कीवर्ड क्या है “या  “What is keyword in hindi“.

जी हाँ आपने सही समझा आप सर्च इंजन गूगल बिंग या यांडेक्स में जो सेंटेंस या फ्रेज जानकारी लेने के लिए सर्च करते हैं उसी को कीवर्ड कहा जाता है. ब्लॉग्गिंग और सो के लैंग्वेज में वो सरे वर्ड्स सेंटेंस या फ्रेज जो हम इंटरनेट से इनफार्मेशन लेने के लिए गूगल में सर्च करते हैं वो कीवर्ड्स होते हैं.

कीवर्ड की परिभाषा – Keyword definition in hindi

एक कीवर्ड एक ख़ास शब्द या वाक्य होता है जो पुरे वेब पेज का मुख्य और केंद्रित शब्द होता है जो पुरे वेबपेज में लिखे कंटेंट का वर्णन कर देती है.

कीवर्ड एक तरह से पुरे कंटेंट का शार्ट फॉर्म होता है. ये वेब पेज के सम्बन्ध में जरुरी जानकारी का श्रोत होता है और जिसके आधार पर ही सर्च इंजन यूजर द्वारा ढूंढे गए query का जवाब ढूंढता है और match कराता है.

चलिए इसे और एक उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिये आप को SEO के बारे में कुछ नहीं मालूम और आप इसके बारे में जानकारी लेना चाहते हैं. तो अब आप गूगल ओपन कर के उसमे क्या टाइप करेंगे?

“SEO kya hai”

“SEO kya hota hai”

“What is SEO in hindi”

जी आप बिलकुल इसी तरह के phrase को गूगल में सर्च करेंगे. अब जो रिजल्ट पेज आएगा तो उसमे 1st page में जितने भी रिजल्ट रैंक कर रहे हैं उन सभी में ये phrase “keyword” के रूप में इस्तेमाल किया गया है.

सर्च इंजन रिजल्ट पेज में रैंक कर रहे सारे पोस्ट्स को SEO Friendly लिखने के लिए  इन phrase को टारगेट किया गया है. इसी टार्गेटेड सेंटेंस या फ्रेज को टारगेट कीवर्ड कहा जाता है.

अब आप थोड़ा तो समझ ही गए होंगे की ये क्या होता है. गूगल में सर्च करते हुए आटोमेटिक और भी sentence queries के रूप में आते हैं जो की रेगुलर सर्च किया जाते हैं same topic  पर ये सारी suggested sentence भी कीवर्ड होते हैं.वर्ड या phrase को तो सर्च इंजन में किसी भी तरह के इनफार्मेशन को सर्च करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. लेकिन आपके मन में ये सवाल आता होगा की ये पोस्ट या कंटेंट के लिए क्यों जरुरी है? इस सवाल को समझने के लिए चलिए आगे चलते हैं और विस्तार से इसके बारे में भी चर्चा करते हैं.

ब्लॉग्गिंग में करियर बनाना है तो इस के बारे नॉलेज होना बहुत जरुरी है. किसी भी आर्टिकल को लिखने के लिए उसमे कीवर्ड का सही इस्तेमाल करना सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के लिए इम्पोर्टेन्ट होता है. ब्लॉग या वेबसाइट में traffic बढ़ने और पोस्ट को रैंक करने के लिए ये बहुत ही इम्पोर्टेन्ट फैक्टर होता है.

SEO के लिए कीवर्ड क्यों जरुरी है?

जब भी कोई ब्लॉगर पोस्ट या कंटेंट लिख कर पब्लिश करता है तो चाहता है की उसका पोस्ट SERP में कम से कम टॉप 5 में रहे.

अब आप ये बताइये की गूगल को कैसे पता लगेगा की आपका पोस्ट किस बारे में है?

इसका जवाब है “Keyword”.

तो गूगल या किसी भी सर्च इंजन को कैसे पता चलता है की पोस्ट या कंटेंट का कीवर्ड क्या है? सर्च इंजन को टारगेट कीवर्ड बताने के लिए आपको इसको अपने पोस्ट में बहुत अच्छे  से प्रयोग करना होता है.

Phrase ये शब्द सर्च इंजन को ये बताता है की आपने जो पोस्ट या आर्टिकल लिखी है वो किस बारे में है. इसके लिए सर्च इंजन आपके पोस्ट को पूरा analyse करता है.

वो ये चेक करता है की आपका पोस्ट किस topic पर है. और सर्च इंजिन्स को इसी की वजह से पता चलता है की पोस्ट की टॉपिक क्या है.Perfectly SEO  होने से गूगल किसी पोस्ट की सर्च इंजन की रैंकिंग फिक्स करता है.

अपने पोस्ट में Perfectly SEO करने के लिए एक sentence या phrase को टारगेट किया जाता है वही टारगेट कीवर्ड होता है.

इस का इस्तेमाल करना सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन का एक पार्ट है. वैसे तो सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन बहुत बड़ी फील्ड है लेकिन इस के बिना SEO वैसा ही जैसा “Body” without “heart”.  मैंने आपको यहाँ उदाहरण दिया है जिससे आप SEO के लिए ये क्यों जरुरी है इस को आसानी से समझ सकते हैं.

कीवर्ड का महत्व

यहाँ आप बस ये मान ले की इंसानी बॉडी में “Heart” एक “Keyword” है और “Body” यानि पूरा शरीर “SEO”  है.

दिल हमारे शरीर में हर तरफ ब्लड को circulate करता है यानि हार्ट का वर्क पूरी बॉडी में खून का फ्लो करना है. Focu s words भी हर जगह इस्तेमाल की जाती है.

अगर हार्ट न हो तो बॉडी फंक्शन करना बंद कर देगी. वैसे ही कीवर्ड का इस्तेमाल न हो तो पोस्ट कंटेंट भी बिना मतलब का है.

पोस्ट की SERP (Search Engine result Page) में पोजीशन किस नंबर पर आती है कीवर्ड का सही प्रयोग कर के perfectly seo optimized कैसे करते हैं इस पर निर्भर करता है.

अब आपको इस का महत्त्व बहुत अच्छे से समझ में आ गया होगा. तो चलिए अब जानते हैं की Search engine optimization के लिए इस्तेमाल होने वाले कीवर्ड्स कितने प्रकार के होते हैं.

कीवर्ड कितने प्रकार के होते हैं – Types of Keywords in Hindi

आर्टिकल या पोस्ट का perfectly Seo करने के लिए उसमे कीवर्ड का सही इस्तेमाल करना बहुत जरुरी है. लेकिन उससे पहले ये जानना भी जरुरी है की कौन से phrase या वर्ड्स को कब और कैसे इस्तेमाल करना है.

इसके लिए तो ये भी समझाना होगा की ये कितने तरह के होते हैं. तो चलिए जानते हैं types of keyword in hindi.

Generic Keyword:

Generally जब हम एक single term या 1-2 वर्ड्स को कीवर्ड के रूप में इस्तेमाल करते हैं तो इसे generic  कीवर्ड बोला जाता हैं. Generic टाइप मीनिंग फुल नहीं होता है. इससे exactly पता नहीं चल पाता की किस के regarding information है.

तो चलिए इसे और अच्छे से एक उदाहरण के द्वारा समझते हैं.

Generic words example:

“Smartphone”
“Festival”
“Blogging”
“Digital Marketing”
“Clothes”

इस तरह के वर्ड्स Generic होते हैं. ये basically पुरे ग्रुप को represent करते जबकि इनके अंदर खुद ही बहुत सारी Category  होते हैं. अगर यूजर को इनफार्मेशन चाहिए

“Men’s sports shoes” की तो वो सिर्फ “shoes” गूगल में सर्च करेगा तो उसे अपने इच्छा अनुसार रिजल्ट नहीं मिल सकेगा. वैसे Generic phrase और terms की search volume बहुत ज्यादा होती और कम्पटीशन भी Low होता है. 

लेकिन फिर भी इस तरह के कीवर्ड से रैंक करना बहुत ज्यादा hard यानि कठिन है.

Informative keyword:

ऐसा वर्ड basically अपने आप में एक question होता है जिसे हम informative keyword बोलते हैं. इस का इस्तेमाल users अपने question का डायरेक्ट answer पाने के लिए करते हैं. Informative type को उदाहरण के जरिये समझते हैं.

“Shoes meaning”
“What is blogging”
“Digital marketing means”

गूगल ने इस तरह के Phrase के सर्च रिजल्ट को दिखने के लिए ही “Snippet” को लांच किया है. जब भी कोई यूजर गूगल में Informative phrase के रूप में word या sentence को एंटर कर के सर्च करता है तो “Snippet” सर्च रिजल्ट में ही डायरेक्ट answer को शो करता है.

कभी कभी ये अलग टाइप के Informative phrase  में भी काम करता है. इसमें टाइटल answer from content  और वेबपेज का यूआरएल भी शो किया हुआ रहता है.

Short tail keyword:

जब generic word में कुछ और वर्ड जोड़ कर के इसको थोड़ा लम्बा कर दिया जाये तो इसे short tail keyword बोला जाता है. short tail generic की तुलना में थोड़ा मीनिंगफुल होता है. इससे थोड़ी बहुत तो इनफार्मेशन मिल जाती है की यूजर किस बारे में जानना चाहता है.

इसको समझने के लिए कुछ उदाहरण देखते हैं.

TypesKeyword
GenericShoes
Short tailShoes for men
Generic Digital marketing
Short tailDigital marketing training
Generic Blogging
Short tailBlogging tips, Blogging platform

मैंने ऊपर Generic और short tail दोनों के उदाहरण दे रखे हैं जिससे आपको ये समझने में आसानी होगी की इन दोनों में क्या फर्क है. और Generic से रैंक कर पाना इतना मुश्किल क्यों होता है ये भी आपको समझ में आ गया होगा.

Long tail Keyword:

जब 3-4 वर्ड्स या इससे ज्यादा वर्ड्स मिलकर एक long sentence बनाया जाता है तो इसे “Long tail keyword” बोला जाता है. Competetion ज्यादा हो तो categorized कर के targeted audience तक पहुंचा जा सकता है. Long tail बाकि सभी तरह की तुलना में सबसे ज्यादा effective होते हैं. ये जितना लम्बा होगा रिजल्ट उतना ही अच्छा मिलेगा. Long tail के उदाहरण :

“Green color sports men shoes”
” Blogging se paise kaise kamaye”
“Digital marketing training centre in Ahmedabad.”
ये सारे Long Tail Phrase हैं. ये और भी लम्बे हो सकते हैं.

अब तो आप समझ चुके हैं की कीवर्ड कितने तरह के होते हैं. ये तो हुए ट्रेडिशनल टाइप्स लेकिन आजकल गूगल लॉन्ग टेल वर्ड्स को बहुत पसंद करता है. इसके अलावा भी एक टाइप का फ्रेज या वर्ड होता है जो सर्च इंजन बहुत पसंद करते हैं. वो LSI phrase या वर्ड होता है.

 LSI कीवर्ड क्या है? चलिए इसे भी मैं आपको अच्छे से बताता हूँ.

LSI कीवर्ड क्या होता है?

 LSI का फुल फॉर्म (Latent Sementic Indexing) होता है. गूगल जैसे सर्च इंजन आपके लिखे हुए पेज के कंटेंट को रैंक करने से पहले सर्च इंजन bots के जरिये crawl करते हैं. और ये  find करते हैं की कीवर्ड और कंटेंट मैच कर रहे हैं या नहीं. इसके अलावा इस से रिलेटेड और भी फ्रेज या सेंटेंस को कंटेंट से मैच कर के रिलेशनशिप चेक करता है.

कीवर्ड से रिलेटेड फ्रेज या सेंटेंस को जिसे उसेर्स normally सर्च इंजन में प्रयोग करते हैं उसे LSI Keyword बोलते हैं. LSI कंटेंट के टाइटल में लिखे हुए Phrase को कंटेंट के अंदर भी सर्च करता है. LSI से ये भी पूरा पता चल जाता है की कोई वर्ड कितनी बार रिपीट किया गया है.

अगर आप सिर्फ एक ही Phrase को बहुत बार प्रयोग करते हैं वो भी अप्राकृतिक रूप से तो ये एक तरह से सर्च इंजन के विरूद्ध होता है. वही सर्च इंजन LSI से मैच करा के चेक कर लेता है. अगर आप थोड़ा सा ध्यान दे और LSI Phrase कंटेंट Title और Heading में भी इस्तेमाल करे तो ये सबसे अच्छा मेथड है. LSI Phrase पुरे अर्थपूर्ण यानि की meaningful होते हैं और content से related भी होते हैं.

LSI कैसे काम करता है?

तो अब मैं आपको बताता हूँ  की LSI कैसे काम करता है. इसके लिए पहले आप जान ले की आखिर LSI  कहाँ से मिल सकता है हमे. जब यूजर कोई word या sentence डाल कर सर्च इंजन में सर्च करता है तो सर्च रिजल्ट पेज के सबसे नीचे कुछ सेंटेंस हमे दिखाई देते हैं उसी word या sentence के रिलेटेड. ये LSI  होते हैं. आप LSI का उदाहरण  यहाँ देखकर समझ सकते हैं.

तो फ्रेंड्स अब आप LSI  को बढ़िया से समझ गए होंगे. सर्च इंजन आपके कंटेंट को बेस्ट तभी समझता है जब आप अपने कंटेंट में इस तरह के LSI  कीवर्ड्स का प्रयोग करते हैं. इससे आपके सारे कंटेंट में density अच्छी रहेगी और साथ ही मीनिंगफुल लगेगी और सर्च इंजन फ्रेंडली भी होगी.

गूगल सर्च रिजल्ट रिलेटेड वर्ड्स से आप 1-2 बढ़िया LSI phrase सेलेक्ट कर के जरूर इस्तेमाल करे. आपकी पोस्ट आसानी रैंक करेगी.

कंटेंट में कीवर्ड कैसे इस्तेमाल करते हैं?

पोस्ट के अंदर इस का सही इस्तेमाल करना हर किसी को नहीं आता क्योंकी ये एक तरह की कला है जो सब के बस की बात नहीं है. जिसके पास ये आर्ट होता है उसके पोस्ट गूगल में टॉप 5 में हमेशा रैंक करते हैं. ये आप भी एक्सपीरियंस के आधार पर सिख जायेंगे लेकिन उसके लिए बताये गए तरीको को फॉलो करे.

  1. टाइटल के अंदर लिखे.
  2. Permalink के Title इसको रखे.
  3. Meta description में इसका उसे करे.
  4. अपने पहले पैराग्राफ में डेंसिटी अच्छी रखे.
  5. Image Alt tag में भी इसका का इस्तेमाल करे.
  6. Heading और Subheading यानी H2 और H3 में add करें .

आप ऊपर दिए सभी जगहों में कीवर्ड को बढ़िया तरीके से इस्तेमाल करे. Density को लिमिट और SEO के अनुसार ही रखे. 

ज्यादा इस्तेमाल करने से “Keyword Stuffing” की प्रॉब्लम हो सकती है.  अगर आप को कीवर्ड Density क्या है ये नहीं मालूम है तो चलिए इसे भी जान लेते हैं.

अगर आप SEO की और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो इसके लिए हमने SEO के tips पोस्ट लिखी है जिसे पढ़ के आप बहुत कुछ सिख सकते हैं.

Keyword Density क्या है?

पुरे आर्टिकल में कीवर्ड कहाँ कहाँ और कितनी बार इस्तेमाल किया गया इसे ही कीवर्ड Density बोलते हैं. हर 100 words में देखा जाता है की शब्द कितनी बार प्रयोग हुआ है.

अगर कोई phrase 100 words में 2 बार उपयोग किया गया है तो ये Density 2 % कही जाएगी. अगर आर्टिकल 1000 words का है तो और Density 2 % है इसका मतलब है की उसमे शब्द 20 बार लिखा गया है.

Density को पुरे कंट्रोल में रखना बहुत जरुरी है. क्यों की Density ज्यादा होने से Keyword Stuffing का इशू हो जाएगा और ऐसा होने से पोस्ट रैंक करने की बजाय सर्च रिजल्ट में दूर दूर तक भी नहीं दिखाई देगा.

सर्च इंजन boats किसी पोस्ट को crawl करते हैं तो वो Density चेक करते हैं. अगर Density अच्छी हुई तो पोस्ट रैंक कर देंगे और Density बहुत कम या फिर बहुत  ज्यादा हुई तो भी रैंक नहीं करेगी.

Note:

Density 1.5 – 2.5 % के बीच रखनी चाहिए. फोकस कीवर्ड  का प्रयोग बताये हुए तरीके से करे और Long tail का प्रयोग करे तो पोस्ट जरूर रैंक करेगा.

संक्षिप्त विचार

आशा है की आपको पोस्ट अच्छा लगा होगा. क्यूंकि आप यहाँ आज समझ चुके हैं की कीवर्ड का मतलब क्या होता है अगर अच्छा लगा है तो कमेंट कर के बताये और कुछ डाउट है वो भी कमेंट कर आप पूछ सकते हैं.

ये पोस्ट ब्लॉग्गिंग के नजरिये से बहुत महत्वपूर्ण है. इसकी नॉलेज की जरुरत हर ब्लॉगर को अपने ब्लॉग्गिंग करियर को आगे बढ़ने के लिए पड़ती ही है. अब आपको तो ये अच्छे से समझ में आ गया होगा की कीवर्ड क्या है (What is Keyword in Hindi).

इसके अलावा हमने ये भी जाना की कीवर्ड की परिभाषा क्या होती है. साथ ही साथ आप ये भी समझ चुके ये क्यों जरुरी है औरये कितने प्रकार का होता है . इसका पोस्ट के अंदर कैसे इस्तेमाल करना है जिससे की पोस्ट आसानी से गूगल  सर्च इंजन में रैंक कर जाये.

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Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

43 thoughts on “Keyword क्या है और क्यों जरुरी है?”

  1. Wasim sir apne bahut ache se Bataya Hai ki keyword kya hota Hai aur ye kyu jaruri Hai. Thank you sir. Main bhi keyword ke bare me ache se samajh chuka hu.

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  2. Sir mujhe thoda doubt lsi keyword ke bare me tha.aaj main samajh gaya ki lsi keyword kitne important hote hain

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  3. Sir mujhe ek doubt tha.Man lijie ki Ap Facebook followers kaise badhaye is topic par article Likh rehe hai.Lekin apko us article ki main keyword nehi mil raha hai.To Ab Ap kya karoge.Kaise us topic par article likho ge.plz sir replay karo.me hamesha is doubt me.rehe tahu.plz replay kr na

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    • Isme aap focus kar rahe hain facebook follower badhane ke method ke bare me to iske liye aapko long tail keyword aur LSI keyword hi istemal karna chahiye. Kyu ki jab aap baat karenge ki sirf ek word ki to ye meaningful nahi hoga. Jaise agar aapko likhna hai facebook kya hai to isme main keyword “facebook” hoga. Lekin aapke case me facebook follower badhane ka method,facebook follower badhane ka tarika is tarah ka keyword use karna hoga. Iske liye aap thodi LSI keyword ki research kar le.

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  4. Sir maine ek keyword ko focus karke us par post likhi thi par mujhe yeh dhyan nahi raha tha ki maine pahle bhi is keyword par post likh chuka hu. To kya new post ki ranking me koi problem aayegi kya kyonki vo abhi tak search me bhi nahi aayi hai. Kya mujhe is post ko delete kar dena chahiye. Sir Reply jarur kariyega.

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    • Ek hi keyword par ek se jyada post likhne par keyword cannibalization ki problem ho jati hai. Jiska matlab hota hai ki apka ek post jo same keyword par likha hua hai wo dusre post ko bhi rank hone se rok deta hai. Google ko ye bilkul bhi pasand nahi hai.
      Iska solution ye hai ki aap dono post ko ek sath merge kar de. Aur jis post ko delete karenge use dusre post me president kar de

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  5. Koi jaruri nahi ki aap jis keyword ko target karenge google usi me apko rank dega. Ye depend karta hai ki aap ne jis keyword ko target kiya hai us me.kitna competition hai. Jis keyword par competition kam hoga google pehle us par aapko ranking dega.
    Lekin ye dhyan rakhna jaruri hai ki apne keywords ko apne article me kis tarh istemal kiya hai.

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    • आप longtail keyword का इस्तेमाल करें। और पोस्ट टाइटल में आप अगर possible हो तो शुरू में करे. पोस्ट कंटेंट में शुरू के पैराग्राफ में और लास्ट के पैराग्राफ में जरूर करें। longtail keyword को 2-3 बार ही इस्तेमाल करें ज्यादा इस्तेमाल करने की जरुरत नहीं है.

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  6. agar ham long tail keyword ka hi use kare to koe dikkat to nhi hogi na matlab focus keyword ko long tail keyword bnakar bhi to use kar sakate hai.ese me kya ham yah kar sakate hai kya .isme focuse aur long tail keyword dono hi shamil honge.

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  7. हिन्दी कीवर्ड Research कैसे करें किसी best tool suggest kare

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  8. sir aapne bahot achchi jankari di hai, website ko rank karwane me aapka yah article bahot sahi sabit huaa, thanks

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  9. Sir mae ne pure post padhi hai aapne mujey bahut sari new new Jankari SEO or Keywords Using ke bare me di Thanks.

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  10. Bhut hi achha post likhe hai bro aap ko padh padh kr hamne ab ye phesla kiya hai blog ko start karne ke liye
    thanks for educate

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