लगभग सभी लोगों को पता होता है कि इनकम टैक्स क्या है (What is income tax in hindi). साल में एक बार देश के निवासियों को जिनकी आय इनकम टैक्स वसूलने के अंतर्गत आते हैं तो उन्हें भरना पड़ता है. लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि इनकम टैक्स क्यों लगाया जाता है ? जब हम छोटे होते हैं पढ़ाई करते हैं तो इसके बारे में ना तो कभी सोचते हैं और ना ही ज्यादा कुछ पता होता है बस हमें अपने माता-पिता से पता चलता है कि हर साल सरकार पिता की सैलरी से पैसे काटती है.
हमारा भारत देश काफी विशाल है और इसमें हर तरह की नौकरियां होती है सरकारी और प्राइवेट कंपनियां लोगों को नौकरी देती है. देश को चलाने के लिए बहुत सारे संस्थान बनाए जाते हैं और हर संस्थान में अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं. उनके अलावा बहुत सारे लोगों को भी नौकरी दी जाती हैं और अलग-अलग पदों पर नियुक्त किया जाता है. तो इन सभी संस्था के कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे केंद्र सरकार ही देती है. इसके अलावा देश की सेना, पुलिस और दूसरी सुरक्षा संस्थाएं जो सरकारी होती है उन्हें भी सैलरी केंद्र सरकार द्वारा ही दी जाती है. ऐसा नहीं है कि हर किसी को आय कर भरना पड़ता है. जिन लोगों की आय कम होती है और उनका परिवार मुश्किल से चल पाता है उन्हें आय कर देने की जरूरत नहीं है. लेकिन जो लोग बिजनेस करते हैं और बहुत पैसा कमाते हैं उनके बारे में आपने सुना होगा कि वह टैक्स चोरी कर के पैसे जमा नहीं करते. जिनकी वजह से उनके घरों में छापेमारी भी पड़ती है और उनकी आय और जायदाद देखी जाती है.
बहुत सारे ऐसे लोग होते हैं जो हर साल टैक्स की चोरी करते हैं और अपनी प्रॉपर्टी के बारे में सरकार से छुपाते हैं. जिससे कि उन्हें पैसे ना भरना पड़े. यही वजह है कि सरकार ने आधार कार्ड और पैन कार्ड इन दोनों को हर किसी के लिए अनिवार्य कर दिया है. इसके अलावा पैन कार्ड को बैंक अकाउंट से लिंक करवाना भी अनिवार्य कर दिया है. अब चाहे लोग कितनी भी पैसा अलग-अलग बैंकों में रखें या फिर छुपा कर रखें सरकार को इसके बारे में पता चल जाएगा. आय कर क्या होता है इसकी जानकारी हर नागरिक को होनी चाहिए. ताकि वह इनकम टैक्स के rules को समझ सके और समय पर टैक्स भर सके. तो चलिए अब जान लेते हैं कि आखिर इनकम टैक्स क्या होता है (What is income tax in hindi).
इनकम टैक्स क्या है -What is income tax in hindi
इनकम टैक्स एक ऐसा टैक्स है जो सरकार अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर बिजनेसमैन और लोगों द्वारा कमाए गए पैसे पर लगाती है. कानून के अनुसार टैक्स देने वाले को अपने टैक्स ऑब्लिगेशंस को निर्धारित करने के लिए सालाना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है. आय कर गवर्नमेंट के लिए रेवेन्यू का एक स्रोत है. उनका उपयोग पब्लिक सर्विस को फंड देने के लिए, सरकारी दायित्वों का भुगतान करने और नागरिकों के सामान प्रदान करने के लिए किया जाता है.
इनकम टैक्स की परिभाषा
इनकम टैक्स एक व्यक्ति की आय पर केंद्र सरकार द्वारा लगाया और वसूला जाने वाला टैक्स है. आयकर की गणना किसी व्यक्ति के कुल आय पर निर्धारित किए गए दरों पर की जाती है और सीधे सेंट्रल गवर्नमेंट को भुगतान की जाती है. आय कर से संबंधित प्रोविजन इनकम टैक्स एक्ट 1961 द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं.
सालाना लिए जाने वाले आय कर दोनों तरह के आए कमाए गए वेतन (मजदूरी, वेतन, कमीशन) और बिना कमाए गए पैसे (लाभांश, ब्याज, किराए) पर लगाया गया चार्ज है. इनकम टैक्स 1 डायरेक्ट टैक्स होता है जो प्रत्येक व्यक्ति, कॉर्पोरेट फॉर्म, लोकल अथॉरिटी और कंपनी को कानूनी रूप से सरकार को भुगतान करना पड़ता है अगर वह कुछ मापदंडों को पूरा करते हैं.
भारत में आयकर इंसानों के सैलरी के आधार पर लागू होता है यानी की कम कमाई पर कम आय कर लगाया जाता है और अधिक आय में अधिक लगाया जाता है. भारत में आयकर cycle वर्तमान में 1 अप्रैल को फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत के साथ आता है और अगले कैलेंडर साल के 31 मार्च को समाप्त होता है.
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इनकम टैक्स क्यों लगाया जाता है
कर को साफ तौर पर भुगतान किया जाता है ताकि गवर्नमेंट हमारे लिए दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं के भुगतान के लिए संसाधन जुटा सके. लेकिन हममें से कोई भी व्यक्तिगत रूप से उन संसाधनों को नहीं जुटा सकते हैं.
यहां तक कि अगर टैक्स के पैसे के जटिल सिद्धांतों में नहीं जाता हूं और सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाओं और सुविधाओं के कुछ उदाहरण लेते हैं जैसे सड़क, उस पर लगी लाइटें, पुलिस, सेना, यह सभी सेवाएं किसी एक इंसान के बस की बात नहीं है. चाहे वह पूरी जिंदगी मेहनत करके कमा ले इसमें भुगतान किए जाने वाले पैसों को अकेले कोई भी नहीं भर सकता. अगर सरकार हर व्यक्ति को अपने घरों के बाहर 100 मीटर के लिए सड़क बनाने के लिए कहती है तो हम में से अधिकांश इसे करने में सफल नहीं होंगे. लेकिन हम कितने किलोमीटर सड़कों का उपयोग कर लेते हैं उसका अंदाजा भी नहीं है.
हम डाक सेवाओं का उपयोग करते हैं, हम रेलवे का उपयोग करते हैं, हमारी सुरक्षा के लिए पुलिस मौजूद है हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए सेना है जो हमेशा खड़ी रहती हैं. जो अगर ना हो तो हमारा देश किसी दूसरे देश का गुलाम बना रहता. कहने का मतलब यही है कि हम सभी सुविधाओं का उपयोग करते हैं और इसीलिए हम सभी कर के रूप में सरकार को भुगतान करते हैं.
अब यहां पर मुख्य बात यह आती है कि हमारे देश की संख्या बहुत बड़ी है और बहुत बड़ी संख्या गरीबी रेखा के नीचे आती है तो सुविधाओं का इस्तेमाल तो हर कोई करता है लेकिन आय कर हर कोई नहीं भर पाता.
टैक्स के प्रकार
मुख्य तौर पर देखा जाए तो टैक्स दो प्रकार के होते हैं डायरेक्ट और इनडायरेक्ट. इन दोनों प्रकार का इंप्लीमेंटेशन अलग अलग तरीके से होता है. आप कुछ कर सीधे तौर पर चुकाते हैं जैसे इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट, वेल्थ इत्यादि जबकि कुछ कर इनडायरेक्टली तौर पर भी चुकाते हैं जैसे सेल्स, सर्विस, VAT वैल्यू ऐडेड टैक्स इत्यादि.
जबकि इनको छोड़ दिया जाए फिर भी हमें कई तरह के टैक्स चुकाने होते हैं जो कि केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए किसी खास एजेंडा के तहत भी लिया जाता है और इससे डायरेक्ट और इनडायरेक्ट के साथ भी लोगों चुकाना पड़ जाता है. जैसे हाल ही में लॉन्च हुआ है स्वच्छ भारत, इंफ्रास्ट्रक्चर cess, और कृषि कल्याण cess पर लगाया गया कर जो इसी प्रकार के अतिरिक्त करों में आते हैं. चलिए जान लेते हैं इंटेक्स के प्रकार को एक-एक करके यह क्या है और यह कैसे काम करते हैं.
डायरेक्ट टैक्स
जैसा कि हमने पहले ही इस को बताया है कि इस तरह के टैक्स को सीधे तौर पर हमें चुकाना होता है. भारत सरकार द्वारा इसे इंडिविजुअल हर इंसान को टैक्स के रूप में चुकाना होता है. अगर इससे किसी दूसरे इंसान पर नहीं लादा जा सकता है जिसका जितना बनता है उसे वह सरकार के खाते में जमा करवाना होता है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस जोकि भारत सरकार द्वारा संचालित डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू है और जिसके तहत डायरेक्ट एक्सेस वसूले जाते हैं. सेंट्रल बोर्ड आफ डायरेक्ट टैक्सेस को अपने कर्तव्यों का पालन करके डायरेक्ट कर को वसूलना होता है. इसके अंतर्गत आने वाली एक्ट इस प्रकार हैं.
- इनकम टैक्स एक्ट
- वेल्थ एक्ट
- गिफ्ट एक्ट
- एक्सपेंडिचर एक्ट
- इंटरेस्ट एक्ट
इनडायरेक्ट टैक्स
वैसे टैक्स जो इनडायरेक्ट तरीके से वस्तुओं और सेवाओं के ऊपर लगा कर लिए जाते हैं, इनडायरेक्ट टैक्स कह जाते हैं. यह डायरेक्ट कर से बिल्कुल अलग होते हैं और यह किसी एक इंसान को अकेले नहीं देना होता है बल्कि सभी के लिए लागू होता है. जो कि भारतीय सरकार द्वारा लागू किए गए नियम के अनुसार संचालित किया जाता है. इस तरह के कर वस्तुओं पर लगाए जाते हैं और उन वस्तुओं की कीमत के साथ इनको जोड़ा जाता है जिसे बेचते वक्त ग्राहक से वसूला जाता है. इनडायरेक्ट कर के अंतर्गत सेल्स, सर्विस, और VAT प्रमुख हैं.
इसके अंतर्गत आने वाले एक्ट इस प्रकार है.
- सेल्स टैक्स
- सर्विस
- वैल्यू ऐडेड
- कस्टम ड्यूटी
- एक्साइज ड्यूटी
इनकम टैक्स कितने आय पर लगता है – Income tax slab in hindi
अक्सर लोग इस बात को लेकर काफी परेशान रहते हैं कि उन्हें कितना पैसा देना पड़ेगा. हर वर्ष लोगों की आय एक जैसी नहीं होती है और इंक्रीमेंट के साथ में प्रमोशन और कई तरह के वेजेस जोड़ने के साथ ही लोगों की सैलरी भी बढ़ती है इस वजह से उनको इस बात का काफी ख्याल रखना पड़ता है कि कितना कर सरकार को चुकाना है.
जो नए लोग किसी कंपनी से जुड़ते हैं और नौकरी करना शुरू करते हैं वह भी इस बात को लेकर टेंशन में रहते हैं की क्या उन्हें भी कर चुकाना पड़ेगा अगर ये चुकाना पड़ेगा तो कितना पैसा भरना होगा इसके लिए और कितने पर आय कर लगता है इसका कैलकुलेशन कैसे करें इसके रूल्स क्या है. आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम यहां पर आपको सैलरी के आधार पर कितने कितना आयकर देना है वह बताने जा रहे हैं. इसीलिए आप इसे जरूर पढ़ें और समझें ताकि भविष्य में भी आपको इसे लेकर किसी प्रकार की चिंता ना रहे.
60 साल तक के स्त्री और पुरुष पर लगने वाले कर
इनकम टैक्स स्लैब | टैक्स की दर |
0 – 2.5 लाख तक आय | 0% (कोई कर नहीं) |
2.5 – 5 लाख के बीच | 5% |
5 – 10 लाख के बीच | 20% |
10 लाख के ऊपर आय पर | 30% |
- * Surcharge – आय कर का 10 परसेंट, जब वार्षिक आय 50 लाख से एक करोड़ के बीच में हो. जब किसी की आय 1 करोड़ के ऊपर हो तो आय का 15 परसेंट लगता है.
- Cess: कुल आयकर का 3 परसेंट + Surcharge
- अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक नहीं है और आय ढाई लाख रुपए हैं तो इसे आयकर से बाहर रखा गया.
60 साल – 80 साल तक के स्त्री और पुरुष पर लगने वाले कर
इनकम टैक्स स्लैब | टैक्स की दर |
0 – 3 लाख तक आय | 0% (कोई कर नहीं) |
3 – 5 लाख के बीच | 5% |
5 – 10 लाख के बीच | 20% |
10 लाख के ऊपर आय पर | 30% |
- * Surcharge – आय कर का 10 परसेंट, जब वार्षिक आय 50 लाख से एक करोड़ के बीच में हो. जब किसी की आय 1 करोड़ के ऊपर हो तो आय का 15 परसेंट लगता है.
- Cess: कुल आयकर का 3 परसेंट + Surcharge
- अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक नहीं है और आय ढाई लाख रुपए हैं तो इसे आयकर से बाहर रखा गया.
80 साल के ऊपर वाले स्त्री-पुरुष पर लगने वाला कर
इनकम टैक्स स्लैब | टैक्स की दर |
0 – 2.5 लाख तक आय | 0% (कोई कर नहीं) |
2.5 – 5 लाख के बीच | 0% (कोई कर नहीं) |
5 – 10 लाख के बीच | 20% |
10 लाख के ऊपर आय पर | 30% |
संक्षेप में
आज के पोस्ट में आपने जाना है कि इनकम टैक्स क्या है (What is income tax in hindi). यह हर देश के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे देश की आर्थिक व्यवस्था पर मदद मिलती है और जो सरकारी संस्थाएं हैं और उनके अंतर्गत काम करने वाले जो लाखों-करोड़ों लोग हैं उनके वेतन टैक्स जमा होने वाली राशि के जरिए दी जाती है. अब आप समझ गए होंगे कि इनकम टैक्स क्यों लगाया जाता है. जब तक लोगों को इसका ज्ञान नहीं होता है तब तक वह परेशान रहते हैं और सोचते हैं कि सरकार आखिर हम से पैसे क्यों लेती है.
इस आर्टिकल की मदद से हमने आपको बताया कि इनकम टैक्स रूल्स इन हिंदी क्या है इसके अलावा आपने ये भी जाना कि टैक्स स्लैब क्या है. कितनी आय प्राप्त करने वाले लोगों को कितने परसेंट कर देना है इसी से slab की वजह से हमें पता चलता है. साथ ही आपने ये भी जाना कि किस उम्र में कितनी आय होने पर कितना कर लगता है. अगर आप एक नए युवक हैं और पहली बार आप पैसा भरने जा रहे हैं और इस बात को लेकर काफी चिंतित है तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ते-पढ़ते आप समझ गए होंगे. अब आप भी टेंशन खत्म हो गई. इसके अलावा भी अगर आपको किसी तरह की आशंका है तो आप कमेंट कीजिए और हमसे पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे. अगर कोई पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे दोस्तों के साथ फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, पर व्हाट्सएप में अधिक से अधिक शेयर करें.