हवा इस धरती पर जी रहे सभी प्राणियों के लिए बहुत ही जरूरी है जिसके जरिए इसका उपयोग प्रत्येक जीव द्वारा ऑक्सीजन को लेने में में किया जाता है. वायु से संबंधित बहुत से प्रश्न एग्जाम में पूछे जाते हैं इसलिए सभी विद्यार्थियों को वायु के बारे में जाना चाहिए. आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे की हवा क्या है (What is Air in Hindi)?
वायु इस धरती के सभी जीवो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है जिसके जरिए लोग इस धरती पर जीवित हैं और अपने आप को इस धरती पर रहने के लिए अनुकूलित बनाते हैं. विद्यार्थियों को वायु से संबंधित सारी जानकारी जानना बहुत ही आवश्यक है यदि आपको भी वायु से संबंधित बातें जाननी है तो आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें.
हवा क्या है – What is Air in Hindi?
हवा गैसों के मिश्रण को कहा जाता है. वायु में ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, आर्गन एवं अन्य जैसे मिली हुई रहती है जो अलग-अलग परसेंटेज में वायु में उपस्थित रहते है. जैसे वायु में (78%) सबसे ज्यादा परसेंटेज नाइट्रोजन गैस का होता है .
ऑक्सीजन की बात करें तो ऑक्सीजन 21 परसेंट वायु में उपलब्ध है, आर्गन 0.9% हवा में मौजूद है तथा अन्य गैस 0.01% वायु में अवेलेबल है. हवा धरती के चारों ओर मौजूद है जिसे वायुमंडल कहा जाता है.
हवा के प्रकार
वायु के सात प्रकार होते हैं जो निम्नलिखित:-
- आवह
- उद्वव
- संवह
- विवह
- परिवह
- परावह
प्रवह:-
प्रवह बहुत ही शक्तिमान वायु है जिसके माध्यम से आसमान में उड़ने वाले बादलो की गति बदलती है अर्थात यह वायु बादलों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाती है.प्रवह वायु गर्मी से उत्पन्न को समुद्र तक पहुंचाती है.
आवह :-
सूर्य मंडल से बंधी हुई यह वायु है जिसके द्वारा ध्रुव के माध्यम से सूर्य मंडल को घुमाया जाता है.
उद्वव:-
यह तीसरे वायु का प्रकार है जो चंद्रलोक में उपस्थित है. इसी के माध्यम से के ध्रुव द्वारा चंद्र मंडल को घुमाया जाता है.
संवह:-
यह वायु का चौथा प्रकार है जो नक्षत्र मंडल में उपलब्ध है. नक्षत्र मंडल में संवह वायु बहती है.
विवह:-
यह हवा का पांचवा प्रकार है जो ग्रह मंडल में स्थित है. ग्रह मंडल में विवह वायु उपस्थित है.
परिवह:-
यह वायु का छठा प्रकार है जो सप्त ऋषि मंडल में उपस्थित रहता है. किसी के माध्यम से ध्रुव के द्वारा सप्त ऋषि आकाश में घूमते है.
परावह:-
वायु के सातवें प्रकार का नाम परावह है, इस वायु के कारण ध्रुव चक्र और अन्यान्य मंडल एक ही जगह पर स्थित रहते है.
हवा की उत्पत्ति कैसे हुई?
वायु हमारे धरती के चारों ओर उपस्थित हैं जिसे हम वायुमंडल के नाम से जानते हैं और इस वायु में अनेक प्रकार के गैसों का मिश्रण होता है जिसमें सबसे ज्यादा प्रतिशत नाइट्रोजन और ऑक्सीजन गैस का मौजूद रहता है.
उसी ऑक्सीजन का इस्तेमाल लोग सांस लेने के समय करते हैं जिससे जीव जीवित रह पाते हैं.
सूर्य के किरणों से पृथ्वी की सतह गर्म होती है जिससे हमारा वायुमंडल भी गर्म हो जाता है.
सूर्य के किरण हमारे पृथ्वी में कहीं सीधी पड़ती है तो कहीं तिरछी पड़ती है जिस सतह पर सूर्य की किरण सीधी पड़ती है वह सत्तह गर्म हो जाती है और पृथ्वी के जिस सतह पर सूर्य की किरण तिरछी पड़ती है.
वह सतह ठंडी रहती हैं, पृथ्वी गर्म होने से पृथ्वी की वायु भी गर्म हो जाती है और गर्म हवा ठंडी हवा की अपेक्षा हल्का होता है. अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाए तो गर्म हवा के घनत्व ठंडी हवा की अपेक्षा कम होता है जिस कारण गर्म हवा ऊपर बहती है और ठंडी हवा नीचे रहती है और इस प्रकार हवा का निर्माण होता है.
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हवा के उपयोग:-
वायु का उपयोग लोग विभिन्न तरीकों से करते हैं:-
- पक्षियों का उड़ना वायु के कारण ही संभव हो पाता है, पक्षिया आसमान में वायु के माध्यम से उड़ान भरती है.
- हवा के माध्यम से पवन चक्कीयो को घुमाया जाता है और उससे इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न की जाती है.
- लोग समुद्र या नदी के अंदर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग करते हैं.
- किसी भी ईंधन को प्रज्वलित करने के लिए वायु का उपयोग किया जाता है क्योंकि बिना हवा का कोई भी ईंधन नही जलाया जा सकत है.
- जल के स्रोतों में पालो वाला जहाज चलाने में वायु का इस्तेमाल किया जाता है.
- वाहनों के टायर में वायु का इस्तेमाल किया जाता है तभी वाहन सड़कों में चल पाते है.
- हवाई जहाज को बिना इंजन से चलाने के लिए वायु का इस्तेमाल किया जाता हैं.
- पेड़ पौधे अपना भोजन बनाने के लिए सूर्य के प्रकाश के साथ-साथ वायु का भी इस्तेमाल करते हैं.
वायु का हमारे जीवन में अनेक प्रकार से उपयोग किया जाता है. हमारे वायुमंडल में उपस्थित हवा के माध्यम से हम ऑक्सीजन को ग्रहण करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ते हैं.
ठीक इसी प्रकार पेड़ पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को लेते हैं और ऑक्सीजन को छोड़ते हैं और यह प्रक्रिया लगातार चलते रहती है.
हवा अथवा वायु प्रदूषण और उसके रोकथाम:-
हमारे वातावरण में उपस्थित वायु अनेक प्रकार से प्रदूषित होते हैं. प्रदूषण के कुछ स्रोत है जो निम्नलिखित हैं: –
- वाहनों से निकले हुए धुएं
- जलाऊ लकड़ी
- मिट्टी का तेल
- कोयला
- सिगरेट से निकलने वाले धुएं
ये सभी वायु के प्रदूषण के स्रोत हैं जिसके माध्यम से अनेक प्रकार के प्रदूषित गैस उत्पन्न होती हैं जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड तथा सल्फर डाइऑक्साइड इत्यादि .
जब इन सभी को जलाया जाता है तब इन सभी से प्रदूषित गैसों का निर्माण होता है जो हमारे वायुमंडल में उपस्थित वायु को प्रदूषित करते हैं जिससे जीवित प्राणी को हानि पहुंचता है क्योंकि इस धरती पर जी रहे सभी जीव वायु के माध्यम से सांस लेते हैं और जिस कारण वे इस धरती पर जिंदा है.
ऐसे में यदि वायु ही प्रदूषित हो जाए तो हम ऑक्सीजन के रूप में प्रदूषित वायु को अपने अंदर लेंगे जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
वायु प्रदूषण को रोकने का उपाय:-
वायु प्रदूषित होने से सभी जीवो को हानि पहुंचती है इसलिए लोगों को जहां तक संभव हो वायु प्रदूषण के स्रोतों का इस्तेमाल बहुत ही कम करना चाहिए जिससे हवा प्रदूषित ना हो सके और यदि हवा प्रदूषित नहीं होगा तो हमारा स्वास्थ्य स्वस्थ रहेगा.
लोगों को जहां तक संभव हो पेड़ पौधों को लगाना चाहिए क्योंकि पेड़ पौधे हमारे पर्यावरण को संतुलित बनाए रखते हैं जिससे प्रदूषण कम फैलता है.
इसलिए हमें पेड़ पौधों को काटने के बजाय पेड़ पौधों को लगाना चाहिए. वृक्षारोपण की प्रक्रिया जब से शुरू की गई है तब से कई स्थानों में पेड़ पौधे अधिक से अधिक मात्रा में लगाए जा रहे हैं.
बिजली को उत्पन्न करने के लिए एंधनो का काफी मात्रा में उपयोग किया जाता है जिससे हानिकारक गैस उत्पन्न होती है.
जो हमारे वायु को प्रदूषित करती है इसलिए जहां तक संभव हो सौर ऊर्जा का उपयोग करें क्योंकि सौर ऊर्जा का उपयोग करने में पैसे नहीं लगते बल्कि सौर ऊर्जा सूर्य के प्रकाश वाली ऊर्जा होती है जिसे हम फ्री में उपयोग कर सकते हैं इससे वायु प्रदूषित भी नहीं होती है.
आप अपने घरों में सोलर पैनल लगवाएं और जहां तक संभव हो सोलर ऊर्जा से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल करें क्योंकि इससे चलने वाले वाहनों में प्रदूषित गैस उत्पन्न नहीं होती है.
इससे हमारा वायु प्रदूषित होने से बचेगा. लेकिन अभी जितने भी वाहन सड़क में चलते हैं वह डीजल और पेट्रोल से जलाए जाते हैं और डीजल और पेट्रोल के माध्यम से कई प्रदूषित गैसे उत्पन्न होती है जो हमारे वायु को प्रदूषित करती है. इसलिए हम लोगों को अपने पर्यावरण को बचाने के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करना चाहिए.
यदि आपका एक बगीचा है और उस बगीचे में गिरी हुई सूखी पत्तियों है तो उन पतियों को आप नहीं जलाए बल्कि उन सूखी हुई पत्तियों को खाद्य बनाकर उसी बगीचे में इस्तेमाल कर दे.
जिससे आपके पेड़ पौधों को खाद्य प्राप्त होगा और वायु भी प्रदूषित होने से बच जाएगी क्योंकि यदि आप पत्तियों को जलाते हैं तो उससे जो धुआं उत्पन्न होता है वह वायु को प्रदूषित करता है.
राज्य और केंद्र सरकार को पर्यावरण सुरक्षित रखने के लिए कुछ पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कानून लागू करनी चाहिए जिससे हमारा पर्यावरण सुरक्षित रह सके.
हवा हमारे लिए कितना जरूरी है?
हवा को शुद्ध रखना हमारे हाथों में है, यदि हम हवा प्रदूषित होने वाले वस्तुओं का इस्तेमाल ना करें तो वायु प्रदूषित होने से बचेगा और हमारा स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहेगा.
वायु हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है जिसके माध्यम से सभी सजीव इस धरती पर जीने के लिए अपने आप को अनुकूलित रखते हैं क्योंकि लोग जीवित तभी रहते हैं.
जब वह सांस लेते हैं और सांस लेना वायु के माध्यम से ही संभव हो पाता है इसलिए हवा हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जिससे जीव सांस लेने के माध्यम से ऑक्सीजन को ग्रहण करते है और इस धरती पर जीवित रह पाते है.
हवा हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि हवा का इस्तेमाल हमारे जीवन के बहुत ही आवश्यक कामों के लिए किया जाता है इसके साथ-साथ सबसे महत्वपूर्ण काम जो हम सांस लेने का करते हैं उसने ऑक्सीजन वायु के माध्यम से ही हमें प्राप्त होता है इसलिए हवा हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. शुद्ध वायु का होना हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है.
निष्कर्ष
वायु हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है,वायु के कारण जीव इस धरती पर जीवित है इसलिए हमारी पढ़ाई में वायु से संबंधित टॉपिक भी हैं जिसे विद्यार्थियों को पढ़ना होता है.
एग्जाम में वायु से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. तो आज हमने आपको हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से बताया की हवा क्या है (What is Air in Hindi)?
उम्मीद है हमारा यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा और वायु से संबंधित जानकारी आप इस आर्टिकल के माध्यम से जाने होंगे.