आज किसी भी वस्तु को लेना हो चाहे वह मांगा ही क्यों ना हो एक तरह से आसान माना जाता है और यह संभव हो सका है किसी भी वस्तु को किस में लेने की वजह से.
अगर आप नहीं जानते कि EMI का पूरा नाम क्या है (EMI Full Form) तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें.
आज एक मध्यम वर्ग परिवार को भी काफी चीजों की जरूरत पड़ती है जो कि इसकी वजह से ही पूरी हो पाती है.
बाइक खरीदने हो या फिर कार खरीदनी है लोग इसे किस्त में लेना है पसंद करते हैं.
इसीलिए आज की इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि इस शब्द का हिंदी में पूरा नाम क्या होता है और उसका अर्थ क्या है.
EMI का पूरा नाम क्या है – What is the full form of EMI in Hindi?
EMI का फुल फॉर्म “Equated monthly installment” है.
इसे हिंदी में “इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट” कहते हैं. इसका अर्थ “समान मासिक किस्तें” होता है.
EMI जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि यह मासिक किस्त है. इसे इस प्रकार से समझा जा सकता है.
जैसे यदि हम ₹10000 का नया मोबाइल खरीदना चाहते हैं, लेकिन हमारे पास ₹10000 नहीं है तो हम इसे क़िस्त पर खरीद सकते हैं.
इसका मतलब यह हुआ है कि हमें एक साथ ₹10000 जमा नहीं करने पड़ेंगे. बल्कि हमें हर महीने फिक्स अमाउंट एक समयावधि के अंदर देने होंगे.
हालांकि हम सारे प्रोडक्ट को ईएमआई पर नहीं ले सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी जिस प्रोडक्ट के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराती है सिर्फ उसी प्रोडक्ट को किस्तों पर खरीदा जा सकता है.
यदि हमें बैंक से Loan लेना हो या फिर कार या बाइक खरीदनी हो तो ऐसी स्थिति में हमें इसकी सुविधा बहुत ही आसानी से मिल जाती है.
अगर आप लोन के बारे में जानना चाहते है तो हमारे लिखे आर्टिकल लोन क्या है और कैसे लें जरूर पढ़ें.
क्योंकि इनका अमाउंट इतना अधिक होता है की इसे एक बार में लौटाना संभव नहीं है. इसलिए बैंक या फाइनेंस कंपनियां उस प्रोडक्ट को क़िस्त पर उपलब्ध करवा देती है.
जिसके कारण हमें कुछ पैसे जमा करवा कर बाकी के बचे पैसों को मासिक किस्त के रूप में वसूलती है. एक फ्लैट ब्याज दर होता है.
जो कि कार या बाइक के लिए प्रयोग में लाया जाता है. प्रोडक्ट की मूल ऋण राशि पर इसकी गणना की जाती है.
एक बाइक की कीमत ₹80000 है इसे क़िस्त पर लेनी है.
फ्लैट ब्याज दर 10% लगाया जा रहा है. ब्याज सहित पूरी राशि को चुकाने का समय 2 साल का है. इसे इस तरह कैलकुलेट किया जाएगा.
बाइक का मूलधन – 80000
चुकाने का समय – 2 साल
इंटरेस्ट रेट – 10%
चुकि 2 साल में चुकाना है इसलिए हम मूलधन को 24 महीनों से विभाजित करेंगे.
(80000÷24)= ₹ 3333.3
मूलधन का 10% ₹8000 होगा. इसे 12 महीनों से विभाजित करेंगे.
( 8000÷12)=666.6
अब दोनों को जोड़ देंगे: – 3333.3+666.6=3999.9 यही हमारा मासिक किस्त होगा.
निष्कर्ष
हर परिवार को बहुत सारे वस्तुओं की जरूरत पड़ती है जिसे परिवार में इस्तेमाल किया जाता है और जो महंगी भी होती हैं.
सामान्य तौर पर लोगों को एक घर चाहिए होता है कम से कम एक टू व्हीलर गाड़ी की भी जरूरत पड़ती है और बच्चों को पढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है.
ऐसी स्थिति में हर काम को सिर्फ एक सैलरी से पूरा नहीं किया जा सकता है क्योंकि इतने पैसे एक बार में नहीं होते.
इसीलिए लोन लेने की जरूरत पड़ती है जिसे बाद में किस्तों पर चुका दिया जाता है और इसी से जुड़े एक शब्द के बारे में हमने इस पोस्ट के माध्यम से आपको जानकारी दी है और बताया है कि EMI का पूरा नाम क्या है (What is the full form of EMI in Hindi)?
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