भारत एक विविधताओं का देश हैं जहाँ विभिन्न समुदायों के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं. यहां पर अनेक वीर पैदा हुए हैं और ये देश यहाँ के किसानो की वजह से भी पूरी दुनिया में पहचाना जाता है. आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए जय जवान जय किसान पर छोटे एवं बड़े निबंध (Long & Short Essay on jai jawan jai kisan in Hindi)? लेकर आये हैं जो आपके पढाई में जरूर काम आएंगे.
यहाँ पर हर वर्ग के बच्चों के लिए निबंध लिखे गए जैसे की अगर बच्चे 6, 7, 8, 9, 10 class से हैं तो आपको ये निबंध जरूर काम आएगा.
जय जवान जय किसान पर छोटे एवं बड़े निबंध – Long & Short Essay on jai jawan jai kisan in Hindi?
निबंध – 1 (200 शब्द)
प्रस्तावना
यह नारा सन 1965 में लाल बहादुर शास्त्री जी द्वारा दिया गया यह नारा एक रैली के दौरान रामलीला मैदान में दिया गया था. सन 1965 में जब पाकिस्तानियों ने हमारे देश में चढ़ाई कर लिया था. उस दौरान हमारे देश में भुखमरी चल रही थी यह सब ध्यान में रखते हुए लाल बहादुर शास्त्री जी ने यह नारा दिया था.
जय जवान जय किसान नारे का उद्देश्य
चाचा नेहरू के मरने के बाद हमारे देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी बने थे उसी दौरान पाकिस्तानियों ने हमारे देश में आक्रमण किया था उनको लगा था की हिंदुस्तानी सैनिकों को वह आसानी से कुचल देंगे. हमारे देश में जवान और किसान बहुत मेहनत करते हैं चाहे कितनी भी गर्मी हो यहां ठंड हो वह अपना कार्य पूरे लगन के साथ करते हैं लेकिन उस दौरान हमारे सैनिक और किसान कमजोर पड़ने लगे थे. यही सब देखते हुए शास्त्री जी ने उनके अंदर जोश और जुनून भरने के लिए है जय जवान जय किसान का नारा दिया था. उनका मानना था कि इससे उनके अंदर जोश आएगा और वो दुश्मनों मार देंगे और साथ ही साथ किसान अपने खेत में काम कर अनाज उपजाएंगे.
निष्कर्ष
यह नारा लाल बहादुर शास्त्री जी द्वारा दिया गया था. जिससे कि लोगों में जोश और जुनून आए. और वो जुनून के साथ अपने काम को अंजाम दे. इस नारे से हमें बहुत फायदा हुआ लोग हिम्मत कर डटकर लड़ें और हमें जीत दिलाई.
निबंध – 2 (300 शब्द)
प्रस्तावना
सन 1965 में जब पाकिस्तानियों ने हमारे देश में हमला किया था और हमारा देश भुखमरी से लड़ रहा था. तब हमारे देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शासत्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा एक रैली के दौरान रामलीला मैदान में दिया था. उनका मानना था कि इससे लोगों में जोश और जुनून आएगा जिससे कि हम इस मुश्किल घड़ी का सामना कर पाएंगे.
देश के जवान
भारत देश में जवानों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है. हमारे देश के जवान बिना कुछ सोचे समझे अपनी जान देश के लिए निछावर कर देते हैं. यह करना सभी की बस की बात नहीं है. हमारे देश में जवानों का योगदान एवं उपलब्धियां अमूल्य है. सीमा पर खड़े हमारे जवान अपनी जान की बाजी लगाकर हमारी रक्षा करता है उनका यह बलिदान और देश के लिए प्रेम निश्छल है. उनके मां-बाप बाल बच्चे हैं पत्नियां हैं दोस्त है पर वह यह सब एहसास में नहीं रहना चाहते हैं वह सब छोड़कर धरती मां की रक्षा करने के लिए जाते हैं.
जैसे कि हम जानते हमारे देश में मौसम बदलता रहता है कभी कड़कड़ाती धूप तो कभी कड़कड़ाती ठंड का मौसम होता है इन सब के बावजूद भी वह ऐसे मौसम में रहते हैं और हमारी रक्षा करता है. एक सैनिक को अपने अंदर के सभी भाव लोग मोह माया को छोड़कर अपने आप को देश के लिए समर्पित करना पड़ता है तभी तो उन्हें जवान शब्द से संबोधित किया जाता है.
जवान का महत्व
अगर किसी देश में जवान ना हो तो वह देश कभी सुख शांति से नहीं रह सकता. जवान का महत्व क्या है वह उससे पूछिए जिस देश में जवानों की कमी. जवान किसी भी मौसम में सरहद पर तैनात रहते हैं हमारी रक्षा के लिए. इन्हीं जवानों के वजह से ही हम अपने घर में खुशी से रहते हैं और धूमधाम से त्यौहार मनाते हैं. इनको जितना भी धन्यवाद करें कम है यह हमारी तुच्छ धन्यवाद के लिए यह काम नहीं करते अभी काम करते हैं अपने देश के लिए है देश के मातृभूमि के लिए.
निष्कर्ष
हमारे देश में जवानों का बहुत महत्व है. वे हमारे लिए सब त्याग कर हमारे देश की रक्षा करते हैं. इन्हीं जवानों के अंदर जोश भरने के लिए और उन्हें प्रोत्साहन करने के लिए जय जवान जय किसान का नारा शास्त्री जी ने दिया था.
निबंध – 3 (400 शब्द)
प्रस्तावना
सन 1965 में जब लाल बहादुर शास्त्री जी तत्कालीन प्रधानमंत्री थे उस दौरान भारत-पाक युद्ध चल रहा था तभी शास्त्री जी ने यह नारा दिया था. यह नारा देश का राष्ट्रीय नारा भी है. अगर हम गौर करें तो पता चलेगा इस नारे का क्या महत्व है. यह नारा हमें एहसास दिलाता है की जवान और किसान हमारे देश का एक अभिन्न अंग है.
देश के किसान
जैसा कि हम जानते हैं भारत एक कृषि देश है. इस देश में लगभग 75% आय कृषि से ही होता है. हमारे देश के किसान भी निस्वार्थ होकर देश और देश के नागरिकों के लिए काम करता हूं. किसान के मन में किसी भी तरह की लालच नहीं होता है. वह पूरे मन से देश और धरती मां के लिए काम करता है. वह इस बात का ध्यान रखते हैं कि कोई भी देश के नागरिक भूखा पेट ना सोए. किसान तो हमारे लिए अन्नदाता है अगर किसान ना हो तो हमारे मुंह में खाने का एक दाना ना जा पाए.
जैसा कि हम जानते हैं आज हमारे देश में 1.35 बिलियन लोग हैं उन्हें खाना सिर्फ और सिर्फ किसानों के वजह से ही मिलता है उन्हीं के देन से लोग खाना खा पाते हैं. और दूसरे व्यंजनों कलूटी उठा पाते हैं. किसान से ही हमारे जीवन में पोषण है और पोषण है तो सेहत है. और हम यह बात अच्छी तरह जानते हैं की सेहत हमारे लिए कितनी जरूरी है. अगर सेहत है तो हम किसी भी कार्य को कर सकते हैं चाहे वह पढ़ाई हो, या नौकरी का काम है या खेल हो. जब हमारा चेहरा अच्छा रहेगा तभी हम यह सारा काम कर सकते है.
वहीं दूसरी ओर एक बीमार व्यक्ति कुछ नहीं कर पाता है बल्कि वह और दूसरों पर बोझ बनकर रह जाता है. वाह अपने साथ-साथ दूसरों को भी अन्य कार्य करने से डिस्टर्ब कर देता. किसान के वजह से ही हमें अच्छा पोषक तत्व मिलता है और हमारा सेहत तंदुरुस्त रहता है. वही किसान जो ना धूप दिखता है, ना बरसात देखता है, और ना कड़कती ठंड देखता है बस हमारे लिए अपने काम में जुड़े रहते है.
किसान का महत्व
किसान ना सिर्फ हमें खाना देता है बल्कि धरती मां को भी सजा के रखते हैं किसान के ही वजह से हमें अच्छे और सस्ते खाने मिलते हैं अगर हमारे देश के किसान ना होते हैं तो हमें अनाज कहीं और से खरीदना पड़ता जोकि बहुत महंगा पड़ता. किसानों के ही देन से हम अच्छे खाना खा पाते हैं और सेहतमंद रहते हैं हम उनको जितना भी शुक्रिया करें वह कम है.
निष्कर्ष
जवान और किसान हमारे देश के विभिन्न अंग है एक हमें दुश्मनों से बचाता है देश की सीमा में खड़े होकर हमारी रक्षा करता है. तो वही दूसरा हमारे लिए अनाज हो उपजाता है. हमें खाना देता हूं इन्हीं वजह से शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था.
निबंध – 4 (500 शब्द)
प्रस्तावना
जय जवान जय किसान का नारा सन 1965 में एक रैली के दौरान शास्त्री जी ने दिया था जोकि रामलीला मैदान में आयोजित हुआ था. यह नारा शास्त्री जी ने लोगों में जोश और जुनून और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए दिया था. यह तब की बात है जब पाकिस्तानियों ने हमारे देश में चढ़ाई कर दिया था उन्हें लगता था कि वे हिंदुस्तानी सैनिकों को आराम से कुचल देंगे. उसी दौरान देश में भूखमरी चरम सीमा पर थी.
जय जवान जय किसान नारे का अर्थ
यह नारा दर्शाता है की हमारे जीवन में जवान और किसान का क्या महत्व है जय जवान दर्शाता है कि हमारे देश के जवान हमारे लिए कितने कष्ट उठाते हैं चाहे जितनी भी गर्मी हो या कड़कड़ाती ठंड हो वह हमारे लिए देश की सीमा पर अपनी जान निछावर करने के लिए खड़ा रहते हैं वहीं दूसरी ओर जय जवान दर्शाता है की चाहे कैसा भी मौसम क्यों ना हो वह अपना काम करते होते हैं हमारे लिए अनाज उपजाते हैं.
यह नारा सुनते हैं लोगों के मन में जोश और जुनून आ जाता है यह नारा एकता की प्रतीक है यह लोगों को एकजुट करता है वह हमें बताते हैं की जवान और किसान हमारे देश के एक विभिन्न अंग हैं.
जवान का मतलब
एक जवान अपना सब कुछ त्याग कर अपना खुशी, अपना परिवार, अपना दोस्त, सब कुछ त्याग कर वह अपनी जान देश के लिए निछावर कर देता है. वह किसी भी मोह माया लालच से परे होता है. वह हर घड़ी अपना जान लिए सरहद पर तैनात रहते हैं ताकि हम अपने घर में सुख और शांति से रहे और धूमधाम से खुशियां मनाएं. एक जवान में इतना जोश एवं जुनून होता है कि वह किसी भी घड़ी कुछ भी कर सकता है. मैं अपने देश के जवानों को शत शत नमन एवं सलाम करता हूं.
किसान का मतलब
एक जवान की तरह किसान भी बिना किसी लालच और मोह के अपना काम करो करता रहता है.वह भी हमारे लिए चाहे कैसा भी मौसम हो अनाज उपजाते हैं और हमें खाना देते हैं. चाहे कितना भी गर्मी हो, ठंड हो, या बरसात हो वे अपने काम में जुड़े रहते हैं और हमें अनाज उपजाके देते हैं. इन्हीं किसानों की वजह से हमें अच्छा भोजन मिलता है इन्हीं के वजह से हमारा सेहत तंदुरुस्त रहता हूं और हम अपने काम अच्छी तरह से कर पाते हैं. नहीं के वजह से हमारे हैं खाने का प्लेटो में तरह-तरह के व्यंजन सजे हुए होते हैं चाहे हम कितना भी इनको धन्यवाद करें कम है.
शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा हमें यही समझाने और लोगों को प्रोत्साहन करने के लिए यह नारा दिया था.
निष्कर्ष
जय जवान जय किसान का नारा हमें यह बतलाता है हमें यह एहसास दिलाता है हमारे जीवन में जो खुशी और शांति है वह इन्हीं जवानों के वजह से हैं और हम जो अपने घरों में खुशियां त्यौहार मनाते हैं पाते हैं. और साथ ही साथ यही वह किसान है जिनकी वजह से हमें अच्छा खाना मिलता है और हमारा सेहत तंदुरुस्त रहता है. जिससे कि हम अपने जीवन की किसी भी कार्य को अच्छे से कर पाते हैं.
Speech is un believe able sir