आपने देखा होगा की आजकल कोई भी नया मोबाइल खरीदता है तो सभी उससे पूछते हैं की कैमरा कितने मेगापिक्सेल का है. नए मोबाइल फ़ोन की शुरुआत फोटो खींचकर ही करते हैं. कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जिन्हे मोबाइल में दूसरे configuration से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता बल्कि उन्हें बस अच्छी क्वालिटी और हाई मेगापिक्सेल का कमरा ही चाहिए होता है. अगर आप भी जानना चाह रहे हैं की DSLR Camera क्या है (What is DSLR Camera in Hindi) तो आपके इस सवाल का जवाब इस पोस्ट में मिल जायेगा.
मोबाइल कंपनियां अपने कस्टमर्स के लिए कैमरा के रूप में ज्यादा से ज्यादा फीचर्स देना चाहते हैं यहाँ तक की सेल्फी लेने के लिए फ्रंट में 2 कैमरा के साथ ही फ़्लैश लाइट भी देने लगे हैं. लेकिन जब बात होती है high quality HD फोटो की तब मोबाइल में प्रयोग होने वाले कैमरे फीके पड़ जाते हैं.
चाहे कोई भी समारोह हो रहा हो और लोग एक जगह जुट कर उस समारोह में भाग ले रहे हो वहां पर आप जरूर फोटोग्राफर देखे होंगे. ताकि उस फोटो को सहेजकर कर रखा जाये और उसे की यादों को कभी कभी ताज़ा किया जाये. सेमीनार हो या कोई पार्टी हो लोगों के बीच फोटो खिंचवाने की होड़ लगी रहती है. आज अगर कुछ पुराने दोस्त एक जगह मिल जाते हैं तो सभी ढेर साड़ी फोटो लेते हैं और उस दिन को हमेशा याद रखने के लिए इसे अपने पास संभल कर रखते हैं.
अभी के युवा पीढ़ी तो DSLR कैमरा के बारे में थोड़ा बहुत जानते ही हैं भले उन्होंने इसका इस्तेमाल किया हो या न हो. अधिकतर लोगों के बीच तो फोटो खींचने के लिए Digital Camera ही पॉपुलर हुआ करता था लेकिन पिछले कुछ समय से Digital कैमरा की जगह DSLR लेता जा रहा है. DSLR कैमरा में जो भी फोटो लिया जाता है उसकी क्वालिटी अन्य सभी कैमरा की तुलना में बहुत high quality का होता है.
भले ही मोबाइल कंपनियां अच्छे से अच्छा कैमरा इस्तेमाल कर ले DSLR की क्वालिटी की बराबरी नहीं कर सकते. अब ये जानना जरुरी हो जाता है की DSLR कैमरा में ऐसा क्या है जो इसे बाकी दूसरे सभी कैमरे से अलग करता है. DSLR कैमरा क्या होता है (What is DSLR Camera in Hindi) हम जानेंगे. साथ ही इस पोस्ट में हम ये भी जानेंगे की DSLR कैमरा कैसे काम करता है और इसके क्या क्या पार्ट होते हैं.
DSLR Camera क्या है (What is DSLR Camera in Hindi)
DSLR कैमरा एक डिजिटल कैमरा होता है जिसे डिजिटल इमेजिंग सेंसर के साथ सिंगल लेंस रिफ्लेक्स कैमरा के ऑप्टिक्स और मैकेनिज्म को मिलाकर बनाया गया है. ये फोटोग्राफिक फिल्म के बिलकुल उल्टा होता है. इस तरह के कैमरा में आप वही देखते हैं जो उस लेंस में दिखाई देता है. इसमें लेंस को बदला भी जा सकता है. इसकी मदद से हम बहुत ही हाई क्वालिटी के फोटो खिंच सकते हैं क्यों की इसमें बहुत बड़े साइज के इमेज सेंसर लगे हुए होते हैं. DSLR कैमरा में अंतराल यानि lag time zero होता है ये एक्शन फोटोग्राफी के लिए आदर्श होता है.
इस में हम किसी भी तरह का फोटो ले सकते हैं धीमी से धीमी और तेज़ चलने वाले कार की भी अच्छी क्वालिटी फोटो निकाल सकते हैं. अगर आप कभी फोटो लेने में कामयाब नहीं होते तो फिर हो सकता है आप की कमी हो कैमरा आपका हमेशा तैयार रहता है. 2005 के पहले तक सिर्फ प्रोफेशनल लोगों के पास ही Digital SLR कैमरा हुआ करता था लेकिन उसके बाद से लगातार इसके दाम में गिरावट हुआ है. यही वजह है की आज जब फोटोग्राफी की बात आती है तो DSLR कैमरा अधिकतर लोगों की पहली पसंद बन चूका है.
DSLR कैमरा का फुल फॉर्म (Full form of DSLR)
DSLR का फुल फॉर्म “Digital Single Lense Reflex” होता है.
इसे Digital SLR भी कहा जाता है.
DSLR कैमरा के पार्ट्स क्या क्या है (Parts of DSLR Camera)
इस में वो कौन से पार्ट्स हैं जो इसे औरों से अलग करते हैं और साथ यहाँ ये भी जानेंगे की इन पार्ट्स के क्या क्या काम हैं.
शायद आप में से बहुत कम लोगों को ये मालूम होगा की DSLR कैमरा में क्या क्या पार्ट होते हैं और इन पार्ट्स का क्या काम होता है. चलिए जानते हैं इसे विस्तार से.
Lens
लेंस कैमरा का सबसे महत्वपूर्ण पार्ट होता है. प्रकाश लेंस से होते हुए एंटर करता है और यही से फोटो बनने का प्रोसेस शुरू हो जाता है. लेंस 2 तरीके से कैमरा में attached होते हैं ये फिक्स भी होते हैं और interchangeable भी होते हैं. लेंस की configuration focal length, aperture कैमरा में जरुरत के अनुसार रखा जाता है.
Reflex Mirror
Reflex Mirror कैमरा के अंदर का वैसा भाग है जहाँ पर फोटो का reflex दिखाई देता है जिसे प्रतिबिम्ब भी बोला जाता है. ये लेंस के पीछे लगा हुआ रहता है. जो लाइट लेंस के द्वारा अंदर जाता है वो mirror पर ही पड़ती है जिसे मिरर absorb कर लेता है.
Shutter
Shutter कैमरा में प्रयोग होने वाला एक मैकेनिज्म है जिसमे shutter release होता है और ये कैमरा के अंदर लाइट को कंट्रोल करता है. फोटो की क्वालिटी शटर के बंद होने की स्पीड पर भी निर्भर करता है. शटर अगर धीमी गति से बंद होगा तो ज्यादा लाइट कैमरे के अंदर जाती है और शटर जब जल्दी बंद होता है बनने वाले इमेज को ज्यादा लाइट मिलता है और इस वजह से फोटो को अच्छी birghtness मिलती है वहीँ कम लाइट की वजह से फोटो dark दिखाई देता है. इसी वजह से shutter release की स्पीड को बैलेंस कर के मध्यम रखा जाता है.
Condenser Lens
Condenser Lens में 2 convex टाइप के लेंस का प्रयोग किया जाता है. इन लेंस के उपयोग करने के मुख्य उद्देश्य होता है की जो लाइट कैमरे की लेंस के अंदर बिलकुल सीधी रेखा में जाये.
Image Sensor
जब लाइट कैमरे के अंदर चला जाता है और शटर बंद हो जाता है तब इमेज सेंसर उस इमेज को कैप्चर कर लेता है. इसमें सेंसर का काम काफी अहम् होता है क्यों की इमेज सेंसर जितना बड़ा होगा फोटो की क्वालिटी उतनी ही अच्छी होगी. इमेज सेंसर जब छोटे साइज का होता है तो उसकी कैप्चर करने की क्षमता भी कम होती है. इससे इमेज की क्वालिटी अच्छी नहीं होती.
Focusing Screen
इसका उपयोग कर के हम देख जो फोटो हम खींचना चाहते हैं वो कैसा दिख रहा है. Focusing screen हमे फोटो की preview दिखाता है और फोटो के किस एरिया को फोकस करना है वो इस में देख कर पता चल जाता है.
Viewfinder/Eyepiece
Viewfinder हर तरह के कैमरा में उपलब्ध होता है यहाँ तक की कुछ डिजिटल कैमरों में भी ये होता है. ये वही स्क्रीन है जिस पर हम अपनी आँखों से इमेज को देखते हैं वक़्त हम इसी स्क्रीन पर आने वाले इमेज को देख पाते हैं. Viewfinder पहले के टाइम में इस्तेमाल होता था जिसकी जगह अब LCD स्क्रीन का प्रयोग होता है.
Pentaprism
Pentaprism 5 sided रेफ्लेक्टिंग प्रिज्म होता है जो लाइट के किरण को 90 डिग्री में मोड़ने की क्षमता रखता है भले ही लाइट किसी भी angle में इसमें enter कर रही हो. लाइट की बीम प्रिज्म के अंदर 2 बार रिफ्लेक्ट होती है. इस का मकसद लाइट को बिलकुल सीधी रेखा में रखना है.
Flash
फोटोग्राफी करने में आजकल फ़्लैश का उपयोग बहुत किया जाता है. इंडोर फोटो खींचने के लिए जब काफी लाइट नहीं मिलता तो उस वक़्त पोटो लेने पर Flash आटोमेटिक काम करता है और लाइट को एडजस्ट कर देता है जिससे इमेज क्लियर आता है.
Memory Card
पहले के कैमरों में फिल्म रील का इस्तेमाल होता था लेकिन कैमरा आया तब से सभी कैमरों में मेमोरी कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है जो सभी फोटो और वीडियो को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
Working Process of DSLR Camera – DSLR कैमरा कैसे काम करता है ?
जब हम कैमरे के पीछे स्थित viewfinder/Eyepiece या LCD Screen पर देखते हैं तो उसमे जो भी दीखता है वो लेंस से होते हुए वहां तक पहुँचता है. इसका मतलब ये है की आप जो भी उसमे देख रहे हैं कैमरा उसी को हु बा हु कैप्चर करने वाला है. जिस भी scene का हम फोटो खींचना चाहते हैं उससे आने वाली लाइट कैमरा चैम्बर के अंदर reflex mirror तक जाती है जो को 45 डिग्री angle में अटैच्ड होता है. अब ये reflex mirror लाइट को 90 डिग्री में यानि vertically एक optical element तक आगे भेजती है इस element को Pentaprism के नाम से जाना जाता है. अब जो vertical लाइट होता है उसे Pentaprism में मौजूद 2 mirror Horizontal direction में मोड़ देता है जो सीधे Viewfinder में पहुँचता है.
जब आप कोई फोटो निकालते हैं तो Reflex Mirror ऊपर की तरफ घूम जाता है और vertical path को ब्लॉक कर देता है और आने वाली लाइट को सीधा कर देता है.उसके बाद shutter खुल जाता है और लाइट image sensor तक पहुँचता है.शटर तब तक खुला हुआ रहता है जितनी देर image sensor को फोटो कैप्चर करने में लगता है. इसके बाद शटर बंद हो जाता है और reflex mirror वापस अपने जगह 45 डिग्री में चला जाता है ताकि वहां से लाइट को viewfinder तक redirect कर सके.
अब यहाँ से कैमरे के अंदर होने वाला complicated image processing की शुरुआत हो जाती है. कैमरा प्रोसेसर इमेज सेंसर से इनफार्मेशन लेता और इसे जरुरत के अनुसार फॉर्मेट में कन्वर्ट कर देता है और फिर इसे मेमोरी कार्ड में स्टोर कर देता है. इस प्रोसेस को पूरा होने में बिलकुल बहुत कम समय लगता है और कुछ DSLR कैमरे तो ऐसे भी हैं जो 1 सेकंड के 11 वे हिस्से में इस काम को पूरा कर लेते हैं.
तो ये प्रोसेस है जिसके तहत DSLR कैमरा काम करता है और आउटपुट के रूप में हमे हाई क्वालिटी फोटो मिलता है.
DSLR कैमरा कैसे चलाये और फोटो कैसे खींचे
अगर आपने अपने लिए एक नया DSLR लिया है और अभी ही इसे बॉक्स से बाहर निकाला है तो आप बहुत सारे बटन देखने को मिला होगा. वैसे तो कैमरे के साथ उसको इस्तेमाल करने के लिए एक मैन्युअल दिया हुआ होता है लेकिन उसे कोई पढ़ना भी पसंद नहीं करता है. बहुत कम लोग होते हैं जो इसका इस्तेमाल करना जानते हैं. अगर आप भी उनमे से हैं जिन्हे DSLR के बारे इनफार्मेशन नहीं है तो चलिए इसे जानते हैं.
Master Shooting Mode
DSLR का इस्तेमाल करते हैं तो सबसे पहली बात आती है Shooting mode की. Shooting Mode में आपको कुछ इस तरह के ऑप्शन दिखाई देगा AUTO, AV, P, M. अब आप इसमें से जैसा mode सेलेक्ट करेंगे कैमरा उसी के अनुसार ही behave करेगा यानि जब आप AUTO सेलेक्ट करेंगे कैमरा खुद ही exposure को determine करेगा जिसमे aperture और shutter speed भी शामिल हैं. दूसरे modes में आप खुद ही कंट्रोल करते हैं.
Understand ISO
ISO एक तरह की माप है जो ये बताता है की आपके कैमरे का सेंसर लाइट क प्रति कितना sensitive है ISO sensitivity को numerically represent किया जाता है जिसमे सबसे low sensitivity ISO 100 होती है और इसमें maximum ISO 6400 High Sensitivity होती है.
low sensitivity में लाइट की ज्यादा जरूरत होती है ताकि जरुरत के अनुसार exposure मिल सके जबकि High Sensitivity में कम लाइट में जरुरत की exposure मिल जाती है.
Learn the Exposure Triangle
आपके लिए ये जानना बहुत जरुरी है की aperture, Shutter Speed और ISO ये सभी Exposure Triangle के भाग हैं. ये कैमरे के अंदर जाने वाले लाइट को कैमरे की given exposure के अनुसार कंट्रोल करते हैं. ये तीनो एकदूसरे से जुड़े होते हैं ताकि कैमरे को पुरे तरीके से कंट्रोल किया जा सके. इन में से एक भी सेटिंग करने से दोनों पर भी असर होता है.
Master Metering
आपने पहले ही ये जान लिया है की कैमरा उपलब्ध लाइट के अनुसार exposure को कैलकुलेट करता है. कैमरा हमेशा average exposure ही कैलकुलेट करता है. ये पुरे scene को एक्सेस करता है भले ही ये एरिया लाइट हो या dark एरिया हो. Generally 3 तरह के metering modes होते हैं जिसे आप चुन सकते हैं.
Average – कैमरा पुरे इमेज के कोने कोने का आकलन करता है.
Centre Weighted – Viewfinder के centre एरिया में जो एक्सपोज़र होता है उस्का आकलन करता है.
Spot Metering – कैमरा एरिया के बहुत ही छोटे हिस्से का प्रयोग करता है. ये viewfinder के सेंटर के बहुत ही छोटे से circle के बराबर जो की viewfinder के 5 % एरिया के बराबर होता है.
Exposure Compensation
Shutter के करीब छोटी shape में आपको +/- लिखा हुआ बटन के रूप में होता है. ये एक बहुत ही उपयोगी फीचर है जिसका नॉलेज होना जरुरी है. इससे scene के brightness अनुसार meter reading को increase और decrease कर सकते हैं.
Learn About Focussing
भले ही आप कोई भी Shooting मोडेचून के रखें हो और कोई भी ISO सेट कर के रखे होंगे लेकिन जब तक फोटो निकालते वक़्त सही तरीके से इमेज पर फोकस नहीं करेंगे फोटो अच्छी नहीं आएगी.
Understand File Size and types
इसमें आप जब कोई फोटो निकलते हैं निकालते हैं तो उसकी quality इस बात परभी निर्भर करती है की आपने अपने फोटो की size और format क्या सेलेक्ट कर के रखा है. जब आप इसमें highest quality चुन कर रखते हैं तब सबसे अच्छी क्वॉलिटीकी फोटो आपको मिलती है. अगर आप कम साइज चुनेगे तो फोटो की क्वालिटी अच्छी नहीं होगी.
संक्षेप में
स्मार्टफोन आमतौर पर हर इंसान के पास है और डबल कैमरा का भी चलन शुरू हो चूका है. स्मार्टफोन आने के पहले सेल्फी क्या होता है ये किसी को मालूम भी नहीं होता था. लेकिन स्मार्टफोन में कितनी भी फोटो लें ले संतुष्टि नहीं मिलती है. सभी चाहते हैं की हाई क्वालिटी इमेज हो इसीलिए हमने आज जाना की DSLR कैमरा क्या है (What is DSLR camera in Hindi).
इस पोस्ट के माध्यम से मैंने कोशिश की है की आपको DSLR कैमरे की पूरी जानकारी सरल भाषा में आसानी से समझ में आ जाये. यहाँ आपने ये भी जाना की DSLR कैमरा में क्या क्या पार्ट होते हैं और ये भी जाना की DSLR फोटो कैसे खींचे ? DSLR कैमरा कैसे काम करता है ये भी आप जान ही गए हैं. अगर आपको समझने में किसी तरह की परेशानी हो रही हो तो आप हमे कमेंट कर के बता सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे की आपके सभी सवालो का जवाब दे सके
दोस्तों अगर आपको ये पोस्ट हेल्पफुल लगी होतो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें ताकि हर किसी को DSLR कैमरा की इनफार्मेशन हिंदी में सरलता से मिल सके इसीलिए इसे फेसबुक,इंस्टाग्राम, ट्विटर और गूगल प्लस में जरूर शेयर करे.
bahut hi achchi jankari di hai aapne. dhanyawad
Thank you akhilesh aapka comment padhkar khushi hui.
ek dslr lene tha socha ek bar artical dekh leta hu aakir dslr kaisa hota aap ka artical pad ke samaj aaya ek dslr me itni bat hoti hai itne ache se samjane ke liye tanks
Thabks for feedback.
Nice information sir और अधिक जानकारी के लिया आप हमारे वेबसाइट पर आकर जानकरी ले सकते है