वेबसाइट बनाने के पहले ये जानना जरुरी है की डोमेन नाम क्या है (What is Domain Name in Hindi). इंटरनेट में आपने ये जरूर देखा होगा की हर वेबसाइट का Domain Name होता है. जो इंटरनेट की दुनिया में उसकी एक अलग पहचान बनाती है. लेकिन ये क्या होता है?
डोमेन नाम को हम वेबसाइट का नाम भी कह सकते हैं. वैसे तो हर वेबसाइट टेक्निकली आईपी एड्रेस पर ही चलता लेकिन इस को याद करना मुश्किल है. वेबसाइट को आसानी से पहचाना जा सके इसीलिए डोमेन नाम का इस्तेमाल करते हैं.
कंप्यूटर हर वेबसाइट को कनेक्ट करके खोलने के लिए IP address का उपयोग करते हैं. यह संख्याओं की एक सीरीज ही होती है. इसी का इस्तेमाल अलग अलग डोमेन नाम एक्सटेंशन उदाहरण के लिए .com, .net, .in, .org, .gov इत्यादि.
मेरे कुछ दोस्त भी हैं जिन्हे ब्लॉग्गिंग की जानकारी बिलकुल भी नहीं है. लेकिन उन्हें ये तो मालूम है की वेबसाइट बनाना होता है तो सबसे पहले सोच विचार कर के एक नाम खरीदना पड़ता है.
भले ही ये नहीं पता होता है की डोमेन नाम क्या होता है और कैसे काम करता है. तो चलिए मैं आपको सरल भाषा में इसके बारे में बताता हूँ और ये भी बताऊंगा की वेबसाइट बनाने के लिए इसकी जरुरत क्यों पड़ती है.
इसके साथ ये भी जानेंगे की ये कितने प्रकार के होते हैं (types of domain name in hindi). तो बिना देरी किये हुए चलिए शुरू करते हैं पूरी जानकारी हिंदी में.
डोमेन नाम क्या है – What is Domain in Hindi?
Domain Name इंटरनेट में किसी वेबसाइट का एक पहचान होता है.
DNS (Domain Naming System) या Domain Name एक ऐसा सिस्टम है जो वेबसाइट का नामकरण करता है.
हर वेबसाइट को लोग उसके नाम से ही पहचानते हैं. वैसे तो हर वेबसाइट एक IP Address (Internet Protocal Address) से जुड़ी होती है.
ये IP address numbers के रूप में होता है जैसे आप इस उदाहरण में देख सकते हैं. ex : (124.115.121.114) IP Address देखने इस तरह का होता है.
Browser में जब किसी वेबसाइट को खोलते हैं तो इस नाम से जुड़ा IP Address ब्राउज़र को बताता है की वो वेबसाइट का एड्रेस कहाँ है.
मैं आपको DNS एक उदाहरण के द्वारा समझाता हूँ.
दुनिया में जिस तरह इंसान अलग अलग तरह के होते हैं और उनकी पहचान के लिए हम एक नाम का इस्तेमाल करते हैं.
सोचिये अगर नाम न हो तो कितना मुश्किल होता. जिस तरह इंसान की पहचान के लिए नाम का इस्तेमाल किया जाता है, उसी की तरह वेबसाइट भी अलग अलग तरह के होते और अलग अलग टॉपिक के होते हैं.
उनके भी पहचान उनके Domain Name से किया जाता है.
इन्वर्स डोमिन का इस्तेमाल किसी भी एड्रेस को नाम में मैप करने के लिए किया जाता है.
यह तब हो सकता है, उदाहरण के लिए, जब कोई सर्वर होता है. एक client से एक काम करने के लिए रिक्वेस्ट प्राप्त हुआ.
इस प्रकार की क्वेरी को इन्वर्स या पॉइंटर (PTR) क्वेरी कहा जाता है. एक पॉइंटर क्वेरी को हैंडल करने के लिए, इन्वर्स डोमेन को first-level node के साथ नाम नाम स्थान में जोड़ा जाता है.
दूसरा स्तर एक single node भी है जिसका नाम एड-इनर (व्युत्क्रम पता के लिए) है. बाकी डोमेन IP address को defined करता है.
Domain name system की परिभाषा
DNS का फुल फॉर्म Domain name system होता है.
इसका मुख्य काम DNS को IP address में कन्वर्ट करना होता है.
हम किसी भी वेबसाइट को उसके डोमेन नाम से खोलते हैं. इसके लिए वेब ब्राउज़र में जाकर हमे बस डोमेन नाम एड्रेस बार में जाकर डालना होता है.
अब यहाँ से DNS अपना काम शुरू कर देता है.
DNS उस नाम नाम को IP address में बदल देता है जो की उसके सर्वर को पॉइंट की हुई होती है.
अब DNS की वजह से pointed ip address उस सर्वर से सारा डाटा लाती है और ब्राउज़र में वेबपेज के माध्यम से हमे दिखा देती है.
यहाँ सबसे जरुरी बात ये है की हम दुनिया के हर वेबसाइट का ip address यद् कर के नहीं रख सकते है.
या फिर यूँ कहे की हम किसी एक वेबसाइट का भी ip address याद कर ले तो बहुत बड़ी बात है.
ये ip address याद न करना पड़े इसके लिए नाम का प्रयोग किया जाता है.
URL क्या होता है (Uniform Resource Locator in Hindi)
जब हम browser के अंदर address bar जहाँ पर वेबसाइट का Address डाल के वेबसाइट open करते हैं तो कभी कभी एड्रेस बार पूरा भर जाता और देखने में काफी लम्बा लगता है.
इसमें इस पुरे लाइन को URL कहा जाता है URL बहुत लम्बा भी हो सकता है.
https://www.khabarvimarsh.com/search?dcr=0&source=hp&ei=16_SWun7BZfEvwTDqLnICQ&q=what+is+domain – ( This is called URL)
इस पूरी लाइन का छोटा हिस्सा जो वेबसाइट का नाम होता है वो डोमेन होता है.
Name को टेक्निकल भाषा में DNS से सम्बोधित किया जाता है जिसका पूरा फॉर्म होता है DNS.
Domain Name कैसे काम करता है ?
जिस तरह हम अपने मोबाइल फ़ोन में सांग्स और वीडियोस को स्टोर करने के लिए फ़ोन मेमोरी या फिर मेमोरी कार्ड, SD कार्ड का प्रयोग करते हैं.
ठीक वैसे ही इंटरनेट में जितनी भी वेबसाइट हैं सभी वेबसाइट सर्वर या होस्ट में स्टोर की हुई रहती हैं और नाम उस होस्टिंग सर्वर IP को पॉइंट की हुई होती है.
जब हम ब्राउज़र में जाते हैं और उसके एड्रेस बार में वेबसाइट का नाम डालते हैं तो नाम जो की एक IP address से जुड़ा होता है.
वो DNS Host server के IP को पॉइंट कर देती है और उस DNS नाम से बनी वेबसाइट जिसे हम ओपन करना चाहते हैं.
उसके सारे डाटा को सर्वर से ला के हमारे सामने दिखा देती है और इस तरह से हम किसी वेबसाइट को ब्राउज़र में देख पाते हैं.
Domain name का प्रयोग IP Address के लिए क्यों होता है?
चलिए समझते हैं की DNS name का प्रयोग IP Address के लिए क्यों किया जाता है.
ये नाम IP Address को represent करता है, एक या उससे ज़्यादा IP (Internet protocal) को पहचानने के लिए साइट names का इस्तेमाल किया जाता है.
हर DNS किसी IP Address से कनेक्टेड होता है। आप के दिमाग में चल रहा होगा की आखिर क्यों IP Address के लिए नाम का use होता है?
तो इसका जवाब ये है की IP Address को हम याद नहीं कर सकते हैं क्यों की ये नंबर डिजिट में होते हैं.
साइट नाम को याद करना आसान होता है और इसे हम अपनी टॉपिक के अनुसार सेलेक्ट भी कर सकते हैं.
जो वेबसाइट के niche को अच्छी तरह से एक्सप्लेन कर सकता है. DNS एक तरह से IP एड्रेस को ट्रांसलेट करता है जो नंबर्स को शब्दों में बदल देता है.
IP Address जो नंबर में होता है ये Server में स्टोर किए गए वेबसाइट के Address को बताता है की वो कहाँ मौजूद है.
डोमेन के प्रकार के प्रकार
Usually इस के बहुत सारे Types होते हैं लेकिन जो commonly use किये जाते हैं हम उसके बारे में बात करेंगे यहाँ.
कैसा Domain Name choose करे जो की वेबसाइट के लिए फायदेमंद हो और गूगल के अनुसार हर तरह से परफेक्ट हो.
इसी को हम थोड़ा deeply समझेंगे.
TLD – Top Level Domain
ये Highest level के होते हैं ये DNS Structure में Highest Level में आते हैं.
इस तरह के डोमेन के बहुत सारे फायदे हैं हम वेबसाइट क्रिएट इसीलिए करते हैं की ज़्यादा से ज़्यादा लोग हमारे वेबसाइट से जड़े और हमारे वेबसाइट के आर्टिकल को पढ़े से जितनी ज़्यादा ट्रैफिक होगी उतने ज़्यादा पैसे आएंगे.
TLD होने से हमारे वेबसाइट को सर्च इंजन में जल्दी ही हाई रैंक मिल जाती है और Google Adsense के approval हमे बहुत जल्दी मिल जाती है.
मेरे इस वेबसाइट में मझे वेबसाइट बनाने के एक महीने के बाद Adsense का approval मिल गया था.
TLD के एक्सटेंशन के कुछ उदाहरण निचे देखे.
- .com (Highest rank domain)
- .edu (education related)
- .net (Network related )
- .org(Organisation related website )
- .biz (Business related)
- .org(Organization related)
- .gov(Governmental related)
TLD भी कई पार्ट्स में विभाजित हैं.
GTLD – Generic TLD
example:
- .com
- .net
- .biz
- .org
- .gov
CCTLD – Country Code TLD
हर देश के location को Denote करने के लिए 2 letter साइट नाम को एस्टब्लिश किया गया है जैसे हमारे देश इंडिया के लिए .in use किया जाता है.
जो की India को represent करता है.
.ru – ये रूस को denote करता है.
Second level Domain
ये TLD के बाद आता है. जो second Level का नाम होता है उसका एक्सटेंशन थोड़ा अलग होता है TLD से.
example : co.in इस तरह का TLD आपने देखा होगा इसमें .co SLD होता है और .in TLD होता है.
Third Level Domain
Second Level के left में dot के पहले वाले को Third Level बोला जाता है.
ये left साइड में और बढ़ेंगे तो continue fourth और fifth stage कहा जाएगा.
Sub domain
ये बड़े TLD का एक छोटा हिस्सा बस होता है.
जैसे:
north.example.com
south.example.com
जब हम ब्लॉगर में फ्री का वेबसाइट बनाते हैं तो उसमे हमे अपना साइट नाम Subdomain के रूप में मिलता है.
हमारा वेबसाइट ब्लॉगर के मेन साइट नाम में बना होता है जैसे मेरा एक वेबसाइट है. khabarvimarsh.blogspot.com
यहाँ khabarvimarsh ही Subdomain कहलाएगा और blogspot.com मैं डीएनएस होगा. गूगल अपने अलग अलग सर्विसेज को मैं डोमेन से जोड़ के Subdomain के रूप में बना के रखता है.
जैसे हम यहाँ इस उदाहरण से समझ सकते हैं.
maps.google.com
mail.google.com यहाँ पर maps और mail, subdomain है.
Top DNS Provider Companies
क्या आप खुद का ब्लॉग बनाना चाहते हैं?
या फिर आप अपने किसी बिज़नेस के लिए वेबसाइट बनाना चाहते हैं.
तो आप भी खुद के लिए एक डोमेन खरीद सकते हैं.
आप को मैं कुछ DNS service provider कंपनियों के नाम बताऊंगा जहाँ से आप अपने लिए बिज़नेस को प्रस्तुत करे वैसा डोमेन खरीद सकते हैं.
नीचे दी गई कंपनियों की लिस्ट से आप किसी को भी चुन सकते हैं.
वहां रजिस्टर कर के अकाउंट बना के आप अपना डोमेन नाम रजिस्टर कर के वेबसाइट शुरू कर सकते हैं.
- GoDaddy
- Namecheap
- BigRock
- Net4 India
- Square Brothers
- India Links
- 1and1
- Znetlive
Domain Name कैसे चुने?
- DNS हमेशा वेबसाइट के निच के अनुसार होना चाहिए.
- ऐसे नाम का चुनाव करे जो छोटा हो बोलने और याद करने में बिलकुल आसान हो.
- हमेशा ये बात याद रखे की नाम और वेबसाइट से बिलकुल अलग यानि की यूनिक होना चाहिए.
- जहाँ तक हो ये कोशिश करें की TLD ही ख़रीदे.
- अपने DNS में कभी भी सिंबल और नंबर वाला न रखें.
संक्षेप में
वेबसाइट बनाने में इसकी अहम् भूमिका होती है. ये बात तो अब आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा.
दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप अब आपलोगों को समझ में आ गया होगा की Domain क्या है (What is Domain in Hindi) और इससे जानकारी भी.
अगर आप चाहते हैं की इंटरनेट से जुड़ी हर जानकारी आपको सरल भाषा में मिले तो इस ब्लॉग को आगे बढ़ने में मदद करे.
जो भी पोस्ट अच्छी लगे उसे सोशल मीडिया में जरूर शेयर करे. यहाँ आप ये भी जानेंगे की इनवर्स डोमेन क्या है.
इसके अलावा आपने ये भी जाना की इसके प्रकार क्या है.
हम अपने सभी readers को और बेहतर तरीके से हर जानकारी देते रहे इसका प्रयास करते रहेंगे.
अगर कोई सुझाव देना चाहते हैं तो जरूर बताये.
Very Good Post, Bahut hi Badiya Jankari Likhe ho, Keep up The Work and Keep Sharing.
Thank you miraj achhi feedback dene ke liye
Bahut acchi jankari likhi hai thanks
Thanks Keep visiting
Great post
Thank you keep visiting
aap mujhe ye batao ki……………….kya bina domain ke blogger me AdSense approval diya jaa sakta hai?
liya ja sakta hai lekin ye kaafi mushkil aur samy lag sakta hai.
Thank you for information about domain.
Sir maine nextraone se domain name or hosting liya h or ab muze apni website design krni h to m use kaise design kru
Aap wordpress install karo.
uske baad me usme generate press theme install karo aur plugins me yoast seo bhi install karlena sath backup ke liye updraft plus jaruri hai.
agar design karna chahte hain to elementor ka use kare
bahut hi badiya jaankari share ki hai apne, thanks.
Great post!! Thanks to you that you have made me so clear with this.
Aapne bahut aachhi jankari di hai
Thank you so much
Very nice article bro
Achha post hai bro
Thanks
Very nyc sir ji.. Sab samj me aa gay
Thanks for reading.
Thanks For Providing Information
Welcome
आपके इस पोस्ट में कुछ नया पढ़ने को मिला है, जैसे टॉप लेवल डोमेन, सेकंड लेवल डोमेन।
पर मेरा एक समस्या है मैं जब भी adsense के लिए apply करता हूं, वहां से कोई रेस्पॉन्स नहीं मिलता है, बस under प्रोसेस ही दिखता है।
नए ईमेल से अप्लाई करने पर एडसेंस अप्रूव्ड हो सकता है क्या।
Aap apne blog me ache content daaliye approval mil jayega.
Awesome Article