किसी बच्चे की चाहत होती है कि वह इंजीनियर बने, कोई डॉक्टर बनना चाहता है, तो कोई साइंटिस्ट बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं. इसीलिए आज हमने सोचा कि आपको बताया जाए कि जो बच्चे लोगों का इलाज करना चाहते हैं उन्हें जाने की इच्छा होती है कि Doctor kaise bane (How to be Doctor in Hindi).
अपने कभी ना कभी तो एमबीबीएस का नाम जरूर ही सुना होगा. अगर नहीं सुना है तो भी कोई बात नहीं क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको बताएं कि एमबीबीएस क्या है (What is MBBS in Hindi) और मेडिकल के कोर्स में इसका क्या महत्व है यह भी हम बताएंगे.
कुछ लोगों को सरकारी डॉक्टर बनने की ख्वाहिश होती है इसीलिए वह लोग जानना चाहते हैं कि सरकारी डॉक्टर कैसे बने, तो किसी को होम्योपैथिक डॉक्टर बनने की चाहत होती है, तो लोगों से पूछते हैं कि होम्योपैथी डॉक्टर कैसे बने.
कुल मिलाकर देखा जाए तो यह जानना जरूरी है कि डॉक्टर कितने प्रकार के होते हैं.
अक्सर जब डॉक्टरी करने की बात आती है तो ये एक सवाल सब के जबान पर होता है लेकिन हर किसी को यह मालूम नहीं होता है कि एमबीबीएस के लिए क्वालिफिकेशन क्या चाहिए.
हमारे देश का इतिहास काफी पुराना है. यह इतिहास सदियों से चलता आ रहा है. अभी हाल ही में हमने होम्योपैथी और एलोपैथी ज्ञान के बारे में जाना है जबकि हमारे देश में आयुर्वेद सबसे प्रमुख तरीका है जिससे लोगों का इलाज किया जाता है.
आज आयुर्वेद भी पूरी दुनिया में फैल रहा है. इलाज के दूसरे तरीकों में साइड इफेक्ट काफी अधिक होते हैं जबकि आयुर्वेद इलाज का ऐसा तरीका है जिसमें साइड इफेक्ट बिल्कुल नहीं होता.
इसलिए जो आज के नए युवक है वह यह जानना चाहते हैं कि आयुर्वेद डॉक्टर कैसे बने. इस पोस्ट के माध्यम से वह सभी बातें बताने की कोशिश की है जो एक डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए जरूरी है.
इस पोस्ट के माध्यम से उन सभी गार्जियन को अच्छे तरीके से समझ में आ जाएगा की अगर किसी लोगों के रोगों का इलाज करना है तो डॉक्टर कैसे बने (How to be Doctor in Hindi).
Doctor kaise bane – How to be Doctor in Hindi?
हमारे देश भारत में डॉक्टर को काफी इज्जत की निगाह से देखा जाता है. यही वजह है कि जो इस काबिल होते हैं कि वह अपने बच्चों को मेडिकल का कोर्स करा सके तो उन्हें बहुत इच्छा होती है कि उनके घर से कोई डॉक्टर बनकर नाम कमाए.
बस बोल देने से ही डॉक्टर बन जाए यह बहुत आसान नहीं है. इसकी पढ़ाई में काबिलियत तो चाहिए ही साथ ही इसकी पढ़ाई के लिए पैसे भी खूब चाहिए.
मिडल क्लास फैमिली से जो लोग बिलॉन्ग करते हैं उनके लिए अपने बच्चों को मेडिकल में पढ़ पाना बहुत मुश्किल काम है.
इसका एक ही तरीका है कि बच्चों को एंट्रेंस एग्जामिनेशन निकालना होगा और किसी बड़े मेडिकल इंस्टिट्यूशन में दाखिला लेना होगा जहां पर फीस बहुत कम लगती है.
जिन अभिभावकों का यह सपना है कि उनके बच्चे डॉक्टर बने और इस फील्ड में काफी नाम कमाएं तो हम आपके लिए इस पोस्ट में और सारी जानकारी लेकर आए हैं. जिसे पढ़कर आप आसानी से यह समझ सकते हैं कि एक अच्छा चिकित्सक बनने के लिए बच्चों को क्या करना पड़ेगा.
डॉक्टर बनने का तरीका स्टेप बाय स्टेप
जब बच्चे स्कूल में पढ़ाई करते हैं उस वक्त यह तो डिसीजन ले लेते हैं कि उन्हें भविष्य में क्या बनना है और किस चीज की पढ़ाई करनी है.
लेकिन फिर भी वास्तविकता में उन्हें बहुत सारे जानकारी अभी भी मालूम नहीं होती है. ऐसा भी होता है कि समय के साथ सिलेबस और कोर्स में काफी बदलाव किए जाते हैं.
जिसकी वजह से इन बदलावों पर नजर रखना भी जरूरी है ताकि समय आने पर उसके पहले से हर जानकारी बताओ ताकि समझने में आसानी.
इसी तरह डॉक्टर बनने की जो प्रोसेस है उसे भी जानना जरूरी है अगर कोई डॉक्टर बनना चाहता है. ऐसा नहीं कि हम बस सोच लेंगे तो डॉक्टर बन जाएंगे बल्कि हमें स्कूल के समय से ही उसी रास्ते पर बढ़ना पड़ेगा.
अगर गार्जियन को इसके बारे में अच्छी जानकारी है तो फिर बच्चे के लिए उस रास्ते पर चलना भी काफी आसान हो जाता है.
हम यहां पर आपको एक डॉक्टर बनने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है उसकी जानकारी देने जा रहे हैं जो आपके लिए फायदेमंद होगा.
- दसवीं पास करने के बाद बच्चे को I.Sc. में (Physics, Chemistry और Biology) विषय की पढ़ाई करनी पड़ती है. 12वीं में साइंस स्ट्रीम में इन तीनों विषयों का होना जरूरी है.
- सभी विषयों की पढ़ाई अंग्रेजी में करना जरूरी है. मेडिकल फील्ड ऐसा है जहां पर इंग्लिश की अच्छी जानकारी होनी जरूरी है.
- अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए 12वीं में 60% से ऊपर नंबर होना जरूरी है.
डॉक्टर बनने के लिए क्या करें
जो भी बच्चे बड़े होकर डॉक्टर बनने का ख्वाब रखता है उसे स्कूल के समय से ही तैयारी करनी शुरू करनी पड़ेगी. दसवीं पास कर लेने के बाद में अक्सर बच्चों के मन में यह शंका होती है कि अब कौन सा विषय चुना जाए.
अगर कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो उसे सीधे तौर पर साइंस स्ट्रीम लेना पड़ेगा जिसमें बायोलॉजी यानी कि जीव विज्ञान होना जरूरी है.
पढ़ाई के दौरान एक 11वीं और 12वीं क्लास में काफी ध्यान लगाकर पढ़ना जरूरी है. डॉक्टर की पढ़ाई ऐसी है जो लोगों के जीवन से संबंधित है.
कभी भी यह सोचकर ना पढ़ाई करें कि सिर्फ एग्जाम पास करना है बल्कि मन में यह होना चाहिए कि आपको भविष्य इसी क्षेत्र में बनाना है और इसीलिए अपने जितने भी विषय हैं उन पर अच्छे से ध्यान देकर पढ़ाई करें क्योंकि यही पढ़ाई आपको आगे काम आने वाली है.
11वीं और 12वीं में पढ़ाए जाने वाले मुख्य विषय
- Physics
- Chemistry
- Biology
2. Medical Entrance Exam कि तैयारी करें
जब आप 10+2 की पढ़ाई के लिए एडमिशन ले उसी वक्त से बस मन में यह ठान ले की मेडिकल की तैयारी भी साथ साथ करनी है.
अगर आप मैनेज कर सके तो सबसे अच्छा यह है कि किसी मेडिकल कॉन्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी करने वाले इंस्टिट्यूशन को ज्वाइन कर ले.
वहां पर आपको सारी पढ़ाई मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर पढ़ाई जाती है. साथ ही साथ आपकी 10+2 की तैयारी में अच्छे हो जाती है जिससे आप इसमें अच्छे परसेंटेज के साथ पास भी कर सकते हैं.
यहां पर सब से ध्यान देने वाली बात यह है कि अधिकतर जो छात्र होते हैं वह 12वीं समाप्त होने के बाद ही तैयारी 1 साल अलग से करते हैं.
जबकि सबसे अच्छा तो यह होता है कि दसवीं पास करने के बाद ही मेडिकल एग्जाम की तैयारी और 10+2 भी साथ साथ शुरू कर दें.
इससे होगा यह की शुरू से ही एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी भी हो जाएगी और पढ़ाई भी बहुत अच्छे तरीके से हो जाएगी जिससे कि इंटरमीडिएट के एग्जाम में भी अच्छा नंबर आ सकता है.
3. Entrance Exam क्वालीफाई करें
मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए सबसे पहले तो यह सच है कि आपको 10+2 में साइंस स्ट्रीम के साथ बायोलॉजी करना अनिवार्य है.
दूसरी बात सबसे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए इसका एंट्रेंस एग्जामिनेशन निकालना अनिवार्य है.
आपको पढ़ाई के साथ साथ एंट्रेंस एग्जामिनेशन की तैयारी भी इस तरीके से करनी है कि आपको इस के एग्जाम में अच्छा परसेंट रैंक प्राप्त हो जिससे कि आपको बढ़िया से बढ़िया कॉलेज मिल जाए.
मेडिकल एंट्रेंस एग्जामिनेशन बहुत तरह के होते हैं जो आप प्रयास के तौर पर लिख सकते हैं. CET, AIMEE, AIPMT, NEET इत्यादि व मुख्य एग्जाम है जो मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए दिए जाते हैं.
4. अच्छे Medical College में पढ़ाई करें और डिग्री हासिल करें
एक बार जब आप एंट्रेंस एग्जामिनेशन क्वालीफाई कर लेते हैं तो फिर आप के रैंक के अनुसार कॉलेज चुनने को दिया जाता है. इसके अलावा अब जिस कोर्स को करना चाहते हैं उसका भी डिसीजन आपको लेना पड़ता है.
मेडिकल एग्जामिनेशन पास करने के बाद में सब कुछ रैंक पर आधारित होता है यानी कि कौन सा कॉलेज आपको प्राप्त होगा, किस कॉलेज में कौन सा कोर्स आपको मिल सकता है, इत्यादि.
जब आप अपनी इच्छा अनुसार कॉलेज और साथ ही कोर्स का चुनाव कर लेते हैं तो फिर आपको 4.5 साल कोर्स करना पड़ता है और फिर 1 साल के लिए आपको इंटर्नशिप करना भी पड़ता है.
इस तरह आप एक डॉक्टर के रूप में अपनी डिग्री हासिल करते हैं.
डॉक्टर कितने प्रकार के होते हैं?
डॉक्टरी इलाज जो होता है वह कई तरीकों से किया जाता है. इन्हीं तरीकों के आधार पर हम डॉक्टर को भी अलग-अलग प्रकार बांट देते हैं.
जैसे जो डॉक्टर दांत को लेकर इलाज करते हैं उन्हें डेंटिस्ट के नाम से जाना जाता है. जो ऑपरेशन करने का काम मुख्य रूप से करते हैं उन्हें सर्जन बोला जाता है.
कुछ चिकित्सक को जनरल फिजिशियन भी बोला जाता है. तो इस तरह अलग-अलग इलाज के आधार पर भी हम इन्हें कई प्रकार से मानते हैं.
इसके अलावा जो डॉक्टर आयुर्वेद का इस्तेमाल करके इलाज करते हैं उन्हें आयुर्वेदिक डॉक्टर बोला जाता है, और आजकल होम्योपैथिक के जरिए भी बहुत सारे चिकित्सक इलाज करते हैं होम्योपैथी काफी पॉपुलर होता जा रहा है.
चलिए इसी कैटेगरी के आधार पर हम देखते हैं कि डॉक्टर कितने तरह के होते हैं.
MBBS क्या है – What is MBBS in Hindi?
जब भी हम डॉक्टर की बात करते हैं तो एमबीबीएस की बात जरूर होती है. डॉक्टर की पढ़ाई में सबसे प्रमुख तौर पर प्रसिद्ध कोर्स एमबीबीएस को ही माना जाता है.
एमबीबीएस एक मास्टर डिग्री है जिसे करने के बाद एक छात्र डॉक्टर के रूप में पहचाना जाता है.
इस कोर्स को करने के लिए 12वीं में बायोलॉजी के साथ साइंस लेकर पढ़ना पड़ता है. जो छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर लेता है तो उसे बैचलर ऑफ़ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ़ डिग्री की उपाधि दी जाती है.
इस कोर्स को मेडिकल लाइन की सबसे मुख्य कोर्स माना जाता है.
जो लोग इस कोर्स को पूरा कर लेते हैं वह चाहे तो खुद का प्राइवेट क्लीनिक चलाते हैं, सरकारी हॉस्पिटल में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं या फिर किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में भी प्रैक्टिस कर के अपना काम शुरू कर सकते हैं.
MBBS का फुल फॉर्म
Bachelor of Medicine & Bachelor of Surgery
चिकित्सा स्नातक और शल्य चिकित्सा स्नातक
MBBS कितने साल का कोर्स होता है?
देखा जाए तो वैसे एमबीबीएस का कोर्स 4.5 साल का होता है जिसके अलावा 1 साल का इंटर्नशिप भी करना जरूरी है. इसी तरह से कुल मिलाकर यह 5.5 साल का कोर्स हो जाता है.
अगर कोई पढ़ाई के दौरान किसी सेमेस्टर में बैक लॉक लगा लेता है तो उसे उस साल फिर से पढ़ाई करना पड़ता है.
एमबीबीएस के लिए क्वालिफिकेशन क्या चाहिए?
एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए 10+2 में साइंस स्ट्रीम लेना जरूरी है. इसके अंतर्गत फिजिक्स केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों का होना भी कंपलसरी है.
Doctor banne ke liye kitne percentage chahiye?
इसके अलावा अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए 12वीं में परसेंटेज कम से कम 60 परसेंट जरूर होना चाहिए.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एडमिशन लेने के लिए मेडिकल एंट्रेंस एग्जामिनेशन पास करना जरूरी है. अच्छी कॉलेज मिले इसके लिए रैंक का अच्छा होना भी जरूरी है.
इस कोर्स को करने के लिए कम से कम उम्र 17 साल और अधिक से अधिक 25 साल के बीच ही होना चाहिए.
MBBS ki fees – एमबीबीएस करने की फीस कितनी है?
एमबीबीएस कोर्स कराने वाले हॉस्पिटल अपने अनुसार फीस अलग अलग रखते हैं. हम यहां पर आपको अलग-अलग प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेज के फीस के बारे में बता रहे हैं जो एमबीबीएस कराते हैं.
यहां पर हम आपको कुछ प्रमुख AIIMS कॉलेज की फीस बता रहे हैं जो इस तरह से हैं.
State | College | Fees Rs. |
Delhi | AIIMS | 1,000 |
Bihar | PATNA MEDICAL COLLEGE, PATNA | 6,100 |
Gujrat | B.J. MEDICAL COLLEGE, AHMEDABAD | 6,000 |
Rajasthan | S.M.S. MEDICAL COLLEGE, JAIPUR | 2,260 |
Tamil Nadu | MADRAS MEDICAL COLLEGE, CHENNAI | 12,290 |
West Bengal | R.G. KAR MEDICAL COLLEGE,KOLKATA | .12,000 |
यह कुछ बेहतरीन प्राइवेट कॉलेज की फीस हम नीचे बता रहे हैं.
State | College | Fees Rs. |
Maharashtra | DY PATIL MEDICAL COLLEGE, PUNE | 10,75,000 |
Bhopal | Index Medical College | 4,00,000/year |
Maharashtra | DY PATIL MEDICAL COLLEGE, PUNE | 10,75,000 |
Karnataka | KMC(Manipal Univ.) | 37,67,000 – 5 installment |
Chattisgarh | C M Medical College, Kuchandur | 3,80,000/year |
आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे बने
12वीं पास कर लेने के बाद में जो लोग आयुर्वेद के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं उन्हें एंट्रेंस एग्जामिनेशन को निकालना होता है.
उसके बाद आयुर्वेद का कोर्स जिसे BAMS के नाम से जाना जाता है उसके पढ़ाई करनी पड़ती है. आयुर्वेदिक चिकित्सा पर केंद्रित BAMS (Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery) एक प्रोफेशनल मेडिकल कोर्स है.
यह डिग्री तब मिलता है जब 5 साल की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं और साथ में 1 साल का इंटर्नशिप भी करना पड़ता है. BAMS ग्रेजुएट को सरकार द्वारा अप्रूव्ड लाइसेंस अथॉरिटी में रजिस्ट्रेशन के बाद भारत के कुछ राज्यों में ट्रीटमेंट करने की अनुमति होती है.
एलोपैथिक दवाइयां खाने से साइड इफेक्ट काफी होते हैं इसीलिए बहुत सारे ऐसे लोग और खासकर भारतीय लोग आयुर्वेद को ज्यादा पसंद करते हैं. इसीलिए इस क्षेत्र में भी करियर बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है.
होम्योपैथी डॉक्टर कैसे बने
बहुत सारे ऐसे भी छात्र होते हैं जिन्हें होम्योपैथी बहुत पसंद है. होम्योपैथ में अपना करियर बना कर आगे बढ़ना चाहते हैं. इसके लिए मेडिकल एंट्रेंस एग्जामिनेशन निकालना होता है और फिर BHMS का पूरा करना पड़ता है.
यह कोर्स भी 5 साल का होता है जिसके बाद 1 साल का इंटर्नशिप करना जरूरी है.
इसकी पढ़ाई भी करने के लिए एमबीबीएस और आयुर्वेद की तरह एंट्रेंस एग्जामिनेशन पास करना पड़ता है उसके बाद कोर्स के रूप में BHMS (Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery) की पढ़ाई करनी होती है.
मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए लिए जाने वाले मुख्य एग्जाम
- National Eligibility cum Entrance Test (NEET), National Level Medical Entrance Exam
- All India Institute of Medical Sciences MBBS Entrance Exam (AIIMS MBBS)
- INDIAN ARMY BSc NURSING
- MGIMS-Wardha PMT, Medical Exam
- Foreign Medical Graduates Examination (FMGE)
- All India Institute of Medical Sciences Nursing (AIIMS Nursing)
- Rajasthan Pre Veterinary Test (RPVT)
मेडिकल एक्जाम की तैयारी कैसे करें
- पढ़ाई करने के पहले ही अपने टाइम टेबल को एडजस्ट करें.
- हमेशा पॉजिटिव रहे हैं और कॉन्फिडेंस के साथ पढ़ाई करें.
- सब्जेक्ट को देखकर कभी भी ना डरे बल्कि इसे प्लानिंग के तहत पढ़ाई करें.
- पढ़ाई करने के लिए जरूरी सभी किताबों रेफरेंस को ईकट्ठा कर ले.
- पिछले वर्षो में पूछे गए एंट्रेंस के सवालों को इकट्ठा करें और क्वेश्चन बैंक तैयार करके उसे भी सॉल्व करने की कोशिश करें.
- हर दिन एक नया टारगेट बनाएं और उसे अचीव करें.
- अपने सेहत पर ध्यान रखें और डेली रूटीन को फॉलो करते हुए पढ़ाई करें.
- पढ़ाई के दौरान खेल कूद और अच्छी नींद का भी होना जरूरी है ताकि शरीर फिट रहें.
NEET एक्जाम पैटर्न
अब हम जानेंगे कि NEET का एग्जामिनेशन किस प्रकार से लिया जाता है इसका फॉर्मेट क्या है.
Exam Sections
Subject | No of Question | Marks |
Physics | 45 | 180 |
Chemistry | 45 | 180 |
Biology (Botany & Zoology) | 90 | 360 |
- इस परीक्षा में ऑब्जेक्टिव के साथ साथ मल्टीपल चॉइस सवाल पूछे जाते हैं.
- एग्जाम 3 घंटों के लिए होता है.
- यह विभिन्न भाषाओं में लिया जाता है जैसे इंग्लिश, हिंदी, असमी, तमिल, तेलुगू, ओड़िया, कनाडा,बंगाली, गुजराती, मराठी, और उर्दू.
- कुल मिलाकर 180 सवाल पूछे जाते हैं.
- हर सही जवाब के लिए चार नंबर दिए जाते हैं और गलत जवाब देने पर एक नंबर काट लिया जाता है.
संक्षेप में
आज के समय में काफी विद्यार्थी ऐसे होते हैं जिन्हें बड़ा होकर डॉक्टर बनने की इच्छा होती है जो दूसरे लोगों का इलाज करके ठीक करने का सपना देखते हैं.
मुख्य तौर पर डॉक्टर बनने के लिए सबसे पहली जरुरी कोर्स होती है एमबीबीएस करने की. यही वजह है कि हमने यहां पर आपको यह बताने की कोशिश की है कि एमबीबीएस पढ़ने के लिए क्वालिफिकेशन क्या होनी चाहिए, इसके लिए कौन से सब्जेक्ट पढ़ने जरूरी है, इसमें एग्जाम की तैयारी कैसे करें.
इसीलिए आज के पोस्ट में हमने आपको बताया कि डॉक्टर कैसे बने (How to be Doctor in Hindi). इसके अलावा हमने इस पोस्ट में यह भी बताया कि डॉक्टर की पढ़ाई करने में एक कोर्स का नाम काफी नाम सुनते हैं यानी कि एमबीबीएस क्या है (What is MBBS in Hindi). और इसे करने के लिए क्वालिफिकेशन क्या होना चाहिए.
साथ ही साथ हमने यह भी बताया कि एमबीबीएस का फुल फॉर्म क्या होता है (Full form of MBBS in Hindi). हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी. अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, और फेसबुक में अधिक से अधिक शेयर करें.