DNS Full Form – DNS का पूरा नाम क्या है?

अगर आप ब्लॉग्गिंग के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी रखते हैं तो ये जरूर मालूम होगा की DNS का फुल फॉर्म क्या है (What is the full form of DNS in Hindi)?

ब्लॉगर जब अपनी वेबसाइट को बनाता है तो उसके लिए एक डोमेन और होस्टिंग भी खरीदनी पड़ती है. जिसके बिना एक वेबसाइट की कल्पना नहीं की जा सकती है. डोमेन को वेब होस्टिंग से कनेक्ट करने के लिए नेमसर्वेर का इस्तेमाल करना होता है.

तो चलिए अब जान लेते हैं की इस शब्द का हिंदी में पूरा नाम क्या है और इसका क्या अर्थ होता है?

DNS का फुल फॉर्म क्या है – What is the full form of DNS in Hindi?

DNS का फुल फॉर्म “ Domain Name system” होता है.

इसे हिंदी में “ डोमेन नेम सिस्टम” कहते हैं.

यह मुख्य रूप से एप्लीकेशन लेयर प्रोटोकोल को संदर्भित करता है जिससे विभिन्न प्रणालियों पर चलने वाली एप्लीकेशन प्रक्रियाएं होती हैं, जो संदेशों को आदान – प्रदान करने का कार्य करती है.

यह नेटवर्क पर होस्ट के नाम एवं उसके संख्यात्मक पते के बीच मानचित्रण को दर्शाने का कार्य करने वाली एक निर्देशिका सेवा होती है.

यह सेवा डोमेन नाम को आईपी ऐड्रेसेस में रूपांतरित कर देती है.

साथ ही यह उपयोगकर्ताओं को यह आदेश देती है की वे आईपी ऐड्रेसेस को याद रखने के बजाय दूसरे होस्ट की तलाश करते समय उपयोगकर्ता के अनुकूल नामों का उपयोग करे.

आईपी ऐड्रेसेस की तुलना में डोमेन का नाम अधिक विश्वसनीय इसलिए माना जाता है क्योंकि , जब WTechni.com पर FTP साइट पर 122.137.145.60 का  IP पता था.

लेकिन अधिकतर लोग ऐसे होते हैं, जो ftp khabarvimarsh.com को निर्दिष्ट करके इस साइट पर बहुत ही आसानी से पहुंच जाते हैं. इसके अलावा यह एक TCP,IP Protocol होता है, जिसका इस्तेमाल विभिन्न प्लेटफार्म पर किया जाता है.

इसे तीन अलग-अलग वर्गों में बांटा गया है जैसे: -Generic Domains, Country domains एवं Inverse Domain इत्यादि यह servers की मदद से कार्य करता है, ऐसा तभी संभव है जब कोई उपयोगकर्ता वेब ब्राउज़र में डोमेन नाम लिखवा देता है.

इसके लिए सबसे पहले रिक्वेस्ट डीएनएस सर्वर पर जाती है एवं बाद में डीएनएस सर्वर लुकअप टेबल का उपयोग करके आईपी ऐड्रेस को निर्धारित कर देता है.

डोमेन से जुडी अधिक जानकारी के लिए हमारे लिखे आर्टिकल डोमेन नाम क्या है को जरूर पढ़ें.

उसके बाद उपयोगकर्ता की वेब ब्राउज़र को अनुरोधित जानकारी प्रॉपर सर्वर  के माध्यम से दी जाती है. इसका अधिकांश उपयोग इंटरनेट में किया जाता है. इस सिस्टम के पास अपना नेटवर्क होता है.

यदि किसी  डीएनएस सर्वर को किसी विशेष डोमेन नाम का अनुवाद करने का सही तरीका मालूम न हो, तो वह लगातार दूसरे सर्वर को रिक्वेस्ट सेंड करने की प्रक्रिया करता रहता है. यह प्रक्रिया  तब तक चलती है जब तक की वह सही आईपी ऐड्रेस को प्राप्त ना कर ले.

इसके पास अपने डोमेन नामों के साथ सभी आईपी एड्रेस की एक सूची की जानकारी भी होती है. जिससे आवश्यकता पड़ने पर फिर से उसे प्राप्त किया जा सकता है.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के माध्यम से बताया कि DNS का फुल फॉर्म क्या है (What is the full form of DNS in Hindi)? ये भी बताया की इस शब्द का हिंदी में पूरा नाम क्या होता है

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Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.