डेयरी फार्म बिज़नेस कैसे शुरू करें? इससे जुड़ी जानकारी, पूंजी और लागत

अगर आप अपने घर में रहकर कोई बिज़नेस करने की सोच रहे हैं तो डेयरी फार्म की बिज़नेस आपके लिए बेहतरीन साबित हो सकता है इसीलिए आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे की डेयरी फार्म बिज़नेस कैसे शुरू करें?

डेयरी फॉर्म के उत्पादों को सिर्फ हमारे भारत देश के ही निवासी उपयोग में नहीं लाते बल्कि संपूर्ण विश्व के लोग इसके उत्पादों को अपने रोजमर्रा के जीवन में उपयोग में लाते हैं.

बिना प्लानिंग के अगर आप इस बिज़नेस को शुरू करने की सोच रहे हैं तो रुक जाइये क्यूंकि इस तरह से आपको सफलता नहीं मिल सकती. 

किसी भी तरह के बिज़नेस के लिए आपको एक प्लानिंग की जरुरत है. यानि की यहाँ हम गाय पालन यानि की dairy farm या दूध उत्पादन से जुड़े हर पहलु की बात करेंगे जैसे कौन से गाय की प्रजाति का चुनाव करें, उसकी देखभाल करने का तरीका, उनको चारा क्या देना चाहिए, डेयरी जो सही रेट लगाये इत्यादि.  

तो चलिए जानते हैं की गाय पालन की बिज़नेस कैसे शुरू करें (How to Start dairy Farming business in Hindi)?

डेयरी फॉर्म क्या होता है?

डेयरी फॉर्म एक व्यवसाय है , साधारण भाषा में एक छोटा सा बिजनेस जो सिर्फ शुरुआत में छोटा होता है एवं समय के साथ साथ इसका विस्तार होता ही रहता है. 

डेयरी फॉर्म के उत्पादों का प्रयोग कई तरीकों से किया जाता है. डेयरी फॉर्म में दूध के अलावा घी , दही , मक्खन , छाछ , पनीर , गोबर तथा गोमूत्र को भी बेचा जाता है. 

डेयरी फॉर्म के इन उत्पादों का प्रयोग भारी मात्रा में किया जाता है.

डेयरी फार्म बिज़नेस की शुरुआत कैसे करें?

डेयरी फार्म की शुरुआत करने से ही यह व्यवसा/बिजनेस सफल नहीं हो जाता है बल्कि इसके लिए कड़ी मेहनत तथा लगन लगानी होती है. 

डेयरी फॉर्म की शुरुआत के लिए सबसे प्रमुख चीजों की आवश्यकता में सर्वप्रथम पशु आते हैं तत्पश्चात स्थान जहां इन पशुओं को रखा जाएगा. 

डेयरी फार्म में पशुओं के नस्ल का भी खास ख्याल रखना होता है व्यक्ति को अपने होश तथा जोश दोनों से काम करना होता है अन्यथा उनका यह व्यवस्था अच्छा से नही चल पता .

गायों को एक उचित स्थान पर रखना अत्यंत अनिवार्य है अन्यथा यदि उन्हें उनके प्रतिकूल वातावरण में रखा जाए तो इसका प्रभाव दैनिक उत्पादों में प्रत्यक्ष रूप से पड़ सकता है. 

अच्छी नस्ल के पशु

एक वाणिज्यिक व्यवसाय के लिए अच्छी पशुओं की नस्ल की पहचान करना व्यवसाय के भविष्य को प्रवाहित कर सकता है.

नए व्यक्तियों के लिए जो पशुओं के विषय में नहीं जानते हैं अथवा उन्हें अच्छी नस्ल के पशुओं की पहचान नहीं है. तब वह सोया का नुकसान अवश्य करवाएंगे. 

ऐसे व्यक्तियों को अपने इलाके में पड़ने वाले डेयरी फॉर्म का मुहाना करना चाहिए तथा पशुओं के बारे में डेयरी फॉर्म के मालिक अथवा मजदूरों से अधिक से अधिक जानकारी को एकत्र करना चाहिए. 

डेयरी फॉर्म में अच्छी नस्ल के पशु रीड की हड्डी का कार्य करते हैं.  वाणिज्यिक व्यवसाय में यह आवश्यक है कि हानि कम से कम मात्रा में हो.

हमारे देश भारत में वाणिज्य व्यवसाय के लिए विदेशी नस्ल की कुछ गाय उपलब्ध है, जो बहुत ही लोकप्रिय हैं:-

1. एच एफ गाय

यह गाय बड़े शरीर की होती है जिनका वजन लगभग 580 किलोग्राम होता है.इनकी त्वचा की पहचान प्रमुख रूप से काले तथा सफेद रंग के धब्बों से की जाती है. भारी भरकम शरीर होने के कारण यह गाय अत्यंत भोजन खाती है. यह गाय संवेदनशील होती है.

यह गाय ज्यादा तापमान नहीं सहन कर सकती है. उत्पाद की बात करें तो यह प्रतिदिन 15 से 40 लीटर दूध दे सकती है. इसकी लागत लगभग ₹40000 से ₹60000 तक की हो सकती है. 

2. जर्सी गाय

इनकी पहचान इनके त्वचा से की जाती है जो घूर एवं लाल रंग के मिश्रण की होती है. इनका चौड़ा मुंह होता है, एवं बड़ी आंखें होती है. इनका वजन लगभग 400 से 500 किलोग्राम होता है.

जर्सी गाय वातावरण के अनुसार अधिकतर खुद को ढाल लेती है. जर्सी गाय के उत्पाद की बात करें तो यह 15 से 25 लीटर प्रतिदिन दूध देती है. इसकी खरीददारी के लिए ₹30000 से ₹50000 पर्याप्त होंगे. 

जर्सी गाय के दूध में एच एफ गाय की तुलना में ज्यादा फैट होता है. यह गाय एच एस नस्ल से अधिक तापमान सह सकती है.

जर्सी गाय छोटे व्यवसाय के लिए एच एफ गाय की तुलना  में सर्वाधिक प्रयुक्त है. क्योंकि एच एफ गाय को रखना थोड़ा अधिक खर्चीला होता है.

आमतौर पर एच एफ तथा जर्सी गाय की शुद्ध नस्लें हमारे देश भारत में नहीं पाई जाती है लेकिन इन गायों की क्रॉस ब्रीड नस्लें हमारे देश में बहुत अधिक मात्रा में देखने को मिल सकती है.

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सही स्थान का चुनाव करें

दूध देने वाली पधुओं के पशुओं के लिए हरा तरह की सुविधा रखना जरुरी है. उनके लिए उपयुक्त वातावरण का होना काफी आवश्यक है.

जहाँ भी पालन करना है वहां पर पानी की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए. गर्मी के मौसम में पानी की खपत ज्यादा होती है, इसीलिए जल श्रोत में पानी की कमी न हो. इसके अलावा रौशनी का भी इंतेज़ाम होना चाहिए.

जगह का चुनाव करने से पहले ये ध्यान रखें की वहां पर बिजली जरूर हो. इसके अलावा आसपास की जगह थोड़ी खुली हुई होनी चाहिए.

गायों के लिए शेल्टर

डेयरी फार्म के लिए प्रमुख वहां की पशु होती है जिनका ख्याल रखना अत्यंत अनिवार्य है. ऐसे में इस बात का सर्वाधिक ध्यान रखना चाहिए कि वहां की गायों के लिए अनुकूल जलवायु, पर्यावरण तथा तापमान हो.

ऐसे में गायों के निवास का सर्वाधिक बारीकी से नियोजन करना चाहिए क्योंकि उन्हें न तो अधिक गर्म वातावरण में रहना होता है और ना ही अधिक ठंडे वातावरण में रहना होता है. 

यदि गायों के प्रतिकूल जलवायु , वातावरण अथवा तापमान रहा तो उनके स्वास्थ्य में बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ेगा. जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव उनके उत्पाद में भी पड़ सकता है. इससे  डेयरी फॉर्म के स्वामी को नुकसान हो सकता है.  

पशुओं के स्वास्थ्य बिगड़ने से मात्र उत्पाद का ही नुकसान नहीं होता अपितु डेयरी फार्म के स्वामी को उन पशुओं के स्वास्थ्य सुधार के लिए खर्च भी करना होता है. 

डेयरी फार्म में पशुओं को दिए जाने वाला चारा

डायरी फॉर्म में पशुओं के आहार का भी विशेष रुप से ध्यान रखना होता है, क्योंकि जैसा उन्हें खाने को दिया जाएगा वैसा ही वे उत्पाद करेगी.

वाणिज्यिक व्यवसाय के पशुओं को खुला नहीं छोड़ा जाता है जिस कारण से उन्हें हरी घास नहीं मिल पाती है. इन पशुओं के आहार के लिए डेयरी फार्म के स्वामी इनके आहार को इनके पास ला के रख देते हैं. जिनका निर्यात वे बाजारों से किया करते हैं.

अधिक उत्पादन के लिए इन पशुओं को रासायनिक चीजें भी खिलाई जाती है जो इनके स्वास्थ्य के साथ-साथ इनके उत्पाद पर भी बुरा प्रभाव डालती है.

दूध निकालने का कार्य

पशुओं का दूध दिनभर में दो बार निकला जाता है. नए लोगों को इसके लिए थोड़ी प्रशिक्षण की जरुरत होती है. ये दूध सप्लाई करना होता है इसीलिए सफाई का काफी ध्यान रखें.

सारे दूध को एक जगह इकठ्ठा कर के फिर इसे सप्लाई करें.

डेयरी फार्म में मिलने वाले उत्पाद

दूध:

दूध का प्रयोग लगभग संपूर्ण विश्व में प्रतिदिन किया जाता है. दूध हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है.

घी: 

डेयरी फार्म से एक अन्य उत्पाद घी भी उत्पादन किया जाता है. घी के प्रयोग से हमारे स्वास्थ्य में सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं. यह खाने के लिए एवं कई अन्य तरह से उपयोग किया जाता है.

पनीर:

दूध से बनने वाला यह उत्पाद पनीर अत्यंत लोकप्रिय है इस उत्पाद के उपयोग से विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं जो अत्यंत स्वादिष्ट होते हैं.

दही:

दही भी दूध से बनाई जाती है. दही का प्रयोग खानपान के सहित पूजा अनुष्ठान में भी किया जाता है.

मक्खन:

मक्खन एक दूध का उत्पाद है. जिसका प्रयोग व्यंजन एवं पकवान बनाने में किया जाता है. इसके उपयोग से भोजन अत्यंत स्वादिष्ट बन जाता है.

गोबर: 

पशुओं द्वारा उत्पादित गोबर का भी प्रयोग वाणिज्यिक उद्देश्य से किया जाता है गोबर के उपले बनाकर इन्हें बेचा जाता है.

डेयरी फार्म के उत्पादों का मूल्य

  • दूध – ₹50 लीटर
  • घी – ₹1200 लीटर

डेयरी फार्म में लगने वाली लागत:-

डेयरी फॉर्म के लिए लगभग कम से कम लागत ₹300000 से ₹700000 तक हो सकती है. बाकी यदि स्थान पहले से ही मौजूद हो तथा सिर्फ पशुओं को ही निर्यात करना हो तो लागत कम लग सकती है. 

एक गाय की लागत लगभग ₹30000 से ₹60000 तक हो सकती है जो प्रतिदिन 15 लीटर दूध देगी.

डेयरी फार्म में पशुओं के चारे में लगाए जाने वाली पूंजी भी आवश्यक है. उन्हें दाल चना मक्का जैसे चीजें खाने को देनी होती है जिससे उत्पाद में बढ़ोतरी देखने को मिलती है.

यदि किसी कारणवश किसी पशु का स्वास्थ्य बिगड़ जाए तो उसे ठीक कराने में भी खर्च करना होता है. 

डेयरी फार्म से होने वाली इनकम:-

आमतौर पर डेयरी फार्म की आय सुनिश्चित नहीं की गई है क्योंकि इसके उत्पाद के अनुसार इसकी आय सुनिश्चित की जाती है. छोटा डेयरी फार्म है तो मासिक आय लगभग ₹20000 से ₹40000 हो सकती है.

यदि लोकप्रिय तथा विस्तृत डेयरी फार्म की बात करें तो इसकी आय लगभग ₹100000 से डेढ़ लाख रुपए हो सकती है. समय के साथ साथ इन व्यवसाय मे कई बदलाव देखे जाते हैैं.

डेयरी फॉर्म से होने वाली हानि

दूध तथा दूध से बनी वस्तुएं स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है. परंतु यदि यह उत्पाद परिशुद्ध रहे तभी हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है अन्यथा इन उत्पादों के निरंतर उपयोग से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

कई सारे लोग अधिक लाभ तथा उत्पाद के चक्कर में दूध की गुणवत्ता पर ध्यान ही नहीं रखते . जिसका प्रभाव उपयोगकर्ताओं पर पड़ता है .

अधिक उत्पादन के चक्कर में लोग पशुओं से उनकी क्षमता से अधिक दूध प्राप्त करने की कोशिश करते हैं जिसके परिणाम स्वरूप दूर की गुणवत्ता घट जाती है. जिससे  दूध का सेवन स्वस्थ रहित हो जाता है.

इन सब के कारण दूध के स्वाद में भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता हैं.ऐसे दूध में जलीय स्वाद महसूस होता है. दूध के स्वाद रहित होने के कारण व्यक्ति भी इसका सेवन करने से कतराते है.

ऐसे लक्षण ज्यादातर वाणिज्य व्यवसाय के लिए उपयोग में लाए गए पशुओं में देखे जाते हैं जैसे जर्सी गाय तथा एच एफ गाय. यह गाय दूध तो अधिक मात्रा में देती है परंतु यह सुनिश्चित नहीं है कि इनके द्वारा दिया गया दूध परिशुद्ध ही होगा.

गाय पालन में ध्यान देने वाली बातें

डेयरी फार्म के मालिकों को अपने लाभ से अधिक ग्राहकों के स्वास्थ्य के बारे में सोचना चाहिए. इसके द्वारा इस समस्या में तनिक सुधार आ सकता है. 

गांव के छोटे डेयरी फॉर्म में मिलने वाला दूध अत्यंत स्वादिष्ट एवं शुद्ध होता है. क्योंकि वहां पर वाणिज्यिक व्यवसाय में  प्रयोग होने वाली गायों को नहीं रखा जाता जो अधिक मात्रा में दूध तो देती है जिसकी  दूध की गुणवत्ता संपूर्ण नहीं होती.

वाणिज्य व्यवसाय में प्रयोग होने वाली पशुओं को बांध कर रखा जाता है तथा उन्हें खाने के लिए बाजारों से लाए गए घास फूस को ही दिया जाता है , दूध के हर एक उत्पाद के लिए उन्हें मक्का चना दाल इत्यादि का सेवन कराया जाता है. परंतु उन्हें खुला नहीं छोड़ा जाता है.

वाणिज्य व्यवसाय में प्रयोग होने वाले पशुओं का स्वास्थ्य छोटे व्यवसाय में उपयोग होने वाली छोटी गायो अर्थात देशी गायों के तुलना में अधिक खराब होता है.

छोटे डेयरी फॉर्म जो देसी गायों का प्रयोग करते हैं वह गायों के आहार पर अधिक खर्च नहीं करते उन्हें प्राकृतिक तौर पर उपलब्ध हरी हरी घास का सेवन करवाते हैं. जिनसे उनका स्वास्थ्य जल्दी नहीं खराब होता है तथा वे खुश होती है और अधिक मात्रा में दूध देती है.

गायों को उनके नाम रख कर उनके नाम के द्वारा पुकारे जाने पर खुश होकर वह अधिक दूध देती है.

गायों का दूध अत्यंत स्वादिष्ट तथा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है.

निष्कर्ष

डेयरी फॉर्म हमारे दैनिक जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि डेयरी फॉर्म के माध्यम से ही हमें गायों की शुद्ध दूध, घी एवं दूध से बने अन्य पदार्थ प्राप्त होते हैं. आज आपने हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से जाना की “डायरी फॉर्म क्या है ?”

उम्मीद है आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तथा डायरी फॉर्म से संबंधित जानकारी हमारे इस आर्टिकल से आपको मिली हो.

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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