घर बनाने के पहले उसका नक्शा तैयार किया जाता है और इस काम के लिए किसी डिजाइनिंग कंपनी या फिर अच्छे इंजीनियर को संपर्क किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर बनाने के लिए नक्शे का डिजाइन इंजीनियर कैसे करते हैं तो इसका जवाब है ऑटोकैड लेकिन आपको शायद ही पता होगा कि ऑटोकैड क्या है (What is AutoCAD in hindi).
अगर आप इस शब्द से वाकिफ नहीं है तो कोई बात नहीं है इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप इसके बारे में बहुत कुछ समझ जाएंगे और यह भी जान जाएंगे कि ऑटोकैड से क्या होता है.
जो लोग इस सॉफ्टवेयर पर काम करना जानते हैं उनके लिए रोजगार के कई तरीके हैं. ये एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसका जिसका इस्तेमाल तो घर की डिजाइन में किया तो जाता ही है साथ साथ मैकेनिकल काम जैसे मशीनों की डिजाइन और ड्राइंग बनाने में भी किया जाता है.
इसका इस्तेमाल अधिकतर इंजीनियरिंग पढ़ने वाले छात्र करते हैं या फिर ग्राफिक डिजाइनिंग विजुअल डिजाइनिंग सीखते हैं वह इस कोर्स को करते हैं. अगर आप इस क्षेत्र में नए हैं और ये जानना चाहते हैं कि ऑटोकैड कैसे सीखे तो इस पोस्ट में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे.
इसकी परिभाषा क्या है (AutoCAD definition in Hindi) यह भी आज हम आपको जानकारी देंगे और साथ में यह भी बताएंगे कि इस का फुल फॉर्म क्या होता है. इस कोर्स का क्या महत्व है और इस से क्या-क्या फायदे हैं ये भी आप समझ जाएंगे क्योंकि यह सिर्फ एक क्षेत्र में उपयोग नहीं होता है बल्कि कई क्षेत्रों में डिजाइनिंग के लिए इसका काफी इस्तेमाल किया जाता है. य
ही वजह है कि मैंने सोचा कि इस सॉफ्टवेयर के बारे में आपको पूरी जानकारी दे दे ताकि आप भी इसे सीख सके और समझ पाए कि इस सॉफ्टवेयर को कैसे चलाएं. तो दोस्तों देर किस बात की चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं कि ऑटोकैड क्या होता है (What is AutoCAD in hindi) और इसे कैसे सीखे.
ऑटोकैड क्या है – What is AutoCAD in Hindi?
ऑटोकैड एक 2D और 3D कंप्यूटर ऐडेड ड्राफ्टिंग सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जिसका प्रयोग आर्किटेक्चर कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग में ब्लू प्रिंट तैयार करने के लिए किया जाता है. साथ ही इसका इस्तेमाल इंजीनियरिंग प्लांट में भी किया जाता है.
जो इंसान इसको इस्तेमाल करता है उसे प्रोफेशनल तरीके से ड्रॉफ्टर के नाम से जाना जाता है. ऑटोकैड को ऑटोडेस्क कंपनी के द्वारा बनाया गया था और मार्केट में ऑटोडेस्क ने ही इसे उतारा था. यह पहला कैड
प्रोग्राम था जिसे पर्सनल कंप्यूटर में रन करने के लिए बनाया गया था.
इस प्रोग्राम का नाम ऑटोकैड इसके फंक्शन के कारण रखा गया है जो यूजर द्वारा दिए गए कमांड को ऑटोमेटिक समझ जाता है और फिर यूज़र की जरूरत के अनुसार उसका आउटपुट दे देता है. इसमें जो ड्राइंग बनाए जाते हैं काफी डिटेल में बनाए जाते हैं और यह पिक्चर डिजाइन को एक्सप्लेन करते हैं.
यह 2D में हो सकते हैं यानी कि 2 डाइमेंशनल जैसे कि एक प्लान जिसमें हम रूम की अरेंजमेंट देख सकते हैं. इसके अलावा हम 3 डाइमेंशनल के रूप में भी डिजाइन हो सकते हैं जिसमें हम पाइप को ड्राइंग के रूप में देख सकते हैं.
जैसा कि आप पहले जान चुके हैं कि ऑटोकैड ऑटोडेस्क कंपनी द्वारा बनाई गई है जो 2D और 3D मॉडल के डिजाइन और साथ-साथ सॉलिड बनाने में सक्षम होता है.
कंप्यूटर ऐडेड ड्राफ्टिंग से पहले मैनुअल एंड ड्राफ्टिंग टूल जैसे की ड्राफ्टिंग, बॉर्डर पेंसिल, इंक वाले पेन, कंपास और ट्रायंगल इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन अब इस तरह के काम के लिए इसके जैसे प्रोग्राम का इस्तेमाल किया जाता है.
1982 में इसकी ओरिजिनल वर्जन को रिलीज होने के बाद से ये सॉफ्टवेयर जल्दी से पूरी दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला प्रोग्राम बन गया. ऑटोकैड आपको आपके पसंद वाली डिजाइन करने में मदद करता है साथ ही बनाए गए डिजाइन को आप मॉडिफाई भी कर सकते हैं और इसके लिए 3D फ्री फॉर्म डिजाइन टूल का इस्तेमाल करते हैं.
और आप इसे 3D रेंडरिंग के द्वारा सिनेमैटिक क्वालिटी और एनिमेटेड प्रेजेंटेशन में बदल सकते हैं. ऑटोडेस्क ने इस सॉफ्टवेयर के अलावा भी कई वेरिएंट डिवेलप किए हैं जो कि काम के अनुसार अलग अलग खास क्षेत्र में इस्तेमाल किया जाता है.
इस प्रोग्राम में ऑटोकैड आर्किटेक्चर, सिविल 3D, इलेक्ट्रिकल, MAP 3d, मैकेनिकल प्लांट 3D, एमईपी पी एंडआईडी और ऑटोकैड एलटी शामिल है.
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ऑटोकैड का फुल फॉर्म क्या है – Full form of AutoCAD in Hindi and English
Auto CAD full form in English :
Automatic Computer Aided Design
ऑटोकैड का फुल फॉर्म हिंदी में :
स्वचालित कंप्यूटर एडेड डिजाइन
AutoCAD का इतिहास
ऑटोकैड 1982 से बाजार पर उपलब्ध है जो इसे पीसी के लिए विकसित पहला कार्ड सिस्टम बनाता है. इसका मतलब है कि ऑटोकैड एडोब फोटोशॉप या माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की तुलना में अधिक समय तक रहा है.
इससे पहले 70 के दशक में कमर्शियल के कार्यक्रम मेनफ्रेम कंप्यूटर या फिर मिनी कंप्यूटर पर चलते थे. हर user 1 अलग ग्राफिक टर्मिनल पर काम करता था. अगर डिजाइनर के पास इन तक पहुंचना संभव नहीं होता तो पुराने स्कूल ड्राफ्टिंग स्क्वायर का उपयोग करके ड्राइंग बनाते थे.
नए ड्राइंग बनाने और फिर कैलकुलेशन करने में कई दिन लगते थे यहां तक कि हफ्ते भी गुजर जाया करते थे. कल्पना करके देखें कि इतना सपोर्ट करने के लिए कितना टेक्निकल कैलकुलेशन और केलकुलेटर एवं मैथमेटिकल टेबल का इस्तेमाल करना होता था. सबसे बुरा तो यह था कि उसमें छोटे-मोटे error भी आया करते थे जिसे रोकना बहुत मुश्किल था.
ऑटो कैड लाने वाली कंपनी ऑटोडेस्क की स्थापना 1982 में जॉन वॉकर द्वारा की गई थी. उन्होंने अपने कंपनी के 15 फाउंडर्स के साथ में मिलकर पांच अलग-अलग ऑटोमेशन एप्लीकेशन पर काम करना शुरू किया और उन्होंने इसके लिए आशा की कि शायद इनमें से एक एप्लीकेशन जरूर मार्केट में चलेगा.
ऐसा ही हुआ उनके द्वारा बनाया गया ऑटो कैड प्रोग्राम मार्केट में सफल हो गया. उन्होंने लास वेगास में COMDEX ट्रेड शो में ऑटोकैड लॉन्च किया जो पीसी पर चलने वाला दुनिया का पहला कैड प्रोग्राम है.
मार्च 1986 तक इसे पेश किए जाने के केवल 4 साल बाद एप्लीकेशन ऑटोकैड दुनिया भर में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला डिजाइन एप्लीकेशन बन गया था और तब से आज भी यह सबसे पॉपुलर ड्राफ्टिंग एप्लीकेशन है. अभी इस प्रोग्राम ने लगभग 35 वर्ष पूरे कर लिए हैं और इस दरमियान यह लगातार आगे ही बढ़ा है.
रियलिटी में दिसंबर 1982 से लेकर आज तक इसके 31 वर्जन बन चुके हैं. डिजाइन से जुड़े सभी क्षेत्रों को कैप्चर करने के लिए इसने कई नए नए फीचर्स को इस एप्लीकेशन में इस्तेमाल किया. यह सॉफ्टवेयर एपीआई को सपोर्ट करता है जिससे कि इसमें कस्टमाइजेशन और ऑप्टिमाइजेशन करने की सुविधा भी बन जाती है और इसी वजह से इसमें नई सुविधाएं भी जोड़ी गई जैसे ऑटोकैड, आर्किटेक्चर, इलेक्ट्रिकल और सिविल, इस्तेमाल हो रहे हैं.
हाल ही के पिछले 5 सालों में ऑटोडेस्क ने मोबाइल और क्लाउड बेस्ड एप्लीकेशन भी बनाए जिसमें इन्होंने ऑटोकैड 360, Fusion 360, और A360 viewer बनाया. इन प्रोग्रामों में डिजाइन फॉर डॉक्यूमेंटेशन टूल को साथ में रखा साथ ही इसमें इंटरनेट का उपयोग करके इनको शेयर करने की भी सुविधा दी.
ऑटोकैड के उपयोग
इस प्रोग्राम को तो शुरुआत में मैकेनिकल इंजीनियर के लिए बनाया गया था लेकिन बहुत जल्दी इसका इस्तेमाल हर क्षेत्र में होने लगा. बल्कि यूं कहें कि ऑटोकैड के सफलता इसी लिए भी हुई क्योंकि इसका इस्तेमाल करने वालों में अधिकतर डिजाइन प्रोफेशनल जिसमें आर्किटेक्ट, प्रोजेक्ट मैनेजर, एनिमेटर, और इंजीनियर शामिल है.
Construction – निर्माण कार्य
कंस्ट्रक्शन ही वह क्षेत्र है जहां पर की ऑटोकैड का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है.
ऑटोडेस्क बिल्डिंग डिजाइन सूट ऐसा सॉफ्टवेयर है जो बिल्डिंग को 3D डिज़ाइन करने की सुविधा प्रदान करता है साथ ही इसमें बिल्डिंग इनफॉरमेशन मॉडलिंग और कई टूल को एक साथ कंबाइन करता है जिससे कि इंजीनियर कोर कंस्ट्रक्शन के डिजाइन विजुलाइज स्टिम्युलेट और काम करने में काफी आसानी होती है.
अगर हम एक उदाहरण ले की ऑटोकैड से किस तरह से सफलता से काम किया जाता है इसका सबसे बड़ा उदाहरण है शंघाई टावर का निर्माण. यह टावर काफी जटिल स्ट्रक्चर है और डेवलपर ने जल्दी ही महसूस किया कि पारंपरिक इमारत के तरीके उपकरण और अन्य डिजाइन सॉफ्टवेयर परिजनों को सफलतापूर्वक पूरा करने में असमर्थ थे.
इसीलिए डेवलपर्स ने BIM द्वारा पेश किया गया डिजाइन 3डी में टावर की कल्पना करने और टावर की ट्विस्टिंग स्ट्रक्चर पर पूरी तरह से पकड़ बनाकर काम करने में मदद की.
BIM का उपयोग करने से टीम को डिजाइन का विश्लेषण करने और निर्णय लेने में काफी मदद मिली तथा पर्यावरण के अनुकूल बहुत ऊंची इमारत बनाने के लिए ऊर्जा विश्लेषण की निगरानी करने और इमारत बनाने में मटेरियल को बचाने में मदद की.
टावर के मालिक और डेवलपर बिल्डिंग के सफल निर्माण के लिए बीआईएमआर ऑटोकैड को श्रेय देते हैं एक संपत्ति मालिक के दृष्टिकोण से बी आई एम पूरे प्रोजेक्ट के निर्माण और मैनेजमेंट के साथ इन्वेस्टमेंट कंट्रोल के लिए एक बहुत ही प्रभावी टूल है.
Animation – एनिमेशन
सिर्फ कंस्ट्रक्शन क्षेत्र नहीं है जहां पर ऑटोकैड का इस्तेमाल किया जाता है बल्कि मनोरंजन के क्षेत्र में अभी इसका काफी इस्तेमाल होता है. 3D एनीमेशन का इस्तेमाल करके मनोरंजन के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले क्लासिक एनीमेशन तैयार किए जाते हैं.
आधुनिक फ्लैक्सिबल ग्राफिक पाइपलाइन बनाने के लिए टूल सेट का इस्तेमाल किया जाता है और विजुअल इफैक्ट्स कलाकारों और मॉडल्स को अपनी रचनात्मक क्षमताओं की सीमाओं को आगे बढ़ाने और उनके प्रोडक्शन बढ़ाने और कम से कम समय में पूरा करने की सुविधा देता है.
ऑटोकैड कैसे चलाये?
ऑटोकैड चलाना चाहते हैं और आपको इसके बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है. आप सोच रहे हैं कि इसे कैसे चलाएं तो हम आपको यही बताने जा रहे हैं. क्योंकि जो इस का कोर्स करते हैं तो उनको कोर्स के दौरान सारी बातें बताई जाती हैं की इस प्रोग्राम में कैसे काम करते हैं. इसके अंतर्गत आने वाले विषय जो इस के सिलेबस में शामिल है उनका थ्योरी और साथ में प्रैक्टिकल भी कराया जाता है.
लेकिन जो ऑटोकैड का कोर्स नहीं करते हैं और चाहते हैं कि यूट्यूब के माध्यम से सीखे तो इसके लिए आपको इसकी कुछ बेसिक जानकारी होनी जरूरी है तभी आप इसे ऑनलाइन सीख सकते हैं.
सबसे पहले तो आपको ऑटोकैड का सॉफ्टवेयर अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल करना पड़ेगा. जब इसका इंटरफेस स्टार्ट होता है तो किसी भी यूजर को जो नए होते हैं उनको बिल्कुल कुछ समझ में नहीं आता है कि आखिर करना क्या है इसके लिए सबसे पहली बात यह जानना जरूरी है कि इसके इंटरफेस में जो हमें दिखाई देता है उसमें क्या-क्या फंक्शन है. तो चलिए इसे हम जानते हैं स्टेप बाय स्टेप.
इससे पहले की हम ड्राइंग करने स्टार्ट करें आपको इसके इंटरफेस के बारे में अच्छी पकड़ बनानी पड़ेगी जिसमें आपको 10 से 15 मिनट लग सकता है हम यहां पर आपको सिर्फ बेसिक ही बताएंगे इसलिए आपको बहुत ही ध्यान देना है.
इस सॉफ्टवेयर में मुख्य रूप से कमांड का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए हम आपको कमांड की लिस्ट देने जा रहे हैं जिसका इस्तेमाल कर आप काफी आसानी से इसे चला सकते हैं.
Command | Description |
L | इस कमांड से हम कैड में लाइन बनाते हैं. |
C | इसका उपयोग हम सर्कल बनाने के लिए करते हैं. |
REC | इस कमांड का उपयोग हम रैक्टेंगल बनाने के लिए करते हैं. |
ARC | जैसा कि नाम से ही पता चलता है इस कमांड का उपयोग हम कैड में arc बनाने के लिए करते हैं. |
POL | इस कमेंट का इस्तेमाल हम पॉलिकन बनाने के लिए कर सकते हैं जिसमें कम से कम 3 साइड से 1024 साइड बना सकते हैं. |
PL | इसका इस्तेमाल हम ड्राइंग में पॉलिलाइन बनाने के लिए करते हैं. |
ELLIPSE | इसके साथ से हम ऑटोकैड में ellipse का निर्माण minor और major axis के साथ कर सकते हैं. |
CO | इस कमांड का उपयोग ऑटोकैड में ऑब्जेक्ट को कॉपी करने के लिए किया जाता है. |
REG | इस कमांड का उपयोग ऑटोकैड में रीजन ज्योमेट्री बनाने के लिए किया जाता है. |
OP | इसके सहायता से आप ऑप्शन का विंडो खोल सकते हैं जिसमें ऑटोकैड की सेटिंग उपलब्ध होती है. |
TR | इस कमांड का इस्तेमाल कैसे भी geometry को ट्रिम करने के लिए किया जाता है |
ARRAY | इस कमांड का उपयोग रैक्टेंगुलर, पोलर या फिर path array बनाने के लिए किया जाता है. |
B | इस कमांड का उपयोग ब्लॉक बनाने के लिए किया जाता है ब्लॉक की प्रॉपर्टी को ब्लॉक डेफिनेशन विंडो का उपयोग करके डिफाइन किया जाता है. |
SC | इस कमेंट का उपयोग किसी ऑब्जेक्ट का स्केल को बदलने के लिए किया जाता है. |
X | इस कमांड का उपयोग किसी ऑब्जेक्ट को एक्स लोड करने के लिए किया जाता है जैसे Polyline को simple line में बदलने के लिए array या फिर ब्लॉक को सिंपल geometry में बदलने के लिए इत्यादि. |
ST | इस कमेंट का उपयोग करके आप टेक्स्ट स्टाइल विंडो को खोल सकते हैं जो डिफॉल्ट ऑटोकैड टेक्स्ट स्टाइल के प्रॉपर्टीज को कंट्रोल करती है. |
I | इस कमांड का उपयोग ऑटोकैड में 1 ब्लॉक के रूप में मौजूदा ब्लॉक या ड्रॉइंग डालने के लिए किया जा सकता है. |
F | इस कमांड का इस्तेमाल तेज किनारों में गोलाकार कोनो को जोड़ने के लिए किया जा सकता है इन गोलाकार कोनों को Fillet भी कहा जाता है |
LA | इस कमांड का इस्तेमाल लेयर प्रॉपर्टीज को ओपन करने के लिए क्या जाता है यह कैसा टूल है जिससे कि डिजाइन की लेयर को बनाने और उसे मैनेज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. |
CHA | इस कमांड का उपयोग तेज कोनों में तीर से किनारों को जोड़ने के लिए किया जा सकता है, इन तिरछी किनारों को chamfer भी कहा जाता है. |
ऑटोकैड कैसे सीखे?
वैसे तो आज के समय में कुछ नामुमकिन नहीं है क्योंकि हमारे और आपके पास इंटरनेट के सुविधा हर वक्त उपलब्ध होती है. लेकिन कुछ कोर्स ऐसे होते हैं जो खुद से सीखने काफी मुश्किल होता है.
ऑटोकैड इसी तरह के कोर्स में से एक है जिसमें मास्टरी हासिल करने के लिए आपको किसी अच्छे ऑटो कैड सेंटर से क्लास करनी होगी. लेकिन ऐसा नहीं है कि अगर आप इंस्टीट्यूट नहीं जाएंगे तो इसको नहीं सीख पाएंगे आप यूट्यूब के वीडियोस देखकर भी इसे सीख सकते हैं.
मेरा मानना है कि जो इंसान खुद से सीखता है उस से बेहतर कोई नहीं सीख सकता यानी कि वह खुद प्रयोग करता है उसमें वह कई बार फेल होता है लेकिन जब उसे सफलता मिलती है उसे वह स्टेप जिंदगी भर याद रहता है इस तरह वह अपने विषय में जीनियस बन सकता है क्योंकि वह बार-बार प्रयोग करता है.
इसके थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल ज्ञान पर निर्भर करता है इसीलिए यूट्यूब की सहायता से इसे सीखा जा सकता है क्योंकि यूट्यूब वीडियोस में एक-एक स्टेप को हम वीडियो के माध्यम से देखते हैं. इसीलिए इस तरह से सीखना काफी लाभदायक होता है.
Courses | Duration | Type of Programme |
Basic Autocad | 2 Months | Certificate Programme |
Diploma in Autocad | 2 months | Undergraduate Diploma Programme |
Advance Course in CADD | 3 Months | Certificate Programme |
Advanced Autocad Course | 3 Months | Certificate Programme |
Master Diploma in Architectural CADD | 2 Months | Postgraduate Diploma Programme |
इस कोर्स के अंदर पढ़ाए जाने वाले महत्वपूर्ण विषय
AutoCAD Interface
- Smart Dimensions, Fully Define Sketch and Blocks
- Layer and Object Properties
- Cutting, Stamping, Folding & Unfolding
- Wire frame and Transformation tools
- Geometry Creation and Modifications
- Isometric Views
Sketch Entities & Sketch Tools
- Sketch Visualization & Sketch Analysis
- Introduction, Walls, Flanges, Bending
- 3D sketch and Boolean operations
- Dimensions & Dimension Styles
- Inquiry tools & Parametric Drafting
- Creating & Editing Text
Block, W-block, X-attach & X-Ref
- Drafting Settings
- Design Centre & Tool Palettes
- 3D parts, UCS, Boolean operation, Solid Editing
- Geometry & Dimensional Constraints
- Surface Creation & Modification tools
- Equations, Design Table & Configurations
ऑटोकैड कोर्स करने के बाद में मिलने वाले नौकरी के अवसर
ऑटोकैड बहुत ही ज्यादा जॉब ओरिएंटेड कोर्स है और डिजाइन के क्षेत्रों में शानदार रोजगार के अवसरों को खुलता है.
हालांकि इसका जो सिलेबस है काफी छोटा है लेकिन यह सिविल इंजीनियरिंग आर्किटेक्चर और डिजाइनिंग क्षेत्र में हाई सैलेरी पैकेज पाने के लिए उम्मीदवारों की जो संभावना होती है उसे बढ़ा देती है.
सिविल इंजीनियरिंग के साथ-साथ इस कोर्स के सिलेबस के लिए आवेदन करने के बाद कुछ ऐसे काम हो सकते हैं.
जब कोई बी टेक सिविल इंजीनियरिंग से करता है और साथ में इस का भी कोर्स करता है तो उसकी सैलरी 4 lac से ₹9 lac तक हो सकती है और यह बी टेक के एग्रीगेट्स और उसके स्किल पर भी निर्भर करता है.
जो सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किए हुए होते हैं और इस का कोर्स करते हैं उनकी सैलरी ₹3 lac तक हो सकती है. सबसे अच्छी सैलरी आईआईटी किए हुए छात्रों को दी जाती है और साथ ही उन कैंडिडेट को दी जाती है जिनका अनुभव 2 से 3 साल का होता है.
प्रवेश स्तर की नौकरियां
- Civil Engineering Drafter
- Architectural Drafter
- 3D Modelling/Rendering Technician
- Computer-Aided Design Technician
- Interior Design Drafter
भविष्य में मिलने वाले नौकरियों के पद
- Rendering 3D Modeling Manager
- Architecture Project Coordinator
- Mechanical Project Coordinator
- CAD Coordinator
- CAD Manager
AutoCAD के फायदे
इसका इस्तेमाल करने के क्या फायदे हैं जिससे इस में काम करना काफी आसान है तो चलिए जानते इसके बारे में.
- इस प्रोग्राम का इस्तेमाल आर्किटेक्चरल प्लानिंग टूल के रूप में किया जाता है क्योंकि इसमें बेसिक लेआउट पहले से ही बने हुए होते हैं और यह बेहतर यूजर इंटरफेस देता है.
- इसका इस्तेमाल इंजीनियरिंग ड्राफ्टिंग टूल के रूप में भी किया जाता है जिससे कि 2D और 3D ड्राइंग आसानी से बनाए जाते हैं और फिर इसका जो अंतिम प्रोडक्ट होता है उसके रूप में रेंडरिंग भी कर लिया जाता है.
- यह सॉफ्टवेयर सिविल मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल सिस्टम के लिए काफी उपयोगी होता है.
- यह प्रोग्राम इंजीनियर को अपने डिजाइन को एनालाइज करने और उसमें आने वाली इशू को सॉल्व करने में मदद मिलती है साथ ही इसमें उनको एक्यूरेट डिजाइन भी मिलता है.
- ऑटोकैड का इस्तेमाल ग्राफिक डिजाइन टूल के रूप में भी किया जाता है.
- ये प्रोग्राम ऐसे डिजाइन को भी बना सकता है जो बहुत कॉम्प्लिकेटेड होते हैं जैसे ज्वेलरी खिलौने इत्यादि.
संक्षेप में
डिजाइनिंग एक ऐसा फील्ड है जिसमें स्किल इंसान की जरूरत पड़ती है और बहुत कम लोग स्किल्ड होते हैं. जिन्हें किसी डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर में मास्टर मिली हुई होती है और यह बहुत ही मेहनत का नतीजा होता है.
अगर आप भी डिजाइन के फील्ड में जाना चाहते हैं और ऐसे ही किसी सॉफ्टवेयर जैसे ऑटोकैड में एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको किसी इंस्टीट्यूट में ज्वाइन करना चाहिए.
मेरे ख्याल से अब आप बहुत अच्छे ढंग से समझ गए होंगे कि ऑटोकैड क्या है (What is AUTOCAD in Hindi). इसके अलावा आप यह भी समझ गए होंगे कि ऑटोकैड कैसे सीखे और इस का फुल फॉर्म क्या होता है जिससे कि आप अच्छे से अच्छा जॉब प्राप्त कर सके और उसमें उन्नति कर सकें.
भारत की जनसंख्या काफी ज्यादा है लेकिन अगर सही तरीके से किसी भी प्रोफेशनल कोर्स को किया जाए तो रोजगार ढूंढना अधिक मुश्किल नहीं है.
लेकिन अगर आपके लिए यह संभव नहीं है तो आप घर बैठे ही इस डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर को आसानी से सीख सकते हैं और आप भी जान जाएंगे कि ऑटोकैड कैसे चलाएं. आशा करता हूं कि आपको समझ में आ गया होगा कि ऑटोकैड में क्या-क्या होता है.
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आई होगी और अगर सच में आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, और व्हाट्सएप में जरूर शेयर करें.
aapne bohut he acche je jankari diya hai..thanks for this article..