क़ुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है?

आपने कई बार क़ुतुब मीनार को खुद अपनी नज़रों से देखा होगा या फिर फोटो या वीडियो में देखा होगा और यह भी जानने की इच्छा होगी की क़ुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है? अगर आपको इस बारे में जानकारी नहीं है तो इस आर्टिकल में आपको इसके बारे में सब कुछ बताया जायेगा.

यह हमारे देश की राजधानी दिल्ली का एक प्राचीन मीनार है जिसे लोग अक्सर देखने के योग्य से यहां आते हैं और कुतुब मीनार का दृश्य देखकर आनंद लेते हैं. यह पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक जहाँ पर हर रोज़ लोगों की भीड़ लगी होती है.

क़ुतुब मीनार सभी मीनारों में से एक महत्वपूर्ण मीनार है जिसे कुतुबुद्दीन नामक शासक द्वारा 1193 में बनाया गया था. आपने हैदराबाद के चार मीनार के बारे में भी सुना ही होगा जो इसी की तरह काफी प्रसिद्ध है. लेकिन ये आर्टिकल पूरी तरह से क़ुतुब मीनार की जानकारी देने के लिए बनाया गया है.

क़ुतुब मीनार कहां स्थित है? 

क़ुतुब मीनार दिल्ली का एक प्राचीन मीनार है जो अन्य मीनारों की अपेक्षा ज्यादा प्रसिद्ध है. जिसे कई दर्शक देखने के लिए दिल्ली जाते हैं और इनका आकर्षित रूप दृश्य देख वे इनके दृश्य की ओर आकर्षित हो जाते हैं.

यह मीनार सभी मीनारों की अपेक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इस मीनार का निर्माण अफगानिस्तान में उपस्थित जाम मीनार से प्रेरित होकर की गई है इस मीनार का दृश्य बहुत ही सौंदर्य है 

कुतुबमीनार एक सुंदर प्रतीत होने वाला मंजिल है जो दिल्ली के दक्षिण भाग में महरौली नामक क्षेत्र में स्थित है. इस मीनार के इर्द-गिर्द भारतीय कलाकारों के सुंदर घर स्थित है यह घरें लगभग 115 साल पूर्व बनाई गई है. इन घरों के दृश्य से कुतुब मीनार और भी ज्यादा आकर्षित दिखाई देता है.

कुतुब मीनार के कारण दिल्ली बहुत ही प्रसिद्ध है क्योंकि लगभग लोग कुतुबमीनार को देखने के लिए दिल्ली जाते हैं और वहां इस इमारत का आकर्षित रूप को देख  लोग आनंद लेते हैं.

कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है – Qutub Minar Ki Lambai KItni hai?

क़ुतुब मीनार की लंबाई 72. 5 मीटर है, जो 237.86 फिट के बराबर होती है.

इस मीनार की व्यास 14.3 मीटर है. यहाँ एक प्रसिद्ध मीनार है जो 5 मंजिल का है.

इस महत्वपूर्ण मीनार का प्रारंभिक निर्माण कुतुबुद्दीन के द्वारा किया गया जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान में बने जामा मीनार से प्रेरित होकर इस मीनार की निर्माण की प्रक्रिया 1983 में शुरू की थी.

पहले कुतुबमीनार तीन मंजिला रहती थी लेकिन अब कुतुब मीनार पांच मंजिला मीनार बन गई है, जो देखने में बहुत ही आकर्षित रूप का है.

इस मीनार का व्यास नीचे काफी ज्यादा है और जैसे-जैसे ऊपर जाता है इसका व्यास में कमी आने लगती है और वह घटकर 2.75 मीटर की हो जाती है. इस प्रसिद्ध मीनार का निर्माण बलुई पत्थर से किया गया है जिससे उसका दृश्य बहुत ही शानदार दिखाई देता है.

qutub minar ki lambai kitni hai
कुतुब मीनार की लंबाई

कुतुब मीनार का इतिहास

क़ुतुब मीनार बहुत ही महत्वपूर्ण मीनार हैं जिसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है और इसमें पुराण के आयातो तथा फूलों की नक्शा दर्शाया गया है. यह लाल और बफ स्टोन से बने है. यह भारत की सबसे पुरानी मीनार है. यही वजह है की कुतुबमीनार का दृश्य और भी रोचक पूर्वक दिखाई देता है.

कुतुब मीनार का निर्माण प्राचीन काल के मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन के द्वारा प्रारंभ की गई थी जिसमें वे अफगानिस्तान में बने जाम मीनार से प्रेरित होकर इस इमारत का निर्माण शुरू किया था.

इसकी नींव 1199 ईस्वीं में गुलम वंश के क़ुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा रखी गयी थी. इसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य नमाज़ पढ़ने से पहले अज़ान दी जाती है तो अज़ान देने के लिए ही इसका निर्माण किया गया था.

क़ुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा पहले मंजिल का निर्माण किया गया था उसके बाद (ए डी 1211-36) में इस शासक का उत्तराधिकारी इल्तुतमिश द्वारा इसकी तीन मंजिल तैयार की गई थी तत्पश्चात फिरोज शाह तुलधलक के द्वारा कुतुब मीनार की पांचवी मंजिल 1368 में तैयार की गई.

इसके सभी पांचों मंजिलों के चारों तरफ छज्जे बनाए गए हैं जो मीनार को पूरी तरह से खेलते हैं इन चीजों को पत्थर के ब्रैकेट के सहारे जोड़ा गया है.
इन चीजों में मधुमक्खी के छत्ते की तरह ही सजावट बनाई गई है जिससे पहली मंजिल से पूरी तरह से देखा जा सकता है.

कुतुब मीनार के पहले इस स्थान पर 30 सुंदर जैन मंदिरों का निर्माण किया गया था जिसे आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट कर दिया गया और उस स्थान पर कई घरे बन गए.

कुतुब मीनार दिल्ली के प्राचीन शहर ढल्लिका में स्थित लाल कोट के प्राचीन किले के अवशेष पर निर्माण किया गया है.

कुतुब मीनार का नाम कैसे पड़ा?

कुतुब मीनार दिल्ली में बहुत ही प्रसिद्ध मीनार के नाम से जाना जाता है और इस मीनार का दृश्य देखने के लिए दर्शक दूर-दूर स्थल से इस सौंदर्य दृश्य को देखने के लिए आते हैं.

लेकिन कुतुब मीनार के लिए अभी तक बहुत प्रकार की विवादे हो चुकी है और विवाद हो भी रही है.

प्राचीन लोगों के द्वारा कहा जाता था की कुतुबमीनार का नाम तुर्की के सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर रखा गया था जो इस मीनार का प्रारंभिक निर्माण किए थे.

वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना था कि इस मीनार का नाम बगदाद के प्रसिद्ध संत कुतुबुद्दीन बख्तियार की चाची के नाम पर पड़ा है क्योंकि इनकी चाची भारत में रहने के लिए आए थे उस समय इल्तुतमिश इनका बहुत ही इज्जत करते थे जिन्होंने कुतुब मीनार की तीन मंजिले बनाई थी.

इस मीनार का नाम कुतुबुद्दीन बख्तियार की चाची के नाम पर रखा गया और इस प्रसिद्ध मीनार को कुतुब मीनार के नाम से घोषित किया गया जो आज भी पूरे देश में इसी नाम से प्रसिद्ध है.

इस मीनार की प्राचीन बातों को जानने के लिए बहुत दूर-दूर से दर्शक आते हैं और इनका दृश्य देखने के साथ-साथ इनकी प्राचीन बातों का अध्ययन भी करते हैं.

कुतुब मीनार से संबंधित कुछ जानकारियां

क़ुतुब मीनार प्राचीन सभी इमारतों में से एक महत्वपूर्ण मीनार है जो आज के जनरेशन में भी सभी जगह प्रसिद्ध है, यह मुगल साम्राज्य के विरासत का ऐतिहासिक स्थल है जिसका दृश्य बहुत ही आकर्षित रूपेण हैं.

इसके समीप पहली मस्जिद बनी जिसका नाम कुववात उल इस्लाम है.

इस मस्जिद का निर्माण विष्णु मंदिर के स्थान पर हुई है. इसकी ऊंचाई 72.6 मीटर तथा नीचे आधार का व्यास 14.2 मीटर तथा ऊपर का व्यास 2.99 मीटर है.

लोहा स्तंभ के संबंध में एक रहस्यमय लोहे का बना इमारत है. वैज्ञानिक कुतुब मीनार को देखकर अभी भी चिंतित हैं की इस मीनार को कौन से ऐसे लोहे से बनाया गया है जो अभी तक टिका हुआ है.

कुतुबमीनार को ऐसे लोहे से बनाया गया है जिसमें अभी तक जंग नहीं लगा है. रसायनिक क्रियाकलापों से यह पता चला है कि कुतुब मीनार में जिस लोहे का इस्तेमाल किया गया है वो 99.72% शुद्ध लोहा का इस्तेमाल हुआ है.

कुतुब मीनार से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें:- 

  • क़ुतुब मीनार पूरे देश में प्रसिद्ध है इसके साथ-साथ यह लाल बालू ही पत्थर से बना सबसे ऊंचा इमारत है.
  • इसमें कुल 379 सीढ़ियां बनाई गई है जिसकी सहायता से ऊपर के मंजिल तक दर्शक पहुंचते हैं.
  • इसकी ऊंचाई 72. 5 मीटर है. इसलिए यह मीनार बहुत ही ऊंचा दिखाई देता है.
  • इसके निर्माण से पूर्व इस जगह पर 30 जैन मंदिरों का निर्माण हुआ था जिसे आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट कर दिया गया.
  • कुतुब मीनार के इर्द-गिर्द बहुत सारे कलाकारों के घर बने हैं जो 115 ईसा पूर्व की है.
  • इसके निर्माण में प्रयोग होने वाली लोहे की स्तंभ तथा कुछ प्राचीन महत्वपूर्ण बातों की वजह से यह बहुत ही प्रसिद्ध है.
  • यूनेस्को द्वारा कुतुबमीनार को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है जिससे यह और प्रसिद्ध हो गया.

FAQ – कुतुब मीनार से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न

कुतुब मीनार से बहुत से ऐसे महत्वपूर्ण सवाल है जो लगभग सभी एग्जाम के साथ-साथ किसी अन्य व्यक्तियों द्वारा भी पूछा जाता है जैसे:

सरकारी परीक्षाओं में भी इससे संबंधित प्रश्न आते हैं. सरकारी परीक्षा के साथ-साथ बच्चों के परीक्षाओं में भी इनसे संबंधित कई प्रकार के सवाल पूछे.

निष्कर्ष

क़ुतुब मीनार हमारे देश के सभी प्रसिद्ध मीनारों में से एक है जिन्हें दर्शक देखने के साथ-साथ इनकी प्राचीन बातों की जानकारी लेने के लिए दिल्ली आते है.

आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से बताया की कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है? कुतुब मीनार का इतिहास, कुतुब मीनार को किसने बनवाया? इन सभी बातों को विस्तार पूर्वक बताएं हैं.

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Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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