Bamboo Farming : हमारे देश भारत में उपस्थित आधे से भी ज्यादा लोग कृषि कार्यों से ही संबंधित होते हैं. इनका मुख्य व्यवसाय तथा आय का स्रोत खेती से ही है. लेकिन आज हम आप लोगों के साथ गेहूं, चावल या फिर अन्य तिलहन फसलों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए नहीं आए हैं.
आज हम आप लोगों के साथ सबसे ज्यादा अनोखी खेती के बारे में और उसके फायदे के बारे में जरूरी जानकारियां मुहैया कराने के लिए आए हैं. आज के इस आर्टिकल में हम आप सभी लोगों के साथ बांस की खेती करने के फायदे बताने वाले हैं. सुनने में भले ही नया सा प्रतीत हो रहा होगा. लेकिन यकीन मानिए आज आप निराश होकर नहीं जाइएगा.
राज कुमार पांडे की रिटायरमेंट :-
राजकुमार पांडे ने अपने रिटायरमेंट के पश्चात बांस की खेती करनी प्रारंभ कर दी थी. राजकुमार पांडे यह बात बताते हैं कि मैंने मध्य प्रदेश से भीमा बांस, कटिंगा, योलो वर्गरिक, टूडला प्रजाति के पौधे मंगा कर रखे थे. उनके अनुसार अब इन्हें खासा मुनाफा इन्हीं से प्राप्त हो रहा है.
अगर आप राजकुमार पांडे के बारे में नहीं जानते हैं. तो कोई दिक्कत नहीं है. हम आपको इस आर्टिकल में उनसे जुड़ी मूलभूत बातें बताने वाले हैं. आपको हम बता दें कि बांस की खेती करने वाले हमीरपुर जिले की मोदहा तहसील के भरसवा गांव के रहने वाले 62 वर्षीय प्रगतिशील किसान राजकुमार पांडे ने ही बांस की खेती करी है.
रिटायरमेंट के पश्चात प्रारंभ की बांस की खेती :-
आपको बता दें कि राजकुमार पांडे एक सरकारी बैंक में क्षेत्रीय प्रबंधक के पद पर तैनात किए गए थे. रिटायरमेंट के पश्चात उन्होंने बांस की खेती करनी प्रारंभ कर दी थी. लेकिन पानी की कमी होने के चलते उन्होंने बहुत ही ज्यादा दिक्कतों का सामना किया था.
राजकुमार पांडे इस बात की पुष्टि करते हैं कि उन्होंने मध्यप्रदेश में भीमा बांस, कटिंगा, योलो वर्गरिक, टूडला प्रजाति पौधे लगाए थे. बास्किन प्रजातियों के पौधे बेहद ही जल्दी विकसित होते हैं. उन्होंने 10 हेक्टेयर में 1000000 रुपए पूंजी निवेश करके 4 सालों के बाद कटाई की और अच्छी खासी कमाई उन्होंने इसे प्राप्त कर ली.
आपको हम इस बात से अवगत करवा दे कि बांस की फसल को एक बार लगाने के पश्चात लगातार इसमें 40 वर्ष तक मुनाफा मिलता रहता है. हर कटाई के पश्चात इसके पेड़ अपने आप ही विकसित होने लगते हैं. मार्केट की यदि बात की जाए तो अगरबत्ती बनाने के साथ-साथ अन्य कई बड़ी-बड़ी कंपनियां बांस ले जाया करती है, और इसके बदले अच्छी खासी रकम देती है.
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जलस्तर में भी हुई काफी वृद्धि :-
राज कुमार पांडेय बताते हैं, कि हमारे खेत में पहले 150 फिट पर पानी निकलता था. बांस की खेती शुरू करने के बाद जलस्तर में सुधार आया है. छोटे हैंड पम्प पानी देना बंद कर चुके हैं. अब मेरे खेत के आसपास उसमे काफी वृद्धि हुई है, और जल में काफ़ी परिवर्तन हुआ है. साथ ही पर्यावरण को भी फायदा हुआ है.
एक बार बांस लगा देने के पश्चात उसमें बार-बार कटाई के बाद भी बहुत सारे बांस निकाल कर के आ जाते हैं. इन बांस का प्रयोग क्षेत्रों में किया जाता है.
जाने आप अपने बांस किन्हें दे सकते हैं :-
बाजार में ऐसी बहुत सी कंपनियां है, जिन्हें बांस की आवश्यकता होती है. इसके साथ ही अगरबत्ती बनाने वाले बिजनेस में बांस का होना बहुत ज्यादा जरूरी होता है. ऐसे में यदि आप अपने बांस को इन्हें बेचते हैं. तो आपको इससे अच्छा खासा मुनाफा मिलेगा.
इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन साइट पर बांस का प्रयोग किया जाता है. ऐसे में आप उन्हें भी अपने बांस को बेच सकते हैं. लेकिन इस बात की स्पष्टीकरण तथा सुनिश्चित हम आपको प्रदान कर दें, कि अगर आप बांस की खेती करते हैं. तो आपको इससे लाभ ही लाभ होगा. फिर चाहे आप अपने बांस को फैक्ट्रियों में या फिर कंस्ट्रक्शन साइट में काम में दें.
पर्यावरण के लिए भी है बहुत ही ज्यादा लाभकारी :-
जैसा कि इस बारे में सभी जानते हैं, कि अब के समय में प्रदूषण बहुत ही ज्यादा फैल रहा है. इससे ना केवल मानव प्रजाति प्रभावित हो रही है. अभी तो प्रकृति के साथ-साथ इस धरती पर मौजूद हर एक जी प्रभावित हो रहा है ऐसे में पर्यावरण को प्रदूषित हमने किया है तो हमारा ही कर्तव्य है कि हम पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में भी योगदान दें.
इसके वास्ते सटीक तथा इकलौता समाधान है कि अधिक से अधिक मात्रा में पेड़-पौधों लगाया जाए जिससे कि असंतुलित हो रहे प्रकृति को फिर से संतुलित किया जा सके और प्रदूषण पर नियंत्रण साधा जा सके.जिस प्रकार से इस संसार में मनुष्य की संख्या में वृद्धि आ रही है, उसी रफ्तार से इस संसार में पेड़-पौधों में भी कमी आ रही है.
इस वजह से ज्यादातर लोगों को इस बात की सलाह दी जाती है ज्यादातर सभी लोगों को यह बात कही जाती है कि अधिक से अधिक संख्या में पेड़ों को लगाएं जिससे कि हो रहे प्रकृति के संतुलन को फिर से संतुलित किया जा सके.
ऐसे में अगर बांस की खेती की जाती है तो इससे प्रकृति बहुत ज्यादा सुन्दर हो जाएगी और इसका फायदा भी आपको मिलेगा ना केवल आर्थिक रूप से अपितु पर्यावरण की दृष्टि से भी आप देखें.
निष्कर्ष :-
आज के Article में हमने आप सभी लोगों के साथ बांस की खेती करने के फायदे तथा इससे जुड़ी एक व्यक्ति की कहानी भी सुनाई है. हम आशा करते हैं कि हमारा यह प्रयास आपको बहुत ही ज्यादा पसंद आया होगा. अगर आप हमसे कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं या फिर हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो यह काम आप कमेंट के जरिए आसानी से और चंद पलों में कर सकते हैं.
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