Subsidy Offer: पपीता की खेती से टूट जायेंगे कमाई के सारे रिकॉर्ड, प्रति हेक्टेयर के खर्च पर पायें 75% सब्सिडी का ऑफर

Subsidy Offer: पपीता की खेती से करने से कमाई के रास्ते खुल जायेंगे, प्रति हेक्टेयर के खर्च पर आपको मिलेगा 75% सब्सिडी। आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आप सभी पाठकों के साथ पपीता की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा करने वाले हैं। यदि आप भी कमाई करने हेतु कुछ क्रियाकलाप करने के इच्छुक है किंतु इस बात से पूरी तरह से वंचित है कि आखिर अधिक कमाई है तो आप कौन सी क्रियाकलाप कर सकते हैं तो आप चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है.

आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आप सभी पाठकों के साथ एक बहुत ही अच्छे बिजनेस आइडिया डिस्कस करने वाले हैं। आप किस राज्य से संबंधित है हमें अभी कमेंट करके जरूर बताएं जिससे कि हमें इस बात की जानकारी प्राप्त हो सके कि हमारे आर्टिकल को पढ़ने वाले पाठक कहां यह निवासी है। 

पपीते की खेती को लाभकारी :-

पपीता आप पाठकों में से लगभग सभी ने कभी ना कभी खाया जरूर होगा। पपीता को एक चमत्कारी फल के रूप में देखा जाता है जिसकी फायदे बहुत अधिक होते हैं। इससे संबंधित बिहार राज्य सरकार की ओर से एक बहुत बढ़िया news निकल के आ रहे जिसकी ओर से किसानों को पपीता की खेती करने के वास्ते 75% तक की आर्थिक अनुदान सरकार करेगी। 

यदि आप इस बिजनेस को मामूली सोच रहे हैं तो यह भूल ना करें क्योंकि यदि आप पपीते की खेती का व्यवसाय शुरू करते हैं तो इससे कमाई के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे।  

भारत में पपीते की खेती :-

हमारे देश भारत में पपीते की खेती बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है जिसे ही देश तथा दुनिया की जरूरतों को पूर्ण किया जा सके। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि यह फल सौ बीमारियों का एक इकलौता इलाज है। 

जो आयुर्वेदिक दवाइयों के साथ किसानों के लिए कमाई का भी एक बहुत ही उत्तम स्रोत बन सकता है। आपकी जानकारी के लिए हम आप को इस बात से अवगत करा दे इसकी खेती तमिलनाडु बिहार असम महाराष्ट्र गुजरात उत्तर प्रदेश पंजाब हरियाणा दिल्ली जम्मू तथा कश्मीर उत्तराखंड एवं मिजोरम इत्यादि राज्य में की जाती है। 

पपीते ने किसानों के साथ-साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तथा आदिवासी समाज की तस्वीरें भी पूरी तरह से बदल दी है। इस फल के चमत्कारी गुणों को देखते हुए अब किसानों को भी इसकी खेती करने हेतु प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। जैसा कि हमने आपको बताया है कि बिहार राज्य सरकार ने पपीता की खेती के वास्ते 75% तक के अनुदान करने की बात की है। 

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पपीते की खेती में मिलने वाली सब्सिडी :-

बिहार कृषि विभाग बागवानी निदेशालय (Bihar Agriculture, Horticulture Directorate) के माध्यम से जारी की जा चुकी एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत राज्य के किसानों को पपीता की खेती के वास्ते प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। 

जैसे कि हमने पहले ही बता दिया है कि यदि बिहार राज्य में उपस्थित किसान पपीते की खेती करने का निर्णय ले लेते हैं तो 75% तक का अनुदान सरकार के द्वारा किया जाता है। हम आपको बता दें कि यदि कोई किसान कम से कम प्रति हेक्टेयर खेत में पपीते की फसल लगाता है तो उस है इस में लगने वाली लागत लगभग ₹60000 की आती है। 

पपीते की खेती करने वाले किसानों के लिए है यह अनुकूल :-

एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के तहत किसानों को जो पपीता की खेती करने हैं उन्हें सरकार प्रति इकाई के लिए 75% तक का अनुदान कर रही है। यदि आप इससे संबंधित अधिक जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके वास्ते आप अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर सकते हैं।   

इस प्रकार करें आवेदन :-

  • यदि आप बिहार राज्य के माध्यम से चलाई जाने वाली एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना अर्थात (Integrated Horticulture Development Mission, MIDH) के अंतर्गत पपीते की खेती के ऊपर सब्सिडी का फायदा प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सर्वप्रथम इसके आधिकारिक वेबसाइट में जाने की आवश्यकता होगी। 
  • आप इसके आधिकारिक वेबसाइट में horticulture.bihar.gov.in के द्वारा आसानी से जा सकते हैं।  
  • किसान चाहे तो वह पपीते की खेती हेतु तकनीक के साथ-साथ सब्सिडी की समस्त जानकारियां के वास्ते अपने नजदीकी जिले में स्थित उद्यान विभाग के कार्यालय अथवा सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क आसानी से कर सकता है। 

इस प्रकार से करें पपीते की खेती :-

यदि किसान पपीते की खेती करता है तो उसे इससे हर सीजन में 40 किलोग्राम प्रति पेड़ के अनुसार उत्पादन क्या कर सकता है। एक हेक्टेयर खेत माता पिता के लगभग 2250 पौधे लगाए जा सकते हैं। दिल से कि हर सीजन में लगभग 900 क्विंटल फलों का उत्पादन किया जा सकता है। 

आपको बता दें कि इस क्षेत्र से ऑक्सीजन में मटर मेथी दाना फ्रेंच बींस तथा सोयाबीन जैसी सब्जियां तथा दलहनीफसलों की खेती करके एक अन्य आमदनी प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार से किसान को दोहरा लाभ प्राप्त हुआ। 

जब पपीते का सीजन है तब पपीते से तो लाभ प्राप्त होगा ही होगा इसके साथ पपीते के सीजन ना होने के कारण भी किसान को नुकसान नहीं होगा। उस समय वह उस क्षेत्र में मौसमी फसलों का लगाकर भी लाभ प्राप्त कर सकता है। इन मौसमी फसलों में से कुछ का उल्लेख हमने ऊपर में किया है। 

नहीं होगा घाटा :-

यदि आप पपीते की खेती करते हैं तो इससे आपको घाटा नहीं होगा। क्योंकि पपीते की खेती करने के वास्ते पेड़ों को लगाना पड़ता है और पेड़ों के साथ गेहूं तथा धान की फसलों के समान समस्याएं नहीं होती है। 

कहने का तात्पर्य है कि इन्हें वर्षा कम या अधिक होने से कोई अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है। इन्हें बस समय-समय पर थोड़ी बहुत देखरेख की आवश्यकता होगी तत्पश्चात कम समय में अधिक मुनाफा प्रदान करने वाले रास्ते बन जाएंगे। 

निष्कर्ष:-

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको पपीते की खेती करने के विषय में बहुत सी जानकारियां प्रदान की है। हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी जानकारी आपको बहुत ज्यादा पसंद आई होगी। यदि आप हमसे कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं अथवा हमें कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो यह कार्य आप कमेंट जरिए आसानी से कर सकते हो। 

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Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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