भोजन पकाने के दो मुख्य तरीके हैं पहला पारंपारिक तरीका दूसरा आधुनिक तरीका। पारंपरिक भोजन बनाने के तरीके में भोजन बनाने के लिए पुराने तरीकों को अपनाया जाता है। जैसे कि लकड़ी के चूल्हे और कोयला के चूल्हे इत्यादि परंतु इन सब में प्रदूषण बहुत ज्यादा उत्पन्न होता है इसलिए इसका बहुत कम उपयोग किया जाता है।
दूसरी और भोजन बनाने की आधुनिक तरीके हैं। इसमें गैस चूल्हा और विद्युत ऊर्जा आधारित इंडक्शन शामिल है । हालांकि इंडक्शन चूल्हा बहुत अधिक सुरक्षित है क्योंकि इसमें जलने का खतरा नहीं है। वही गैस चूल्हा बिना प्रदूषण उत्पन्न किए भोजन सरलता और कम समय में तैयार करने में सहायक है।
आप इस बात से संभवत परिचित होंगे कि ज्यादातर घरों में गैस कनेक्शन लिया जाता है। गैस सिलेंडर को समय-समय पर बदलना होता है। जब वह खाली हो जाता है ।
आपने भी कभी ना कभी गैस सिलेंडर डीलर शॉप क्या गैस सिलेंडर की होम डिलीवरी देखी होगी। आपके मन में यह बात भी जरूर आए होंगे कि इसका जो शॉप डीलर है जिसने डीलरशिप ली है को मुनाफा किस प्रकार और कितना कमाता होगा और कोई गैस डीलरशिप लेना चाहे तो कैसे ले सकता है।
तो हम आ गए आपके लिए आज का यह आर्टिकल इसी टॉपिक पर लेकर । तो अंत तक जुड़े रहे हमारे आर्टिकल के साथ।
गैस एजेंसी आखिर होती क्या है:-
जैसे कि हम सब जानते हैं कि गैस सिलेंडर हमारे पर्यावरण के लिए लकड़ी वाले चूल्हे की तुलना में बेहतर होता है और इसमें भोजन पकाना भी बहुत ही ज्यादा सरल होता है परंतु ऐसा जरा भी नहीं है कि वह गैस सिलेंडर सालों साल चलता है।
इसकी सीमा अवधि 1 महीने तक की होती है। खत्म हो जाने के बाद हमें दोबारा मंगवाना पड़ता है। जो वाहन गैस सिलेंडर को लेकर हमारे घर तक पहुंचाते हैं वह वाहन गैस एजेंसी की होती है।
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो वह स्थान जहां से सभी के घरों में गैस सिलेंडर पहुंचाए जाते हैं, गैस एजेंसी कहलाते हैं।
कैसे शुरू करें खुद की गैस एजेंसी अपने ही देश भारत में:-
गैस एजेंसी खोलना आसान तो नहीं है परंतु यदि आपके पास यह कार्य करने की क्षमता तथा आवश्यकता की सभी चीजें हैं तो आप आसानी से इसकी शुरुआत कर सकते हैं।
यह एक ऐसा बिजनेस है जिसमें यदि आप एक बार स्टेबल हो गए तो इसमें आपको लाभ ही लाभ होगा । इसमें नुकसान जरा भी नहीं होगा। क्योंकि गैस सिलेंडर की आवश्यकता लगभग सभी घरों में होती है।
जैसे एचपी , इंडियन, भारत इत्यादि हमारे देश में बहुत अधिक लोकप्रिय है। किसी एरिया में उपस्थित सभी गैस कनेक्शन होल्डर उसे गैस कंपनी से सिलेंडर लेते हैं जिसका उनके पास कनेक्शन होता है।
किसी भी गैस कंपनी का कस्टम बेस किसी एरिया विशेष में पहले से ही होता है। लोगों को अपने गैस कनेक्शन के विषय में बताने के लिए लोकप्रिय अखबार तथा पोस्टर का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त गैस कंपनियां अपने आधिकारिक वेबसाइट पर भी पोस्ट अपलोड करती है। आप चाहे तो विजिट कर सकते हैं।
एलपीजी डिसटीब्यूटरशिप कितने प्रकार की होती है:-
हमारे देश भारत में बहुत सारे क्षेत्र है जिन्हें विभिन्न कैटेगरी में बांटा गया है। एलपीजी गैस डिसटीब्यूटरशिप के भी विभिन्न प्रकार है। यदि आप भी एलपीजी गैस एजेंसी खोलना चाहते हैं तो आपको इन कैटेगरी को जानना अत्यंत आवश्यक है। सामान्यता ज्यादातर कंपनियां सरकार के अंतर्गत गैस एजेंसियों को प्रदान करती है। जो निम्न विस्तार पूर्वक बताएं गए हैं
- शहरी वितरण:-नाम से ही पूरी तरह साफ जाहिर है कि इसके अंतर्गत शहरी क्षेत्र के गैस डीलर डिलीवरी और सर्विस उपलब्ध कराए जाते हैं। इस कैटेगरी के अंतर्गत आने वाली गैस एजेंसी केवल और केवल शहरी क्षेत्रों में ही पाए जाते हैं।.
- रूबन डिस्ट्रीब्यूटर :- रूबनडिस्ट्रीब्यूटर्स के अंतर्गत आने वाली एजेंसी में मुख्यतः शहरों में होती है। लेकिन यह अपनी सेवाएं गांवों में भी देती है। इस श्रृंखला में आने वाले गैस एजेंसी नगर पालिका सीमा से लगभग 15किलोमीटर में आने वाले गांवों को कवर करती है। यदि कोई क्षेत्र ऑयल कंपनी द्वारा निर्दिष्ट है यह उसे भी कवर कर सकती है प्रोग्राम।
- रूरल डिस्ट्रीब्यूटर:- रूरल का मतलब यह होता है ग्रामीण अर्थात रूरल डिस्ट्रीब्यूटर के अंतर्गत ऐसे क्षेत्र आते हैं जहां गांव अधिक हो। रूरल डिस्ट्रीब्यूटर ऑयल कंपनी द्वारा निर्दिष्ट गांव में सर्विस देती है। अपनी एजेंसी से 15 किलोमीटर के रेडियस तक सर्विस प्रदान करती है। यह रेडियस विभिन्न परिस्थितियों में बढ़ जाता है।
- दुर्गम क्षेत्रीय वितरक:- इस श्रेणी के तहत सेवाओं को ऐसे क्षेत्र में उपलब्ध कराया जाता है जहां सर्विस दे पाना अत्यंत कठिन हो। जैसे कि पहाड़ी क्षेत्र , जंगली क्षेत्र , आदिवासी क्षेत्र डिस्टर्ब क्षेत्र अथवा इत्यादि क्षेत्र।
गैस एजेंसी के वास्ते कौन अप्लाई कर सकता है:-
गैस एजेंसी के वास्ते निम्न पात्रता आवश्यक है
- आवेदक के पास भारत की नागरिकता हो।
- मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं पास होना चाहिए।यदि स्वतंत्रता सेनानी है तो इससे छूट है।
- उम्मीदवार की उम्र 21 वर्ष से 60 वर्ष की होनी चाहिए ।यदि स्वतंत्रता सेनानी है तो उम्र की कोई सीमा नहीं है।
- आवेदक के परिवार सदस्यों में कोई पूर्व किसी ऑयल मार्केटिंग कंपनी में कार्यरत नहीं हो।
- वे गैस एजेंसी जिन का लाइसेंस या समझौता रद्द कर दिया गया हो वह दोबारा आवेदन कदापि नहीं कर सकते।
- आवेदक के पास गैस एजेंसी का कार्यवाहक रूप से चलाने के वास्ते पैसों की कमी नहीं होनी चाहिए नहीं गोदाम के लिए जमीन की कमी नहीं होनी चाहिए।
एलपीजी गैस एजेंसी खोलने के लिए क्या है बुनियादी सुविधाएं आएगी जाने:-
- गैस सिलेंडर के स्टॉक रखने के लिए गोदाम होना चाहिए तथा सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए विस्फोटक सुरक्षा संगठन के अधिकृत अधिकारी के माध्यम से लाइसेंस की प्राप्ति आवश्यक है।
- शहरी और रुबन श्रेणी में प्रारंभ में गैस एजेंसी केवल लगभग 3000 किलोग्राम एलपीजी गैस स्टोर कर सकते हैं।
- ग्रामीण वितरक 5000 किलो तथा दुर्गम क्षेत्रीय वितरक 3000 किलो एलपीजी गैस भंडार ही रख सकते हैं।
- बना हुआ गोदाम या फिर प्लॉट होना आवश्यक है जिसमें गोदाम बनाया जाएगा।
- शहरी का रूबन वितरक के पास नगरपालिका ग्राम पंचायत इत्यादि की सीमा से 15 किलोमीटर तक के दायरे में 25 * 30 स्क्वायर मीटर प्लॉट होना चाहिए। ग्रामीण वितरण में 21 * 26 स्क्वायर मीटर और दुर्गम क्षेत्रीय वितरक के लिए 15 * 16 मीटर तय किया गया है।
- इस प्लॉट के नजदीक में हाई स्टेशन तार एलटी लाइट टेलीफोन लाइन नहर नाला नहीं होना चाहिए।
- वाहनों के लिए सुविधा होनी चाहिए। ताकि ग्राहकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े।
- उद्यमी के पास वाहनों की भी सुविधा होनी चाहिए ताकि वह गैस को होम डिलीवरी करवा सके।
एलपीजी गैस एजेंसी खोलने के लिए इस प्रकार आवेदन करें:-
भारत की सबसे बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनी इंडियन भारत तथा एचपी है इनको जब किसी नए लोकेशन पर अपना ब्रांच खोलना होता है तो यह लोकल न्यूज़ पेपर और अपने वेबसाइट पर इसका विज्ञापन दे देती है।ताकि इच्छुक इसके लिए आवेदन कर सकते किंतु सावधान रहें इसी में बहुत से फ्रॉड भी अपनी जगह बनाए हुए हैं। ऐसे में अच्छा यही होगा कि आप इन कंपनियों के ऑफिसर वेबसाइट के जरिए ही अप्लाई करें अन्यथा आप को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ सकता है।
क्या इसके लिए आवेदन शुल्क भी लगता है:-
इसके लिए आपको आवेदन शुल्क देना होगा यह अनिवार्य है। किंतु शुल्क कितना देना होगा या ऑयल कंपनियां अपने विज्ञापनों में बताती है। लेकिन अलग-अलग वितरकों के वास्ते अलग-अलग शुल्क लिया जाता है। जो non-refundable होता है अर्थात आपको एलपीजी गैस एजेंसी मिले या ना मिले आपके पैसे आपको वापस नहीं मिलेंगे।
निष्कर्ष:-
सर्वप्रथम आप सभी पाठकों को धन्यवाद जो आपने हमारे इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ा हम आशा करते हैं कि हमारा यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा इस आर्टिकल के माध्यम से हमने एलपीजी गैस एजेंसी के विषय में विस्तार पूर्वक बताया है। और हमने यह भी साफ-साफ एवं स्पष्ट सटीक तरीके से बताया है कि आप किस प्रकार इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। हम से यदि कोई भी प्रश्न आप पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट के जरिए पूछ सकते हैं साथ ही साथ इस आर्टिकल को अधिक से अधिक लोगों तक अवश्य शेयर करें।
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