भारत का रेलवे नेटवर्क विश्व का चौथा तथा एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. भारतीय रेलवे से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रश्न अक्सर कंपटीशन एग्जाम में पूछी जाती है जिसमें कभी-कभी रेल मंत्री से संबंधित प्रश्न भी आ जाते हैं, आज हम आपको हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि भारत के रेलवे मंत्री कौन हैं?
भारतीय रेल के माध्यम से भारत देश के लोग अक्सर अपनी यात्रा पूरी करते हैं. बहुत से लोगों को अपने देश के रेल मंत्री का नाम नहीं पता होता, यदि आप भी अपने देश के रेल मंत्री का नाम जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है.
भारतीय रेलवे क्या है – What is Indian Railway in Hindi?
हमारे देश का रेलवे नेटवर्क अन्य देशों की अपेक्षा काफी मजबूत है. हमारे भारत देश में मानव अधिकतर यात्रा रेल के माध्यम से करते हैं ताकि उनकी दूर की यात्रा सरल तरीके से पूरी हो सके.
परिवहन को नियंत्रित करने के लिए भारतीय सरकार द्वारा भारतीय रेल का निर्माण किया गया जिससे यात्री अपनी यात्रा ज्यादातर रेल के माध्यम से कर सके.,जब से रेल का निर्माण किया गया है तब से लोग सड़क परिवहन के बजाय दूर की यात्रा रेल के माध्यम से ही करते हैं.
भारतीय रेलवे के अंतर्गत 75000 स्टेशन आते हैं अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाए तो 75000 स्टेशन भारतीय रेलवे में उपस्थित है. भारतीय रेलवे प्रत्येक दिन लगभग तीन करोड़ यात्रीगण को उनके जगहों तक पहुंचाता है.
भारतीय रेल में लोगों को अधिक से अधिक रोजगार प्रदान किया जाता है. यदि अभी की बात करें तो भारतीय रेलवे में 1000000 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं. भारतीय रेलवे रोजगार का एक बहुत ही अच्छा साधन है जिसमें योग्य उम्मीदवार आसानी पूर्वक कार्य कर सकते हैं.
भारत के वर्तमान रेल मंत्री कौन है?
भारत के रेल मंत्री में जिस भी उम्मीदवार को चुना जाता है वे भारतीय रेलवे के अंतर्गत आने वाले सभी कार्यों को अपने उच्च विचार और धैर्यता के साथ करते हैं. रेल मंत्री पूरे भारतीय रेल के कारोबार को संभालने का काम करते हैं.
रेल मंत्री से संबंधित कई सवाल कंपटीशन एग्जाम में पूछे जाते हैं इसलिए विद्यार्थियों को अपने देश के रेलवे मंत्री का नाम जानना बहुत ही आवश्यक है यदि आपको भी अपने देश के रेल मंत्री का नाम नहीं पता है तो मैं आपको नीचे के तथ्यों में वर्तमान रेल मंत्री का नाम बताने जा रहा हूं.
भारत देश के वर्तमान रेलवे मंत्री का नाम श्री अश्विनी वैष्णव है.
अश्विनी वैष्णव को 7 जुलाई 2021 में रेलवे मंत्री बनाया गया. 7 जुलाई से लेकर अब तक इनके द्वारा रेल के सभी कारोबार को संभाला जा रहा है. वर्तमान रेल मंत्री का नाम एग्जाम में अक्सर पूछे जाते हैं इसलिए जहां तक संभव हो रेल मंत्री से संबंधित सारी बातें विद्यार्थियों को जाननी चाहिए.
अश्विनी वैष्णव मोदी के इच्छाओं को पूरा करने की तैयारी में लगे हुए है. मोदी की इच्छा थी की भारत के हर एक जनता को रेलवे का लाभ प्राप्त हो चाहे वह किसी भी जाति या किसी भी सोसाइटी से बिलॉन्ग करते हो. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो भारत के विभिन्न वर्गीय लोगों को रेल का लाभ पहुंचाना मोदी का उद्देश्य है जिस उद्देश्य को वर्तमान के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पूरी करने की शपथ ली है.
अश्विनी वैष्णव उड़ीसा में भाजपा पार्टी के सांसद भी रह चुके है. इन्होंने उड़ीसा में भारतीय प्रशासनिक सेवा भी दिया हैं.
भारत के वर्तमान रेल मंत्री का जीवन शैली
भारत देश के वर्तमान रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव है जिनका जन्म 1970 ईस्वी को राजस्थान के जोधपुर नामक स्थान पर हुआ. इनके पिता का नाम दाऊ लाल वैष्णव है. इनका राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी है.
ये बचपन से ही फुर्तीले और एक्टिव माइंड के छात्र रहे हैं जिन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जोधपुर के स्कूल से प्राप्त की और इसके बाद एमबीएम में इंजीनियरिंग से टॉपर स्टूडेंट बने फिर उन्होंने आईआईटी कानपुर से अपनी स्टडी कंप्लीट की.
आईआईटी कानपुर से एमटेक करने के दौरान उन्होंने सिविल सर्विस की प्रिपरेशन भी की जिसके पश्चात इन्हें इनका फल भी मिला और ये एग्जाम में 26 वी रैंक लाकर आईएस की उपाधि हासिल की, ये 1994 बैच के आईएएस अधिकारी बने.उड़ीसा में इन्होंने प्रशासनिक सेवा दी.
बचपन से ही यह बहुत ही तेज़ दिमाग के स्टूडेंट रह चुके हैं यह जिस भी काम को सोचते थे उसे पूरा करके ही छोड़ते थे हर एक कार्य को यह हमेशा दृढ़ संकल्प करके पूरा करते थे.
इनको मोदी का कैबिनेट बनाया गया क्योंकि इनका भाषण दमदार और शानदार तरीके से होता है और जब यह भाषण देते हैं तो विरोधी पक्ष दलों को बहुत ही अच्छी तरीके से लपेट लेते हैं.
हालांकि यह एक आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं इसलिए इनकी स्पीच इतनी दमदार होती है जिसे सुनते ही लोग इनकी ओर आकर्षित हो जाते हैं. बहुत से मंत्री अपना भाषण देते हैं लेकिन जब अश्विनी वैष्णो की बात आती है तो इनकी स्पीच की बात ही कुछ और है.
अश्विनी वैष्णव रेलवे मंत्री बन कर अपने जोधपुर का नाम और भी रोशन कर दिया. हालाकि जब यह उड़ीसा के कलेक्टर बने थे उस समय भी जोधपुर का नाम ऊंचा हुआ था लेकिन जब यह रेलवे मिनिस्टर के पद पर शपथ ली तब सिर्फ इनकी फैमिली ही नहीं बल्कि पूरा जोधपुर खुशी से झूम उठा.
भारत के प्रथम रेल मंत्री कौन थे?
स्वतंत्र भारत के प्रथम रेल मंत्री जॉन मथाई थे जिनका जन्म 10 January 1886 ईस्वी को त्रिवेंद्रम नगर में हुआ. इन्होंने अपनी पढ़ाई मद्रास और तिरुवंतपुरम से करने के बाद फिर इंडियन विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूर्ण की.
इन्होंने रेल मंत्री के पद पर नियुक्त होकर रेल से संबंधित कार्य भार 15 अगस्त 1947 ईस्वी से लेकर 22 सितंबर 1948 तक संभाला .इनकी मृत्यु 1959 ईस्वी में हो गई.
स्वतंत्रता के बाद जब रेल का निर्माण हुआ तब प्रथम रेल मंत्री जॉन मथाई को बनाया गया ,1947 में रेलवे मंत्री बनने के बाद इन्होंने अपना हर एक कार्य इमानदारी पूर्वक करके देश के रेलवे मंत्रालय में अपना बहुत ही बड़ा योगदान दिए हैं.
भारत के पूर्व रेल मंत्री कौन थे?
अश्विनी वैष्णव के पहले 2019 में श्री पीयूष गोयल भारत के 44वे रेल मंत्री बने थे, 7 जुलाई 2021 ईस्वी में अश्विनी वैष्णव जी ने पीयूष गोयल की कुर्सी हासिल की.
पीयूष गोयल का जन्म 13 जून 1964 ईस्वी को महाराष्ट्र में हुआ. यह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य भी हैं. इनके पिता जी का नाम स्वर्गीय वेद प्रकाश गोयल तथा माता का नाम श्रीमती चंद्रकांता गोयल है.
भारतीय सरकार द्वारा रेलवे से संबंधित सभी प्रकार के कार्यों का जिम्मा 3 सितंबर 2014 को किस गोयल को सौंपा गया. इसके बाद ये 7 जुलाई 2021 तक इस पद पर बने रहे.
पीयूष गोयल की माताजी भारतीय जनता पार्टी में तीन बार एमएलए के पद पर कार्य कर चकी है. यह बहुत ही ईमानदार और सख्त महिला थी जो इस पार्टी में अपना एक अलग ही सत्ता बना कर रखी थी.
इनके पिताजी भी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य रह चुके हैं जिसमें इन्होंने अपने महत्वपूर्ण कार्यों से अपना नाम कमाया है. इनके पिता श्री भारतीय जनता पार्टी के यूनियन भी बने थे.
पीयूष गोयल बचपन से ही पॉलिटिक्स में इंटरेस्ट लेते थे और उनका सपना पॉलिटिक्स में जाना था जब 2004 के संग चल रही थी उस समय में झंडे लेकर उस रैली में भागीदारी लिए थे, इसी से पता चलता है कि वे पॉलिटिक्स की और कितना आकर्षित है.
पीयूष गोयल मुंबई के एक संपन्न परिवार से बिलॉन्ग करते थे जहां इनके पिता के साथ-साथ इनकी मां भी पॉलिटिक्स से जुड़ी हुई थी इसलिए पीयूष गोयल भी पॉलिटिक्स में जाना पसंद करते थे.
पीयूष गोयल रेल मंत्री बनने के पहले बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ़ बरोदा के गवर्नमेंट नॉमिनी भी रह चुके हैं.
निष्कर्ष
रेलवे मंत्री पूरे रेल डिपार्टमेंट का हेड माना जाता है जिनके हाथों में रेल से संबंधित सभी कार्यों का बागडोर होता है.
हमारे भारत देश में रेल से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या अत्यधिक है लोग ज्यादातर अधिक दूरी को तय करने के लिए रेल से यात्रा करते हैं. क्योंकि रेल से यात्रा करने में लोगों को आसानी होती है.एक रेल मिनिस्टर रेलवे की सारी क्रियाकलापों को ध्यान में रखते हुए लोगों को इससे और भी सुविधा देने की प्रयास में जुटे रहते हैं ताकि लोग आसानी पूर्वक अपनी यात्रा सुरक्षित रूप से कर सके.
ऐसे कई विद्यार्थी या व्यक्ति हैं जिन्हें रेलवे मिनिस्टर का नाम नहीं पता होता लेकिन हमें रेलवे मिनिस्टर का नाम जानना चाहिए क्योंकि ऐसे कई कंपटीशन एग्जाम में रेल मंत्री से संबंधित सवाल आ जाते हैं. इसलिए आज हम आपको हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से बताएं हैं की भारत के रेल मंत्री कौन है?
उम्मीद है आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो और रेल मंत्रियों से संबंधित जानकारियां आपको हमारे इस आर्टिकल से मिली हो, आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत के वर्तमान रेल मंत्री तथा प्रथम रेल मंत्री एवं पूर्व रेल मंत्री के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी मिली होगी.