भारत को इस आधुनिक युग में एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हर भारतीय को इसके लिए जागरूक रहना जरुरी है इसलिए स्कूल के समय से ही इसके लिए जरुरी ज्ञान भी जरुरी है इसलिए आज के इस लेख में हमने मेक इन इंडिया पर छोटे एवं बड़े निबंध (Long & Short Essay on Make in India in Hindi For Class 6, 7, 8, 9, 10) लेकर आये हैं.
भारत में प्रयोग होने अधिकतर वस्तुओं का निर्माण विदेशों में होता है. इसी प्रथा में बदलाव लाने के लिए सरकार ने स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लाइट मेक इन इंडिया प्रोग्राम की शुरुआत की है. इस आर्टिकल में हमने इसी विषय पर विभिन्न निबंध तैयार किया हैं.
मेक इन इंडिया पर छोटे एवं बड़े निबंध – Long & Short Essay on Make in India in Hindi For Class 6, 7, 8, 9, 10
निबंध – 1 (200 शब्द)
प्रस्तावना
मेक इन इंडिया भारत सरकार नरेंद्र मोदी द्वारा निर्मित किया गया एक योजना है जो कि 25 सितंबर 2014 में शुरू किया गया जिसके अंतर्गत विदेशी निवेशकों को भारत में कई व्यवसायों पर निवेश करने का मौका मिल सके साथ ही साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घरेलू कंपनियों का विकास कर सके.
मेक इन इंडिया का उद्देश्य
इस नीति का उद्देश्य है विदेशी कंपनियों को बढ़ावा देना और टैक्स में छूट देना ताकि वह ज्यादा से ज्यादा हमारे देश में निवेश कर सकें जिससे कि सारी आवश्यक तत्व हमारे देश में ही उत्पादन हो और कम दाम में मिले और साथ ही साथ हमारे देश के लोगों को रोजगार मिल सके और घरेलू कंपनियों जो बंद हो चुके हैं उन्हें फिर से खोलने का मौका मिल सके.
इस अभियान के तहत 25 क्षेत्रों को चुना गया जिसमें ( फार्मास्युटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स मशीनें, थर्मल पावर निर्माण, रेलवे, विमान उद्योग, हाईवे, शिपिंग, माइनिंग, फूड प्रोसेसिंग, रोड निर्माण, स्पेस, रक्षा क्षेत्र आदि मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा और इन के अंदर निवेश कर सकते हैं. यह फैसला दिल्ली के ज्ञान भवन में रिलायंस कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी और दूसरे उद्योगपति की मौजूदगी में लिया गया है.
निष्कर्ष
भारत सरकार ने यह फैसला बेरोजगारी को कम करने के लिए लिया और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए और विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए लिया ताकि हम ज्यादा से ज्यादा वस्तु निर्यात और कम से कम आयात कर सके.
निबंध – 2 (300 शब्द)
प्रस्तावना
देश में बढ़ रही बेरोजगारी और देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने मेक इन इंडिया अभियान की शुरुआत 25 सितंबर 2014 को देश के विकास के लिए यह फैसला लिया. देश के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा बहुत सी योजनाएं चलाई गई जिससे कि रोजगार के अवसर मिल सकें.
इसी तरह भारत सरकार ने मेक इन इंडिया अभियान का शुरुआत की इस योजना का उद्देश्य यह है कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार का अवसर मिल सके और देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके.
मेक इंडिया इंडिया की परिभाषा
मेक इन इंडिया का मतलब है अच्छी और जरूरत के चीजों का निर्माण ज्यादा से ज्यादा भारत में हो सके जिससे कि वस्तुएं कम से कम दाम में मिल सके. और भारत वासियों को रोजगार का मौका मिल सके ताकि वह अपना देश छोड़कर दूसरे देश में न जाए रोजगार पाने के लिए. इस योजना के तहत भारत सरकार चाहते हैं कि सभी वस्तुओं पर मेड इन इंडिया लिखा हुआ हो जिससे कि भारत का नाम हो.
जैसे मोबाइल का उदाहरण ले लीजिए. ओप्पो फोन पे मेड इन चाइना लिखा हुआ होता है. क्योंकि ओप्पो चाइना मैं बनता है.
मेक इन इंडिया की आवश्यकता
विनिर्माण क्षेत्र से भारत का योगदान घरेलू उत्पाद( जीडीपी) में पिछले 25 वर्षों में लगभग 16% पर स्थिर था इसलिए भारतीय अर्थव्यवस्था सुधारने और विकास के लिए मेक इन इंडिया की आवश्यकता पड़ी.
केवल सेवा उद्योगों का योगदान वर्तमान में 50% से अधिक है. अर्थशास्त्र के अनुसार वैश्विक बाजार में भारत एक वशिष्ठ स्थिति पर है चीन की सबसे अधिक विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के विपरीत है जो चीन विनिर्माण के पारंपरिक मार्ग को लिया गया है जो कि उच्च मूल्य वाले हैं भाग श्रम. भाग पूंजीगत गहन निर्माण द्वारा किया गया है. विशेषज्ञों के अनुसार भारत में सेवा सेवा क्षेत्र में रोजगार देने में कुशल अंग्रेजी बोलने वाले श्रमिकों का हिस्सा था जिससे कि आम जनता को रोजगार नहीं मिल पाता था
विनिर्माण क्षेत्र को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए जीवंत बनाना है जिससे कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर मिल सके जिससे कि कुछ समय में यानी कि 2025 तक जीडीपी 16% से बढ़कर 25% हो जाए और 10 मिलियन नई नौकरी के अवसर मिल सके.
निष्कर्ष
इस योजना के तहत लोगों को बहुत से लाभ मिलेगा. लोगों को नए नए रोजगार के अवसर मिलेंगे और बहुत से लोगों को अपने बंद हुए कारोबार को शुरू करने का मौका मिलेगा जिससे कि देश की आस्था को तेजी से सुधार आ जाएगा और विकास किया जाएगा.
निबन्ध – 3 ( 400 शब्द)
प्रस्तावना
मेक इन इंडिया भारत सरकार द्वारा शुरू की एक योजना है जिसके तहत विदेशी निवेशकों को आमंत्रित किया जाता है कि वह भारत में निवेश करें इस अभियान की घोषणा 15 अगस्त 2014 में हुआ था और इसकी शुरुआत 25 सितंबर 14 में हुआ था इस योजना का उद्देश्य था देश में बढ़ती बेरोजगारी को कम किया जा सके और देश की अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सके और ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर मिल सके.
मेक इन इंडिया का इतिहास
मेक इन इंडिया की घोषणा स्वतंत्र दिवस के दिन किया गया इसकी शुरुआत 25 सितंबर 2014 में किया गया. इस नीति का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था इस योजना का निर्णय नरेंद्र मोदी ने पहले ही अपने मंत्रिमंडल की बैठक में लिया था इस योजना के अंतर्गत कोई भी परेशानी ना हो इसलिए इस बैठक में मशहूर उद्योगपति और उद्योग नेताओं को भी शामिल किया गया था इस योजना का उद्देश्य था कि देश के लोगों को रोजगार मिल सके और देश की अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सके देश का विकास किया जा सके.
इस योजना के तहत 25 मुख्य क्षेत्रों को चुना गया. जिस पर बहुत ध्यान देने का निर्धारित किया महत्वपूर्ण विकास क्षेत्रों पर विकसित करने पर ज्यादा जोर दिया गया भारत के अंदर पर्यावरण को कम प्रदूषित करने वाले वस्तुओं का प्रयोग करने का बढ़ावा दिया गया.
नया व्यवसाय चालू करने के लिए लाइसेंस दिया गया जिसका वैधता 3 साल की रहेगा. उन व्यवसायियों पर जोर दिया गया जिससे कि लोगों को जा राधा फायदा हो ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके और देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके और देश का विकास हो सके.
मेक इन इंडिया का महत्व
मेक इन इंडिया का मकसद देश के लोगों को बढ़ावा देना है और निवेश के लिए एक अनुकूल माहौल बनाना है आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है और विदेशी निवेशकों के लिए नए क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच में साझेदारी का निर्माण करना है
मेक इन इंडिया का लक्ष्य
भारत की उपस्थिति दुनिया की नजरों में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में दर्ज करना है .और घरेलू बाजार में मजबूत उपभोक्तावाद देना है और शीर्ष वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों द्वारा समर्थित मजबूत तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षमताएं देना है. विदेशी निवेशकों के लिए खुले अच्छी तरह विनियमित और स्थिर वित्तीय बाजार देना है.
निष्कर्ष
मेक इन इंडिया भारत सरकार द्वारा चलाई गई एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है अगर यही योजना सफल होता है तो भारत को एक विकसित देशों के रूप में देखा जाएगा और साथ ही साथ बेरोजगारी की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी
निबन्ध – 4 ( 500 शब्द)
प्रस्तावना
25 सितंबर 2014 में शुरू की गई मेक इन इंडिया भारत सरकार द्वारा चलाई गई एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है. इस नीति के तहत भारत के नए यूथ को एक सही मार्ग दर्शक मिलेगा जिससे कि वह अच्छी पढ़ाई करेंगे अच्छे जो पाने के लिए सभी बहुत से मिलेंगे रोजगार पाने के लिए जिससे कि भारत के अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और ज्यादा से ज्यादा विकास होगा.
मेक इन इंडिया का अर्थ
इसका अर्थ है ‘भारत में बनाओ’ मेक इन इंडिया का उद्देश्य है क्या विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित करना है इसका अर्थ यह भी है कि भारत की नई टेक्नोलॉजी में विकास हो और साथ ही साथ भारत में ही निर्मित किए जाने वाले उत्पादों को बढ़ावा देना है आजकल बेरोजगारी, बीमारी एवं अनेक सी समस्याएं हैं बढ़ती जा रहे हैं जिस से निपटने के लिए हमारी आने वाली यूथ को अच्छी शिक्षा और रोजगार मिलेगा जिससे लोगों को आय प्राप्त होगी और वह अच्छे से अपना घर चला सके.
मेक इन इंडिया के फायदे
भारत के कई लोगों को नौकरी करने का अवसर मिलेगा जिससे कि रोजगार बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और देश का विकास होगा और देश के युवा पीढ़ी सरकार के प्रति आकर्षित होंगे .
भारत में उत्पादों का निर्माण के कारण ना केवल व्यापार क्षेत्र में बढ़ावा देगा बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ घरेलू उत्पाद में भी वृद्धि होगा साथ ही साथ नई कारखाने खुलेंगे जिससे कि ना केवल उस गांव का विकास होगा बल्कि आसपास के गांव की लोगों को भी काम मिलेगा और विकास होगा साथ ही साथ नई सड़के बनवाए जाएंगे जिससे कि ट्रांसपोर्टेशन में मदद मिलेगी.
बहुत से लोग अंतरराष्ट्रीय ब्रांडेड वस्तुओं का प्रयोग करना पसंद करते हैं जिससे कि छोटी कंपनियों को बहुत से घाटे का सामना करना पड़ता है. इस मेक इन इंडिया अभियान के तहत छोटी कंपनियों में विदेशी निवेशक निवेश कर उसकी ब्रांड वैल्यू में बढ़ाव देगा.
भारत एक ऐसा देश है जिसका रैंक ईज ऑफ बिजनेस यानी कि कारोबार में आसानी मैं 130 वां स्थान है. लेकिन इस योजना के तहत सारी दुनिया के लोगों को आमंत्रित किया गया हैं कि वह भारत आए और निवेश कर वस्तुओं का उत्पादन करें बिना कोई भय और स्ट्रेस से जिससे कि रैंक में सुधार हो.
भारत के बहुत से नए युवा पीढ़ी भविष्य के तलाश में अपने देश छोड़कर दूसरे देश में जा रहे हैं जिसके कारण भारत में हमेशा एक नई सोच की कमी रहे हैं. इस नीति के तहत नासिक से युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि उनकी नई सोच भारत को एक अच्छे मुकाम पर पहुंच जाएगी.
मेक इन इंडिया के नुकसान
जैसे कि हम जानते हैं हमारा भारत देश लगभग 60% आय कृषि से प्राप्त करती हैं. इस योजना के तहत बहुत सी जगहों पर खाना खुलेंगे जिससे कि कृषि में नुकसान होगा. साथ ही साथ बहुत से प्राकृतिक संसाधनों पर असर पड़ेगा जैसे कि जल स्थल आदि मैं कमी होगी. और इसके साथ ही जनसंख्या में बढ़ावा होगा.
प्रदूषण भारत में बहुत बड़ी समस्या है इस योजना के तहत बहुत ज्यादा कारखाने खुलेंगे जिससे निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ और गैस प्रदूषण को बढ़ावा देगा.
जैसे कि हम लोग जानते हैं भारत में बहुत सी चाइनीस वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है. जिससे कि इस अभियान के चाइना के साथ हमारा रिश्ता बिगड़ सकती हैं.
निष्कर्ष
यह अभियान भारत सरकार नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई गई थी जिससे कि बहुत से लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हो गए और जीडीपी में जो 16% पर स्थिर था जिसमें कि बढ़ावा होगा भारत के नौजवानों को एक सही मार्गदर्शक मिलेगा.