मनोविज्ञान क्या है – What is Phsychology in Hindi?

मनोविज्ञान जिसे हम साइकोलॉजी भी कहते हैं (Psychology) एक ऐसा विषय है जिसमे इंसानों के मानसिक प्रक्रियाओं (mental processes), भावनाओं, अनुभवों, एक्सप्रेस और बिना एक्सप्रेस यानि की दाेनाें प्रकार के व्यवहाराें को क्रमबद्ध तरीके से वैज्ञानिक अध्ययन करते हैं.

आज के जनरेशन में मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान भी कहा जाता है जिसमें लोगों की व्यवहार या आचरण को देखकर उनके आचरण का अनुभव किया जाता है. 

इसलिए आज के इस आर्टिकल के माध्यम से मनोविज्ञान से बताएँगे की मनोविज्ञान क्या है ~(What is और इसका क्या अर्थ है?

मनोविज्ञान का परिचय

मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान भी कहा जाता है जिसमें हर एक व्यक्ति का आचरण का पता लगाया जाता है. मनोविज्ञान की जानकारी रखना व्यक्तियों के लिए बहुत ही अनिवार्य है. 

जब आप मनोविज्ञान की जानकारी रखते हैं तो इससे आप किसी भी व्यक्ति को साइकोलॉजिकल तरीके से पहचान पाने में सक्षम होंगे.

मनोविज्ञान को हर व्यक्ति अपने अपने हिसाब से सोचते हैं कई लोग बोलते हैं कि मनोविज्ञान एक जादू है तो दूसरी और लोग बोलते हैं कि मनोविज्ञान असामान्य लोगों को फिर से ठीक करने में प्रयोग की जाने वाली प्रक्रिया है.

जो लोग साइक्लोजी की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं तो उन्हें यह लगता है कि वे चमत्कार या पागलपन या फिर रहस्य की जानकारी जानते हैं.  

यह एक ऐसा लॉजिक है जिससे मनोवैज्ञानिक लोगों का मस्तिष्क को सुधार सकता है इसलिए इसे व्यवहार का विज्ञान दिखा जाता है.

मनोविज्ञान का उपयोग हमारे जीवन में शुरुआत से अंत तक रहती है क्योंकि साइंस में पढ़े जाने वाले अन्य विज्ञानों के साथ-साथ इस मनोविज्ञान का भी हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण उपयोग है. इसके उपयोग से हम किसी के आचरण या स्वभाव का अनुमान लगा सकते हैं.

मनोविज्ञान की इतिहास:- 

प्राचीन काल में मनोविज्ञान फिजियोलॉजी के ब्रांच के अंतर्गत आता था विद्यार्थियों के द्वारा मनोविज्ञान फिजियोलॉजी सब्जेक्ट के अंतर्गत पढ़ना पड़ता था.

Wilhelm wundt के द्वारा 1879 ईस्वी में मनोविज्ञान के लिए एक लेब  बनाया गया इसके पश्चात है.

मनोविज्ञान का एक अलग सब्जेक्ट बनाया गया जिसे अभी बहुत से विद्यार्थी जो मनोविज्ञान में इंटरेस्ट रखते हैं वे मनोविज्ञान जो फिलोसोफी विज्ञान से अलग बनाया गए बुक है उनकी अध्ययन करते हैं.

साइकोलॉजी ग्रीक के दो शब्दों से मिलकर बना होता है जिसका अर्थ निम्नलिखित है:- 

Psyche+logos

यहां psyche का मतलब आत्मा तथा logos का मतलब अध्ययन करना या विज्ञान होता है. इसका अर्थ निकलता है कि मनोविज्ञान आत्मा का अध्ययन या विज्ञान कहलाता है.

आज की जनरेशन में मनोविज्ञान के द्वारा आत्मा का अध्ययन नहीं बल्कि आश्रम का अध्ययन किया जाता है.

इस बुक के अंतर्गत हमें यह जानने को मिलता है कि लोगों की व्यवहार किस-किस कार्यों में किस तरह की होती है हर एक कार्य के लिए लोग अपना एक्सप्रेशन और आदत बदलते हैं.. 

इन सभी आदतों को हम मनोविज्ञान की मदद से जान सकते हैं.

इस मनोविज्ञान में हम लोग विभिन्न प्रकार के जीवो के आचरण और स्वभाव के बारे में अध्ययन करते हैं जिसमें मानव भी शामिल होते हैं. 

मनोविज्ञान में लोग विभिन्न प्रकार के पशु पशुओं के व्यवहार के साथ-साथ मनुष्य के आचरण का भी अध्ययन करते हैं.

ईसवी के आधार पर मनोविज्ञान को माना जाना :-

विभिन्न शताब्दियों में मनोविज्ञान को अलग-अलग रूप से माना जाता था जिसमें अलग-अलग वैज्ञानिक मनोविज्ञान को विभिन्न तरीके से परिभाषित किए हैं.

16वीं शताब्दी के मनोविज्ञान:- 

16वीं शताब्दी में मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान कहा जाता था जिसमें लोगों द्वारा इस विज्ञान के जरिए आत्मा की जानकारी अध्ययन की जाती थी.

प्लेटो अरस्तु ,भारतीय ऋषि मुनि इस शताब्दी में मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान मानते थे.

17 वीं शताब्दी के मनोविज्ञान:- 

17 वी शताब्दी में मनोविज्ञान को मन का विज्ञान माना जाता था लोगों का मानना था कि इस साइकोलॉजी विषय को पढ़कर मन के ज्ञान को अर्जित किया जा सकता है.

इसलिए सभी लोगों के द्वारा उस समय मनोविज्ञान को मन का विज्ञान माना जाता था.

19 वीं शताब्दी के मनोविज्ञान:- 

इस समय में Wilhelm wundt तथा william james मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान मानते थे उनका मानना था कि हम मनोविज्ञान को पढ़कर चेतना की जानकारी जान सकते हैं.

चेतना का विज्ञान लोगों को यह सीख देती है कि लोग अपने कार्यों को धैर्य और शालीनता पूर्वक करें.

वर्तमान समय के मनोविज्ञान:-

 अभी की जनरेशन में इस विज्ञान  को व्यवहार का विज्ञान कहा जाता है. हालांकि पहले के समय में मनोविज्ञान को कई तरीके से परिभाषित किया गया था लेकिन अभी के युग में इस विषय का ज्ञान अर्जित करना मतलब लोगों के व्यवहार के बारे में जानना.

कई विद्यार्थी मनोविज्ञान विषय को चुनकर अपनी पढ़ाई करते हैं और उससे मनोवैज्ञानिक बनते है मनोवैज्ञानिक बनने के बाद वे लोगों के हर एक कार्य के प्रति उनका व्यवहार आसानी से जान सकते.

हर एक व्यक्ति का अलग अलग व्यवहार होता है जो अपने कार्यों के प्रति वे अपने व्यवहार को व्यक्त करते हैं.

कई लोग वार्तालाप करते हुए अपने व्यवहार को व्यक्त करते हैं तो किसी लोगों को किसी की बात सुनकर उनके व्यवहार के बारे में अनुमान हो जाता है. 

इस प्रकार लोगों के व्यवहार को जानने के लिए मनोविज्ञान सब्जेक्ट को पढ़ा जाता है तब जाकर एक साइक्लोजेस्ट किसी अन्य व्यक्ति के व्यवहार जानकर उनके बारे में पता कर सकता है. 

कभी-कभी असामान्य व्यक्तियों के दिमाग को पहचान कर उसे सामान्य व्यक्ति में परिवर्तित करना एक मनो वैज्ञानिक का कार्य होता है.

यदि कोई व्यक्ति बहुत ही उदास फील करता है या किसी चीज से अत्यधिक परेशान रहता है तो ऐसे में कभी-कभी कई ऐसे लोग होते हैं जिनका दिमाग काम करना कम कर देता है.

इसलिए इस प्रकार के लोगों को मानसिक रूप से ठीक करने के लिए एक मनोवैज्ञानिक की जरूरत होती है जो उस व्यक्ति के दिमाग को पढ़कर अपने मानव विज्ञान के जानकारियों से उसके अनुसार उनसे बातें कर के उनका दिमाग सामान्य व्यक्ति के रूप में परिवर्तित करता है.

सबसे पहले इस शब्द का प्रयोग कहां हुआ:- 

सर्वप्रथम मनोविज्ञान का शब्द का प्रयोग 1590 ईस्वी में Rudolpa Gockel जो एक महान मनोवैज्ञानिक थे उनके द्वारा फिजियोलाजिया नामक किताब में किया गया था.

इसका प्रयोग फिजियोलॉजी बुक में होने के बाद यह शब्द पूरे दुनिया में फैल गया जिससे आज हम इस शब्द से रूबरू होते हैं और इसका मतलब जानने के लिए इच्छुक रहते हैं.

साइकोलॉजी का विषय:- 

जैसा कि आपको पता है पहले की जनरेशन में मनोविज्ञान फिजियोलॉजी के अंतर्गत आता था जिसमें विद्यार्थी गण मानव विज्ञान को फिजियोलॉजी सब्जेक्ट के अंतर्गत पढ़ा करते थे. लेकिन वर्तमान समय में मनोविज्ञान सब्जेक्ट एक अलग सब्जेक्ट होता है जिसे विद्यार्थियों के द्वारा पढ़ा जाता है.

इस विषय के अंतर्गत विद्यार्थी बिहेवियर का अध्ययन करते हैं क्योंकि वर्तमान समय में मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान कहा जाता है, इस विषय के अंतर्गत बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक को पढ़ना होता है जैसे:- 

  1. Sensation.
  2. perception.
  3. attention.
  4. learning.
  5. thinking memory.

मनोविज्ञान के प्रति वाटसन के विचार:- 

मानव विज्ञान के बारे में वाटसन का विचार यह है की यह व्यवहार का निश्चित या शुद्ध विज्ञान होता है जिससे लोगों के आंतरिक स्वभाव को परखा जा सकता है.

मैकडुगल वैज्ञानिक का विचार साइकोलॉजी विषय में क्या है?

मैकदुगल वैज्ञानिक मनोविज्ञान के तरफ नजर डालते हुए यह बताते हैं कि मनोविज्ञान आचरण और व्यवहार का विज्ञान है जिससे हम यदि इस विजय को सीखते हैं तो हम किसी के भी आचरण और स्वभाव का पता लगा सकते हैं.

गुडवर्थ के द्वारा मनोविज्ञान के बारे में बताए गए तथ्य:- 

इनके द्वारा यह बताया गया है कि मानव विज्ञान वातावरण के संपर्क में होने वाले व्यवहार विज्ञान है.

क्रो एंड क्रो के अनुसार:- 

इस वैज्ञानिक के द्वारा यह कहा जाता है कि मनोविज्ञान मानव व्यवहार तथा मानव संबंधों का अध्ययन है जिससे हम सभी जीव जंतुओं के व्यवहार के साथ-साथ मानव के व्यवहार और मानव की हर एक क्रियाकलापों की जानकारी जान पाने में सक्षम होंगे.

विभिन्न प्रकार के जीवो के द्वारा किए गए कार्यों में उनका व्यवहार कैसा रहता है इसकी जानकारी हमें मनोविज्ञान से मिलेगी.

बहुत सारे बच्चे इस विषय को पढ़ने में इंटरेस्ट दिखाते हैं और आगे की पढ़ाई इस विषय को लेकर ही पड़ते हैं जिससे वह एक साइकोलॉजिस्ट बन पाते हैं.

मनोविज्ञान के संप्रदाय:- 

मनोविज्ञान एक ऐसी विज्ञान है जिससे हम लोगों के व्यवहार तथा जानवरों के व्यवहार और आचरण के बारे में जान पाते हैं. इस विषय को पढ़ने के बाद बहुत से ऐसे तथ्य हैं जो हमें जानने को मिलता है इसलिए बहुत से विद्यार्थी मनोविज्ञान को अपना फेवरेट विषय मानते हैं.

मनोविज्ञान के संप्रदाय विभिन्न प्रकार के होते हैं:- 

  • संरचनावाद जिसे wilhelm wundt के द्वारा बनाया गया है.
  • मनोविश्लेषणवाद इस मनोविज्ञान संप्रदाय को Sigmund Freud ने बनाया.
  • व्यवहारवाद, इसे JB.watson ने खोजा.
  • गेस्टाल्ट वाद का जनक Max Wertheimer है.

निष्कर्ष:- 

मनोविज्ञान सभी विज्ञान में से एक महत्वपूर्ण विषय है जिससे हमें व्यक्तियों के और अन्य पशुओं के व्यवहार के बारे में जानकारी मिलती है इसलिए बहुत से विद्यार्थी इस विषय के साथ अपनी पढ़ाई को पूरी करते हैं. 

आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से “मनोविज्ञान क्या है? “तथा इसके इतिहास और संप्रदाय की जानकारी विस्तार पूर्वक बताई. 

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Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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