हर देश में अपने सुरक्षा इंतेज़ाम को पुख्ता बनाये रख्नने के लिए विभाग बना रहता है.
हर देश अपने सुरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाकर इसे और विकसित करने की ओर अग्रसर रहता है.
भारत में भी इस काम को करने के लिए एक विभाग है जिसे डीआरडीओ के नाम से जानते हैं लेकिन शायद ही कुछ लोग होंगे जिन्हें पता होगा कि DRDO का पूरा नाम क्या है (DRDO Full Form).
अगर आप भी इच्छा रखते हैं कि अब जान सके कि इस शब्द का हिंदी में पूरा नाम क्या है और इसका अर्थ क्या होता है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें.
DRDO का फुल फॉर्म क्या है – What is the full form of DRDO in Hindi?
DRDO का फुल फॉर्म Defence Research & Development Organisation है.
इसका हिंदी में पूरा नाम डिफेन्स रिसर्च एंड डेवेलोपमेंट आर्गेनाइजेशन है. जिसका अर्थ है रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली एक एजेंसी है.
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है.
इसकी स्थापना 1958 में रक्षा विज्ञान संगठन और कुछ तकनीकी विकास प्रतिष्ठानों को मिलाकर किया गया था.
यह भारत का सबसे बड़ा अनुसन्धान केंद्र है.
इसमें विभिन्न क्षेत्रों को कवर करने वाली डिफेन्स से जुडी टेक्नोलॉजी को विकसित करने में लगी प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है, जैसे कि एयरोस्पेस, मिसाइल टेक्नोलॉजी, जमीनी लड़ाई के लिए बेहतरीन हथियार, जीवन विज्ञान, और नौसेना प्रणाली.
अखिल डीआरडीओ की शुरुआत कैसे हुई आपको जानने को इच्छुक होंगे तो आपको बता दूं कि इस परियोजना की शुरुआत जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल को बनाने के लिए प्रोजेक्ट इंडिगो के नाम से किया गया था.
वैसे इसे थोड़ी सफलता मिली जिसकी वजह से इसे बंद कर दिया गया था.
स्थापित होने के बाद से इस ने प्रमुख प्रणालियों और विमान एवियोनिक्स, आर्टिलरी सिस्टम, ईडब्ल्यू सिस्टम, यूएवी, छोटे हथियार, टैंक और बख्तरबंद वाहन, सोनार सिस्टम, कमांड और कंट्रोल सिस्टम और मिसाइल सिस्टम जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों को विकसित करने में कई सफलताएं हासिल की हैं.
इस विभाग ने मार्च 2019 में भारत की पहली एंटी-सैटेलाइट प्रणाली विकसित की जिसने भारत को अंतरिक्ष महाशक्तियों में से एक बना दिया.
फिर समय आया 2016 की जब इसने अपने पहले स्वदेशी रूप से विकसित हेवी-ड्यूटी ड्रोन, रूस्तम 2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो कि अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन की तर्ज पर विकसित एक मानवरहित सशस्त्र लड़ाकू वाहन है.
इस विभाग ने भारत की पहली परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी INS अरिहंत का सह-विकास किया जो 2018 में शुरू किया गया.
इस ने अपने इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत कई बैलिस्टिक मिसाइलें भी विकसित की हैं, जिनमें पृथ्वी, त्रिशूल, अग्नि, आकाश और नाग जैसी मिसाइलें शामिल हैं.
निष्कर्ष
हर देश में इस तरह क विभाग होता है. इसका मुख्य कर्तव्य देशहित में नए तार्किंक के द्वारा सुरक्षा को कड़ा करना होता है.
इसी से जुडी जानकारी हमने आज यहाँ पर शेयर की है. आपने यहाँ जाना की DRDO का फुल फॉर्म क्या है (What is the full form of DRDO in Hindi)?
उम्मीद करते हैं की ये पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी.